धार्मिक, ऐतिहासिक कॉमिक्स और ग्राफिक उपन्यासों के लिए जाने जाने वाले प्रतिष्ठित कॉमिक्स प्रकाशक ‘अमर चित्र कथा (ACK)’ ने हाल ही में विवादित वामपंथी लेखिका अरुंधति रॉय के बारे में अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक पोस्ट शेयर किया। ‘द अमर चित्र कथा स्टूडियो’ ने अपनी पोस्ट में रॉय के जीवन और करियर के बारे में बात की। उन्होंने लिखा, “1961 में शिलांग में जन्मी अरुंधति रॉय एक आर्किटेक्ट, स्क्रीनप्ले राइटर और लेखिका हैं।”
ACK ने लिखा, “उनका पहला उपन्यास ‘द गॉड ऑफ स्मॉल थिंग्स’ ने 1997 में बुकर पुरस्कार जीतकर इतिहास रचा। कथा साहित्य के अलावा उन्होंने विभिन्न राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों के बारे में नॉन-फिक्शन किताबें और निबंध लिखे हैं। पटकथा लेखन में उनके काम की भी सराहना की गई है। उनकी पहली पटकथा को राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला है।”
Arundhati Roy, whom we all know to be an obnoxious Bharat- hater, has been consistently working on an agenda against the interests of the nation. However, knowing much of her background, its a shocker when an Indic group like Amar Chitra Katha are promoting her.
— The Jaipur Dialogues (@JaipurDialogues) April 28, 2023
Thread: pic.twitter.com/79zlK5RtqA
यह पोस्ट वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने इसका जमकर विरोध किया। ‘द जयपुर डायलॉग्स’ ने 28 अप्रैल को इस पोस्ट का स्क्रीनशॉट शेयर कर अमर चित्र कथा स्टूडियो को खरी खोटी सुनाई। उन्होंने अरुंधति रॉय को लेकर सिलसिलेवार कई ट्वीट किए और हैरानी जताई कि कोई उनके बारे में इस तरह से कैसे लिख सकता है, जबकि सभी जानते हैं कि वह भारत के खिलाफ जहर उगलने से कभी बाज नहीं आती है।
‘द जयपुर डायलॉग्स’ ने लिखा, “अरुंधति रॉय, जिन्हें हम सब भारत के खिलाफ दुष्प्रचार करने के लिए जानते हैं। वह लगातार राष्ट्र के हितों के खिलाफ एक एजेंडे पर काम कर रही हैं। लेकिन, उनकी पृष्ठभूमि के बारे में जानने के बाद भी अमर चित्र कथा जैसा एक इंडिक समूह उसे बढ़ावा दे रहा है, जो हैरान करने वाला है।” सोशल मीडिया पर इस पोस्ट का अन्य लोगों ने भी जमकर विरोध किया, जिसके बाद एसीके स्टूडियो द्वारा इसे डिलीट कर दिया गया।
#clarification #amarchitrakatha pic.twitter.com/lh3OPDcJ6e
— ACKComics (@ACKComics) May 1, 2023
इसके बाद अमर चित्र कथा (एसीके) ने सोमवार (1 मई, 2023) को अरुंधति रॉय के बारे में अपनी पोस्ट के संबंध में स्पष्टीकरण जारी किया। प्रतिष्ठित कॉमिक्स प्रकाशक ने भारत विरोधी प्रचारक अरुंधति रॉय को लेकर किए गए पोस्ट को लेकर सफाई दी कि ACK उनके कार्यों, ब्लॉगों या सोशल मीडिया पोस्ट में शामिल किसी भी व्यक्ति के राजनीतिक विचारों का समर्थन नहीं करता है। एसीके ने दावा किया कि अरुंधति रॉय के बारे में पोस्ट भारतीय लेखकों (जैसे अमृता शेरगिल, अनीता देसाई, खुशवंत सिंह, सतीश गुजरात आदि) के बारे में सीरीज का केवल एक हिस्सा था और उन्होंने कभी भी किसी भी तरह से अरुंधति रॉय का सहयोग करने की योजना नहीं बनाई।
Dear Amar Chitra Katha; if you really want to educate Kids and Youngsters about creatures like Arundhati Roy; then publish this Video is all Indian Languages: Watchpic.twitter.com/GIgk0bWw0w https://t.co/1NH7AY9mCc
— Mihir Jha (@MihirkJha) May 1, 2023
दिलचस्प बात यह है कि एसीके की पोस्ट पर सोशल मीडिया यूजर्स के आक्रोश व्यक्त करने के बाद यह ‘स्पष्टीकरण’ आया है। उन्होंने भारत और हिंदुओं के खिलाफ दुष्प्रचार करने वाली लेखिका को बढ़ावा देने और उसकी प्रशंसा करने के लिए एसीके को खरी-खोटी सुनाई थी। इसके बाद भी एसीके ने आज की पोस्ट में अपनी लापरवाही के लिए माफी नहीं माँगी, बल्कि स्पष्टीकरण जारी करते हुए कहा, “हमारा मिशन हमेशा भारतीय बच्चों को उनकी जड़ों तक ले जाने का मार्ग प्रशस्त करना रहा है।”
बता दें कि अरुंधति रॉय का फेक न्यूज फैलाने और भारत के खिलाफ दुष्प्रचार करने का पुराना इतिहास रहा है। रॉय ने सिर्फ सरकार को नहीं, बल्कि भारतीय सुरक्षा बलों को भी बदनाम किया है। कश्मीर में आतंकवाद निरोधी अभियानों को उन्होंने लगातार “सरकार प्रायोजित” आतंकवाद के रूप में संदर्भित किया।
साल 2002 के अपने कुख्यात भाषण में रॉय ने कहा था, “वर्तमान भारत सरकार की फासीवादी नीतियों के फलस्वरूप, जिसने कश्मीर घाटी में सरकारी आतंकवाद (आतंकवाद से लड़ने के नाम पर) के अपराध के अलावा गुजरात में मुस्लिमों के खिलाफ हाल ही में राज्य की निगरानी में हुए जनसंहार से आँखें मूँद ली हैं। हम भारत के सैकड़ों ही नहीं बल्कि लाखों लोग शर्मिंदा और नाराज हैं। यह सोचना बेतुका होगा कि जो लोग भारत सरकार की आलोचना करते हैं वे ‘भारत विरोधी’ हैं।”