इलाहाबाद हाई कोर्ट ने भारत में जेल में बंद एक बांग्लादेशी महिला हिना रिजवान को जमानत दे दी। महिला अपने बच्चों के साथ अवैध रूप से भारत में रही थी। उसकी वीजा की अवधि समाप्त हो चुकी थी। इस मामले में पुलिस ने उसे पति-बच्चों सहित गिरफ्तार कर लिया था। हिना ने वकील ने कहा कि महिला के 5 बच्चे हैं, जिनमें तीन लड़कियाँ हैं। इसलिए उसे जमानत दी जाए।
हिना रिजवान को जमानत देने का फैसला इलाहाबाद हाई कोर्ट के न्यायाधीश राजीव मिश्रा ने दिया है। हिना रिजवान के खिलाफ 11 दिसंबर 2022 को कानपुर नगर के मूलगंज थाने में धोखाधड़ी, फर्जी दस्तावेज तैयार करने, आपराधिक षडयंत्र और विदेशी नागरिक अधिनियम की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था। तब से वह जेल में बंद है।
महिला की ओर से पक्ष रख रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अनूप त्रिवेदी ने कोर्ट में दलील दी कि हिना रिजवान के पाँच छोटे बच्चे हैं, जिनमें तीन लड़कियाँ हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले में याची के तीन बच्चों की जमानत पहले ही मंजूर हो चुकी है। कोर्ट ने अनूप त्रिवेदी की दलील को मान लिया और कुछ शर्तों के साथ ही याची को जमानत पर रिहा करने का आदेश दे दिया।
कानपुर पुलिस ने इस मामले में अन्य आरोपितों के अलावा समाजवादी पार्टी के विधायक इरफान सोलंकी और एक सभासद के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। महिला हिना रिजवान ने जमानत के लिए सेशन कोर्ट में जमानत अर्जी दाखिल की थी। हालाँकि, वहाँ से जमानत अर्जी खारिज होने के बाद उसने हाई कोर्ट में जमानत के लिए याचिका दाखिल की थी।
आरोप है कि हिना ने बांग्लादेशी नागरिक रिजवान मोहम्मद के निकाह किया था। इसके बाद वह बांग्लादेश चली गई और वहाँ की नागरिकता ले ली थी। बांग्लादेश से वह वीजा लेकर भारत आई थी। वीजा 2018 तक के लिए मान्य था। इसके बाद भी वह फर्जी दस्तावेजों के आधार पर भारत में ही रुकी रही। कहा जाता है कि फर्जी दस्तावेज बनवाने में इरफान सोलंकी ने मदद की थी।
इरफान सोलंकी पर बांग्लादेशी मुस्लिमों को भारतीय नागरिक होने का सर्टिफिकेट देने और दंगों के आरोपितों के साथ नजदीकी संबंध होने के भी आरोप हैं। हिना रिजवान के कागजों को इरफान सोलंकी ने वेरिफाई किया था। इनके पास से कई पासपोर्ट और आधार कार्ड बरामद किए गए थे। इनमें से एक कई देशों की यात्रा भी कर चुका था और उसके पास तमाम देशों की करेंसी भी बरामद हुई थी।
हिना रिजवान के पति मोहम्मद रिजवान ने पुलिस को बताया था कि वह कमाई के लिए हवाला का काम करता था, लेकिन वह देशद्रोही नहीं है। उसने यह भी बताया था कि हवाला के काम के लिए वह पाकिस्तान समेत कुछ अन्य देशों की यात्रा कर चुका है। इन सभी देशों में जाने के लिए वह बांग्लादेशी पासपोर्ट का इस्तेमाल करता था। वह पहले बांग्लादेश में एक होटल चलाता था।
पुलिस ने जब रिजवान और उसके परिवार का बैंक डिटेल खंगाला तो पता चला कि परिवार के पास चार बैंक खाते हैं। रिजवान के बैंक खाते में नवंबर महीने में 8 लाख रुपए ट्रांसफर किए गए थे। रुपए किसने भेजे थे, इसकी जानकारी नहीं मिल पाई है। फिलहाल पुलिस उसके और उसके परिवार के अन्य लोगों के डिटेल खंगाल रही है।
वहीं, जाँच में यह भी पता चला है कि रिजवान का परिवार महीने के 2 लाख रुपए खर्च कर रहा था, जबकि परिवार के पास आमदनी का कोई जरिया नहीं है। उसने पुलिस को बताया था कि वह हवाला का कारोबार करता है। हालाँकि, वह यह नहीं बताया कि पैसे कहाँ लगाता (investment) है। पुलिस को सबूतों के बिना इसे साबित करना मुश्किल होता जा रहा है।
पुलिस को रिजवान के घर छापेमारी के दौरान लगभग 14 लाख रुपए नकद मिले थे। उसके अलावा उसके घर से विदेशी करेंसी और महँगे गहने भी मिले थे। जाँच में तो यह बात भी सामने आई है कि रिजवान ने बांग्लादेश में करोड़ों रुपए की संपत्ति बनाई है। ऐसे में सवाल है कि जब रिजवान कोई काम नहीं करता तो उसके पास इतना रुपया कहाँ से आया। उसके खाते में रुपए कहाँ से आ रहे थे और कौन भेज रहा था।