उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ स्थित दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। बुधवार (22 जुलाई, 2020) के दिन सरकारी डॉक्टर तुफैल अहमद ने 25 साल की युवती के साथ ज़्यादती और दुष्कर्म करने का प्रयास किया। ऐसा उस डॉक्टर ने तब किया, जब कोरोना वायरस से प्रभावित पाए जाने के बाद अस्पताल के आइसोलेशन वॉर्ड में उसका उपचार चल रहा था।
तुफैल अहमद (30) नाम के डॉक्टर को एक होटल से गिरफ्तार किया जा चुका है, जहाँ उसने काम करने के बाद खुद को क्वारंटाइन किया था। युवती द्वारा दर्ज की गई शिकायत के आधार पर डॉक्टर के खिलाफ FIR हुई है। पीड़ित लड़की दिल्ली की एक निजी कंपनी में काम करती है और कोरोना वायरस के लक्षण मिलने के बाद उपचार के लिए अलीगढ़ आई थी।
सोमवार के दिन लड़की को अस्पताल में भर्ती किया गया था और एक ही दिन बाद वह कोरोना वायरस से प्रभावित पाई गई थी। युवती द्वारा लगाए गए आरोपों के आधार पर डॉक्टर तुफैल अहमद मंगलवार की रात को उसके वार्ड में दाखिल हुआ। इसके बाद युवती की जाँच करने का बहाना बना कर उसे गलत तरीके से छूने लगा और उसके साथ ज्यादती करने लगा।
हैरानी की बात यह है कि एक रात पहले की गई हरकत को डॉक्टर तुफैल अहमद ने बुधवार की सुबह भी दोहराई। तुफैल की दो बार की हरकतों के बाद युवती ने उसके विरुद्ध मामला दर्ज कराया।
पुलिस ने भी इस मामले पर कुछ जानकारी दी है। पुलिस का कहना है कि इस घटना के बाद डॉक्टर बिना दस्ताने और पीपीई किट पहने आइसोलेशन वार्ड चला गया। इलाके के सीओ अनिल समानिया ने इस बारे में टाइम्स ऑफ़ इंडिया से बातचीत भी की। बातचीत में उन्होंने बताया डॉक्टर तुफैल पर धारा 376 (2) d के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है।
शहर के एडीशनल मजिस्ट्रेट रणजीत सिंह ने भी घटना के बाद अस्पताल का दौरा किया। इसके बाद टाइम्स ऑफ़ इंडिया से बातचीत में बताया कि मामले की रिपोर्ट चीफ मेडिकल सुप्रिटेंडेंट को दे दी गई है। फिलहाल पुलिस ने भी डॉक्टर तुफैल अहमद पर मामला दर्ज कर लिया है।
हॉस्पिटल में छेड़छाड़ की यह पहली घटना नहीं है। इसके पहले एक और मामला सामने आया था, कानपुर का चमनगंज कोरोना वायरस संक्रमण का हॉटस्पॉट था। इस इलाके में संदिग्धों की जाँच करने गई मेडिकल टीम की नर्सों से छेड़छाड़ करने की घटना सामने आई थी। इस मामले में कलीम, अमजद अंसारी, बजी अहमद और सलीम को गिरफ्तार किया गया। इनके खिलाफ छेड़खानी, अश्लीलता, जान से मारने की धमकी और सरकारी कार्य में बाधा डालने आदि धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था।
घटना अप्रैल 11, 2020 की दोपहर को हुई थी। चमनगंज निवासी ये आरोपित पिछले कई दिनों से नर्सों के साथ छेड़छाड़ कर रहे थे। जब मेडिकल टीम वहाँ पर संदिग्धों की जाँच करने पहुँची तो आरोपितों ने नर्सों के साथ अभद्रता की। गाली-गलौज करते हुए उन पर फब्तियाँ कसी, साथ ही अश्लील हरकतें भी की।
एक अलग तरह की घटना में राँची के एक क्वारंटाइन सेंटर और उसके बाद जेल में 111 दिनों से प्रशासन व पुलिस की निगरानी में रह रहीं तबलीगी जमात की 3 विदेशी महिलाएँ गर्भवती पाई गई थीं। मंगलवार (जुलाई 21, 2020) को यह मामला तब सामने आया था, जब तीनों तबलीगी महिलाएँ और उनके पति समेत कुल 17 विदेशी जेल से बाहर निकले।
तबलीगी जमात से जुड़े 17 विदेशियों को झारखंड हाईकोर्ट से राहत मिलने के बाद गत बुधवार (जुलाई 15, 2020) को सुनवाई के बाद सभी को जमानत प्रदान करने का निर्देश दिया गया। इन्हें राँची पुलिस ने हिंदपीढ़ी की एक मस्जिद से गिरफ्तार किया था। इनमें मलेशिया, हॉलैंड, इंग्लैंड, जांबिया की चार महिला और 13 पुरुष शामिल थे।
इनमें पाँच विदेशी महिलाएँ, उनके पति और बाकी पुरुष गत 17 मार्च को दिल्ली स्थित निजामुद्दीन मरकज से होकर वापस राँची गए थे। इसके बाद, 30 मार्च को पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। ऐसे में लोगों का सवाल है कि क्वारंटाइन सेंटर और पुलिस हिरासत में आखिर यह कारनामा कैसे सम्भव हुआ?