उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले में मंगलवार (18 जून 2024) को औरंगज़ेब उर्फ़ मोहम्मद फरीद की संदिग्ध हालात में मौत हो गई। मृतक के परिजनों ने इसे हत्या बताकर 10 नामजद आरोपितों के खिलाफ तहरीर दी है। अब तक 6 आरोपित गिरफ्तार कर लिए गए हैं। वहीं, आरोपितों के परिजन औरंगजेब को चोर बता रहे हैं, जो उनके घर में चोरी करने के उद्देश्य से घुसा था।
अलीगढ़ के मामू-भांजा इलाके के उद्योग युवा व्यापर मंडल ने आरोपित हिन्दुओं के समर्थन में मोर्चा खोल दिया है। गुरुवार (20 जून 2024) को कई व्यापारियों ने स्थानीय भाजपा सांसद को ज्ञापन देकर खुद को चोरों से पीड़ित बताया। उन्होंने आरोपित हिन्दुओं पर गलत धाराओं में कार्रवाई किए जाने का आरोप लगाया और कहा कि हलाल प्रोडक्ट के बहिष्कार की वजह से वे मुस्लिमों के निशाने पर हैं।
अलीगढ़ का मामू-भांजा इलाका गाँधी पार्क थाना क्षेत्र में पड़ता है। इसी क्षेत्र में रेडियो मार्केट नाम का क्षेत्र है, जहाँ सैकड़ों व्यापारियों के प्रतिष्ठान हैं। यहाँ के अधिकांश व्यापारी हिंदू हैं। फरीद उर्फ़ औरंगज़ेब की हत्या में नामजद किए गए लगभग आधे दर्जन आरोपित इसी बाजार के कारोबारी हैं और वे अलग-अलग तरह के कारोबार में संलग्न हैं।
अलीगढ़ से भाजपा सांसद सतीश गौतम 20 जून (गुरुवार) को इस बाजार में गए थे। यहाँ दर्जनों व्यापारियों ने एकजुट होकर उन्हें ज्ञापन दिया। ज्ञापन में कहा गया है कि जिस घटना में IPC की धारा 304 के तहत कार्रवाई की जानी थी, उसमें मुस्लिमों के दबाव की वजह से भारतीय दंड संहिता की धारा 302 लगाई गई है।
लगे गैर-इरादतन हत्या की धाराएँ
राजेश गर्ग, राहुल गर्ग, सुनील राजनी, पंकज अग्रवाल, किशन अरोड़ा सहित कई व्यपारियों का कहना है कि मृतक औरंगजेब से नामजद लोगों की पहले से कोई दुश्मनी नहीं थी। जिन व्यापारियों को इस मामले में आरोपित किया गया है, उनका भी कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है। इसलिए यह घटना जानबूझकर अंजाम नहीं दिया गया है।
कहा जा रहा है कि औरंगज़ेब चोरी करते हुए पकड़ा गया था। इसके बाद लोगों का गुस्सा फूट पड़ा था और लोगों ने उसकी पिटाई कर दी थी। आरोपितों का दावा है कि औरंगज़ेब को जीवित हालत में पुलिस को सौंपा गया था। ऐसे में बाद में किसी हालात में औरंगजेब की मौत हो जाती है तो अधिक से अधिक गैर-इरादतन हत्या का मुकदमा चलना चाहिए, ना कि 302 IPC में।
हलाल प्रोडक्ट पर कार्रवाई के समर्थन के बाद निशाने पर
बीजेपी सांसद को दिए गए ज्ञापन में व्यापारियों ने इस बात को प्रमुखता से बताया है कि वो सभी देश और विदेश के साजिशकर्ताओं के निशाने पर हैं। अपने खिलाफ साजिश की मूल वजह व्यापर युवा मंडल ने हलाल प्रोडक्ट का बहिष्कार करना बताया है। व्यापारियों के मुताबिक, फरवरी 2024 में जब उत्तर प्रदेश शासन ने हलाल उत्पादों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की थी, तब बाजार ने पूरा समर्थन दिया था।
बाजार में सभी व्यापारियों ने हलाल सामान लेने और देने पर रोक लगा दी थी। व्यापारियों का आरोप है कि इसी बॉयकॉट का गुस्सा उनको कातिल और अन्य आरोप लगाकर उतारा जा रहा है। उनका यह भी कहना है कि विदेशों से हो रहे ट्वीट और स्थानीय कुछ संदिग्धों की हरकतें उनके आरोपों को मजबूती देते हैं।
व्यापारियों ने अपने ज्ञापन में यह भी आशंका जताई है कि आने वाले भविष्य में भी मामू-भांजा इलाके के कारोबारियों को किसी ना किसी साजिश का शिकार बनाया जा सकता है। उन सभी ने सामूहिक तौर पर शासन से संरक्षण की माँग की है। उन्होंने व्यापारियों को बदनाम करने के लिए प्रोपेगेंडा फैलाने का भी आरोप लगाया।
चोर और डकैत हमें आराम से लूट सकें, इसलिए सारा प्रोपोगेंडा
अलीगढ़ के स्थानीय व्यापारियों द्वारा भाजपा सांसद को दिए गए ज्ञापन में कहा गया है कि इस तरह का प्रोपेगेंडा फैलाने का उद्देश्य यह भी है कि भविष्य में यदि उनके यहाँ चोरी आदि की घटनाएँ होती हैं तो वे डर कर शिकायतें ना करें। इन सभी ने एकजुट होकर बताया है कि यहाँ पहले भी कई चोर पकड़े गए है, जिनमें अधिकतर वर्ग विशेष (मुस्लिम समुदाय) से हैं।
व्यापारियों का कहना है कि एक साजिश के तहत फैलाए जा रहे इस तरह के साम्प्रदायिक एंगल से उनके कारोबार को काफी नुकसान हो रहा है। व्यापारियों ने यह भी दावा किया है कि यहाँ घटना को लेकर हंगामा इसलिए भी किया जा रहा है, जिससे वो चोरी आदि की घटनाओं को व्यापारी नजरअंदाज करते रहें और कोई ऐक्शन ना लें।