भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधिकारी रहे केके मुहम्मद के सम्मान में आयोजित एक समरोह को रद्द करना पड़ा है। इस्लामिक कट्टरपंथियों ने इस कार्यक्रम को रद्द करने की धमकी आयोजकों को दी थी। मुहम्मद ने ही सबसे पहले बताया था कि अयोध्या में खुदाई में इस बात के सबूत मिले हैं कि जिस जगह बाबरी मस्जिद बनी है वह असल में मंदिर था।
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी ओल्ड स्टूडेंट्स एसोसिएशन, केरल (AMUOSAK) की ओर से पद्मश्री मुहम्मद को सम्मानित करने के लिए समारोह का आयोजन किया गया था। कई मुस्लिम छात्र संगठन इसका विरोध कर रहे थे। वे बाबरी मस्जिद को राम मंदिर बताने वाले मुहम्मद बयानों पर एतराज जता रहे थे।
सम्मान समारोह शनिवार को सर सैयद डे के मौके पर कोझीकोड के फारूक कॉलेज में होना था। मुहम्मद एएमयू के छात्र रहे हैं, इसलिए AMUOSAK ने उन्हें सम्मानित करने की योजना बनाई थी। कार्यक्रम का उद्धाटन राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान को करना था। राज्यपाल खान भी एएमयू के छात्र रहे हैं।
मुहम्मद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के क्षेत्रीय निदेशक रह चुके हैं। 1976-77 में अयोध्या में खुदाई करने वाली पहली टीम के वे सदस्य थे। एएसआई की टीम ने कहा था कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि बाबरी मस्जिद के नीचे भगवान विष्णु का मंदिर है।
लेकिन, कई मुस्लिम संगठन उनको सम्मानित करने का विरोध कर रहे थे। इनमें मुस्लिम स्टूडेंट्स फेडरेशन (MSF), IUML का छात्र संगठन और और सुन्नी स्टूडेंट्स फेडरेशन (SSF) ने आयोजन के विरोध में प्रदर्शन किया था। उन्होंने आरएसएस की मदद के लिए मुहम्मद पर ऐतिहासिक तथ्यों को तोड़ मरोड़कर पेश करने का आरोप लगाया। उनका कहना था कि ऐसे शख्स का सम्मान किया जाना अनुचित है।
He is already on target.Recently an event which was organised to honor him had to be cancelled due to pressure from Muslim Groups. It’s better to provide security cover to him @AmitShah @HMOIndia pic.twitter.com/HV81h0Z2PJ
— ?? Prabhat Yadav ?? (@prabhatkumar76) October 19, 2019
इस्लामिक संगठनों की तर्ज पर ही अतीत में कई वामपंथी इतिहासकार भी मुहम्मद पर इसी तरह का आरोप लगा चुके हैं। कई ने तो उस टीम में उनके शामिल होने के दावे पर ही सवाल उठाए थे। हालॉंकि ऐसे सारे आरोप निराधार साबित हो चुके हैं। इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश पर की गई खुदाई ने भी उन तथ्यों की पुष्टि की थी जिसका जिक्र लगातार मुहम्मद करते रहे हैं।