कमलेश तिवारी हत्याकांड में पुलिस ने किसी भी एंगल, यानी हत्या की किसी भी वजह को असम्भव नहीं माना है। पुलिस सभी संभावनाओं पर तफ्तीश कर रही है। टाइम्स ऑफ़ इंडिया के वरिष्ठ पत्रकार राज शेखर झा ने ट्वीट कर पुलिस और इंटेलिजेंस के अधिकारियों के हवाले से यह जानकारी दी है।
Top Intelligence and police officials have confirmed that no angle has been ruled out in the #KamleshTiwari case. “All angles are being probed. Too early to comment.. Give us some time,” a top officer said just now. Plz avoid conjectures.
— Raj Shekhar Jha (@rajshekharTOI) October 18, 2019
फिर कैसे दे रहे ISIS को क्लीन चिट?
अगर राज शेखर झा के ट्वीट और उनकी जानकारी को सही मानें तो सवाल यह उठता है कि उस सूरत में उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) कैसे ISIS के हाथ और ईनाम के लालच में हत्या से इंकार कैसे कर रहे हैं। गौरतलब है कि टाइम्स नाउ ने उनके हवाले से यह दावा किया है कि पुलिस जिहादी संगठन ISIS (इस्लामिक स्टेट) और कमलेश तिवारी के सिर पर रखे गए ईनाम के एंगल पर जाँच नहीं कर रही है।
#Breaking | U.P Additional Chief Secy (Home) confirms both ISIS terror angle & bounty hunting ruled out in Kamlesh Tiwari murder case. pic.twitter.com/b3GbjnWHFd
— TIMES NOW (@TimesNow) October 18, 2019
ज़्यादा संभावना इस बात की है कि पुलिस को मामले में किसी भी ‘एंगल’ के सबूत अब तक न मिले हों, जिसमें कोई आश्चर्य नहीं किया जा सकता, क्योंकि हत्या को अभी 24 घंटे भी नहीं हुए हैं। ऐसे में सबूत न मिलने को बहुत सम्भव है कि मीडिया में क्लीन चिट मिलने के रूप में दिखाया जा रहा है। यही बात स्वराज्य की पत्रकार स्वाति गोयल-शर्मा ने भी कही।
Of course. Had to be too early to say anything. But reporters often misreport police statements. ‘There is no evidence yet of x killing y’ is written as ‘police rules out possibility of x killing y’. Have seen it often https://t.co/kGFxfsYS6D
— Swati Goel Sharma (@swati_gs) October 18, 2019
दो साल पहले पकड़े गए थे कमलेश को मारने आए आतंकी
एक ट्विटर यूज़र ने इस बीच दो साल पहले की TV9 गुजराती की खबर साझा की है, जिसमें कमलेश तिवारी को ही मारने आए ISIS जिहादियों के पकड़े जाने की बात है। दोनों आतंकियों उबैद मिर्ज़ा और कासिम से पूछताछ गुजरात ATS के अलावा केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों ने भी की थी।
i’ve doubt on UP police https://t.co/t7kDPvZWpD
— Monica (@shriXDF) October 18, 2019