OpIndia is hiring! click to know more
Thursday, April 10, 2025
Homeदेश-समाज'अमर चित्र कथा' ने आतंकवादियों की हमदर्द अरुंधति रॉय का किया महिमामंडन: विरोध होने...

‘अमर चित्र कथा’ ने आतंकवादियों की हमदर्द अरुंधति रॉय का किया महिमामंडन: विरोध होने पर माफ़ी माँगने की जगह दी सफाई, भारत के खिलाफ उगलती है ज़हर

एसीके न पोस्ट में अपनी लापरवाही के लिए माफी नहीं माँगी, बल्कि स्पष्टीकरण जारी करते हुए कहा, "हमारा मिशन हमेशा भारतीय बच्चों को उनकी जड़ों तक ले जाने का मार्ग प्रशस्त करना रहा है।"

धार्मिक, ऐतिहासिक कॉमिक्स और ग्राफिक उपन्यासों के लिए जाने जाने वाले प्रतिष्ठित कॉमिक्स प्रकाशक ‘अमर चित्र कथा (ACK)’ ने हाल ही में विवादित वामपंथी लेखिका अरुंधति रॉय के बारे में अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक पोस्ट शेयर किया। ‘द अमर चित्र कथा स्टूडियो’ ने अपनी पोस्ट में रॉय के जीवन और करियर के बारे में बात की। उन्होंने लिखा, “1961 में शिलांग में जन्मी अरुंधति रॉय एक आर्किटेक्ट, स्क्रीनप्ले राइटर और लेखिका हैं।”

ACK ने लिखा, “उनका पहला उपन्यास ‘द गॉड ऑफ स्मॉल थिंग्स’ ने 1997 में बुकर पुरस्कार जीतकर इतिहास रचा। कथा साहित्य के अलावा उन्होंने विभिन्न राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों के बारे में नॉन-फिक्शन किताबें और निबंध लिखे हैं। पटकथा लेखन में उनके काम की भी सराहना की गई है। उनकी पहली पटकथा को राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला है।”

यह पोस्ट वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने इसका जमकर विरोध किया। ‘द जयपुर डायलॉग्स’ ने 28 अप्रैल को इस पोस्ट का स्क्रीनशॉट शेयर कर अमर चित्र कथा स्टूडियो को खरी खोटी सुनाई। उन्होंने अरुंधति रॉय को लेकर सिलसिलेवार कई ट्वीट किए और हैरानी जताई कि कोई उनके बारे में इस तरह से कैसे लिख सकता है, जबकि सभी जानते हैं कि वह भारत के खिलाफ जहर उगलने से कभी बाज नहीं आती है।

‘द जयपुर डायलॉग्स’ ने लिखा, “अरुंधति रॉय, जिन्हें हम सब भारत के खिलाफ दुष्प्रचार करने के लिए जानते हैं। वह लगातार राष्ट्र के हितों के खिलाफ एक एजेंडे पर काम कर रही हैं। लेकिन, उनकी पृष्ठभूमि के बारे में जानने के बाद भी अमर चित्र कथा जैसा एक इंडिक समूह उसे बढ़ावा दे रहा है, जो हैरान करने वाला है।” सोशल मीडिया पर इस पोस्ट का अन्य लोगों ने भी जमकर विरोध किया, जिसके बाद एसीके स्टूडियो द्वारा इसे डिलीट कर दिया गया।

इसके बाद अमर चित्र कथा (एसीके) ने सोमवार (1 मई, 2023) को अरुंधति रॉय के बारे में अपनी पोस्ट के संबंध में स्पष्टीकरण जारी किया। प्रतिष्ठित कॉमिक्स प्रकाशक ने भारत विरोधी प्रचारक अरुंधति रॉय को लेकर किए गए पोस्ट को लेकर सफाई दी कि ACK उनके कार्यों, ब्लॉगों या सोशल मीडिया पोस्ट में शामिल किसी भी व्यक्ति के राजनीतिक विचारों का समर्थन नहीं करता है। एसीके ने दावा किया कि अरुंधति रॉय के बारे में पोस्ट भारतीय लेखकों (जैसे अमृता शेरगिल, अनीता देसाई, खुशवंत सिं​ह, सतीश गुजरात आदि) के बारे में सीरीज का केवल एक हिस्सा था और उन्होंने कभी भी किसी भी तरह से अरुंधति रॉय का सहयोग करने की योजना नहीं बनाई।

दिलचस्प बात यह है कि एसीके की पोस्ट पर सोशल मीडिया यूजर्स के आक्रोश व्यक्त करने के बाद यह ‘स्पष्टीकरण’ आया है। उन्होंने भारत और हिंदुओं के खिलाफ दुष्प्रचार करने वाली लेखिका को बढ़ावा देने और उसकी प्रशंसा करने के लिए एसीके को खरी-खोटी सुनाई थी। इसके बाद भी एसीके ने आज की पोस्ट में अपनी लापरवाही के लिए माफी नहीं माँगी, बल्कि स्पष्टीकरण जारी करते हुए कहा, “हमारा मिशन हमेशा भारतीय बच्चों को उनकी जड़ों तक ले जाने का मार्ग प्रशस्त करना रहा है।”

बता दें कि अरुंधति रॉय का फेक न्यूज फैलाने और भारत के खिलाफ दुष्प्रचार करने का पुराना इतिहास रहा है। रॉय ने सिर्फ सरकार को नहीं, बल्कि भारतीय सुरक्षा बलों को भी बदनाम किया है। कश्मीर में आतंकवाद निरोधी अभियानों को उन्होंने लगातार “सरकार प्रायोजित” आतंकवाद के रूप में संदर्भित किया।

साल 2002 के अपने कुख्यात भाषण में रॉय ने कहा था, “वर्तमान भारत सरकार की फासीवादी नीतियों के फलस्वरूप, जिसने कश्मीर घाटी में सरकारी आतंकवाद (आतंकवाद से लड़ने के नाम पर) के अपराध के अलावा गुजरात में मुस्लिमों के खिलाफ हाल ही में राज्य की निगरानी में हुए जनसंहार से आँखें मूँद ली हैं। हम भारत के सैकड़ों ही नहीं बल्कि लाखों लोग शर्मिंदा और नाराज हैं। यह सोचना बेतुका होगा कि जो लोग भारत सरकार की आलोचना करते हैं वे ‘भारत विरोधी’ हैं।”

OpIndia is hiring! click to know more
Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

अमेरिका ने 75 देशों को दी राहत, चीनी माल पर 125% टैरिफ ठोका: फैसले से शेयर बाजार में उछाल, ट्रंप बोले- चीन का शोषण...

अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप के टैरिफ पर 90 दिनों के विराम से दुनियाभर के शेयर बाजार उत्साहित दिखे। अमेरिकी शेयर बाजार ऐतिहासिक स्तर पर पहुंचा। हालांकि चीन पर टैरिफ 104 फीसदी से बढ़ाकर 125 फीसदी कर दिया है। इससे ट्रेड वॉर का खतरा बढ़ गया है।

बंगाल में मुस्लिम भीड़ का उत्पात: CM ममता बनर्जी ने वक्फ संपत्तियों की रक्षा की कसम खाई, TMC के समर्थन में इस्लामवादी विरोध प्रदर्शन...

टीएमसी के राज में बंगाल में मुस्लिम भीड़ की हिंसा कई जगहों पर देखी गई है। मुर्शिदाबाद, मालदा, नादिया और बहरामपुर में खूब बवाल हुआ है।
- विज्ञापन -