2002 में 14 साल की एक लड़की पर एसिड अटैक करने के मामले में अलीगढ़ पुलिस ने आरिफ को गिरफ्तार किया है। पीड़िता मूल रूप से अलीगढ़ की रहने वाली है। आगरा में नौकरी करने के दौरान उसने यूपी पुलिस के अधिकारी राजीव कृष्ण को अपनी आपबीती सुनाई थी। उनसे हौसला मिलने के बाद जनवरी 2023 में इस हमले को लेकर एफआईआर दर्ज कराई। केस अलीगढ़ ट्रांसफर किया गया और 27 अक्टूबर को आरिफ पकड़ा गया।
तेजाब हमला झेलने वाली यह पीड़िता करीब दो दशक तक अपने परिवार के दबाव में चुप रही थी। दरअसल, आरिफ उसकी बहन का देवर है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह घटना सितंबर 2002 की है। तब पीड़िता की उम्र 14 साल थी। वह अपनी बहन के ससुराल गई हुई थी। यहाँ बहन के देवर आरिफ ने उस पर तेजाब फेंक दिया था।
इस हमले में पीड़िता के चेहरे के साथ शरीर के कई अंग बुरी तरफ से झुलस गए थे। लम्बे समय तक चले इलाज के बाद पीड़िता को बचाया जा सका था। तब घर-परिवार और रिश्तेदारों के दबाव में इस मामले में केस दर्ज नहीं हो पाया था।
2014 में पीड़िता की आगरा के शीरोज हैंग आउट कैफे में नौकरी लग गई। यह कैफे एसिड अटैक पीड़िताओं को नौकरियों में प्राथमिकता देता है। दिसंबर 2022 में इस कैफे में आगरा जोन पुलिस के ADG आईपीएस राजीव कृष्ण का आना हुआ। एसिड पीड़िताओं से मुलाकात के दौरान राजीव कृष्ण की जानकारी में 21 साल पहले अलीगढ़ में घटी ये घटना आई। उन्होंने पीड़िता को न्याय दिलाने का भरोसा दिया। इसी क्रम में जनवरी 2023 को ADG के निर्देश पर आगरा के एत्माद्दौला थाने में आरिफ के खिलाफ FIR दर्ज की गई।
फिर केस अलीगढ़ ट्रांसफर किया गया। अलीगढ़ के रोरावर थाने से इस केस की जाँच करवाई गई। केस IPC की धारा 326- A (तेज़ाब से गंभीर हानि पहुँचाने की कोशिश) के तहत दर्ज हुआ था। आखिरकार 27 अक्टूबर को आरिफ को गिरफ्तार कर लिया गया। अलीगढ़ पुलिस के DSP अभय कुमार पांडेय ने भी कार्रवाई की पुष्टि की है। अब 35 साल की हो चुकी पीड़िता ने खुद को 21 साल बाद मिले न्याय पर ख़ुशी जताई है।