अयोध्या में राम मंदिर के भूमि पूजन पर रोक लगाने वाली याचिका को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने आज (जुलाई 24, 2020) सुनवाई के बाद खारिज कर दिया। यह याचिका दिल्ली के वकील और कॉन्ग्रेस पार्टी समर्थक साकेत गोखले ने डाली थी। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि याचिका केवल आशंकाओं पर आधारित है, इसमें तथ्य नहीं हैं।
न्यायाधीश गोविंद माथुर तथा न्यायमूर्ति एसडी सिंह की पीठ ने साकेत गोखले की याचिका खारिज करते हुए कहा कि याचिका कल्पनाओं पर आधारित है। कोर्ट ने कहा, “हम आयोजकों व राज्य सरकार से अपेक्षा करते हैं कि वे सामाजिक व शारीरिक दूरी बनाए रखने के दिशा-निर्देशों के अनुसार कार्यक्रम करेंगे।”
“We expect the organizers and the Government of Uttar Pradesh would ensure all the protocol applicable for social and physical distancing”, said the Allahabad HC while dismissing PIL by @SaketGokhale to restrain “Bhoomi Pujan”of Ram Mandir at Ayodhya.https://t.co/9FQoOOrjfX
— Live Law (@LiveLawIndia) July 24, 2020
गौरतलब है कि इससे पहले चीफ जस्टिस ने लेटर पिटीशन को जनहित याचिका के तौर पर स्वीकार करते हुए भूमि पूजन के कार्यक्रम पर रोक लगाने की माँग में दाखिल याचिका की सुनवाई की। दिल्ली के पत्रकार साकेत गोखले की ओर से दाखिल PIL में कहा गया था कि राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन कोरोना के अनलॉक-2 गाइडलाइन का उल्लंघन है।
इसमें कहा गया था कि भूमि पूजन में लोग इकट्ठा होंगे, जो कोरोना के नियमों के विपरीत होगा। ये भी कहा गया था कि भूमि पूजन का कार्यक्रम होने से कोरोना के संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ेगा और उत्तर प्रदेश सरकार केंद्र की गाइडलाइन में छूट नहीं दे सकती। कोरोना संक्रमण के कारण ही बकरीद पर सामूहिक नमाज की इजाजत नहीं दी गई है और सैकड़ों लोगों की उपस्थिति में कार्यक्रम होने जा रहा है।
गौरतलब है कि साकेत गोखले सोशल मीडिया पर मोदी सरकार और इसके कामकाज को लेकर फेक और भ्रामक खबरें फैलाने के लिए जाने जाते हैं।
यहाँ बता दें अयोध्या में राम मंदिर के भूमि पूजन के लिए 5 अगस्त की तारीख तय हुई है। इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री मोदी सुबह 11 बजे अयोध्या पहुँचेंगे। बताया जा रहा है कि पीएम मोदी सुबह 11 बजे से दोपहर 1 बजकर 10 मिनट तक अयोध्या में रहेंगे। 5 अगस्त को भूमि पूजन का कार्यक्रम सुबह 8 बजे शुरू होगा।