पंजाब पुलिस द्वारा भगोड़ा घोषित किए गए खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह मामले में नया खुलासा हुआ है। पुलिस का कहना है कि छापेमारी के दौरान वो आम लोगों को ढाल बना कर भागा था। जाँच के दौरान उसके द्वारा पाकिस्तानी ख़ुफ़िया एजेंसी ISI की मदद से आनंदपुर खालसा फ़ोर्स (AKF) नाम के नए समूह बनाने की भी जानकारी सामने आई है। इस गैंग से वह प्रदेश में खालिस्तानी गतिविधियों को बढ़ाना चाह रहा था। अमृतपाल फिलहाल फरार चल रहा है जिसे पुलिस ने जल्द गिरफ्त में आने की उम्मीद जताई है।
अमृतपाल के फरार होने के घटनाक्रम की जानकारी जालंधर के DIG स्वप्न शर्मा ने NDTV से साझा की। IPS शर्मा ने बताया कि पुलिस अमृतपाल के खिलाफ चलाए गए अभियान को सफल मानती है क्योकि इस से उसके काफिले का पता चला है। DIG के मुताबिक पुलिस द्वारा 15-16 किलोमीटर तक पीछा किए जाने के बाद भागता अमृतपाल आबादी के अंदर घुस गया था। यहाँ अमृतपाल ने आम लोगों को ढाल बनाया और भागने में सफल रहा। बकौल स्वप्न शर्मा, पुलिस अपने एक्शन के दौरान आम जनमानस की भी सुरक्षा का पूरा ध्यान रखती है।
जानकारी के मुताबिक, DIG स्वप्न शर्मा ही अमृतपाल के खिलाफ पूरे अभियान को लीड कर रहे हैं। उन्होंने आगे बताया कि पुलिस की तमाम टीमों ने कई इलाकों की घेराबंदी कर रखी है और जल्द ही अमृतपाल को गिरफ्तार करने में सफलता मिलेगी। पुलिस ने अमृतपाल के काफिले में मौजूद 3 गाड़ियों को भी जब्त कर लिया है। अब तक कुल 78 आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है जो अमृतपाल के ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन से जुड़ा हुआ है। इसके साथ पुलिस ने हथियार भी जब्त किए हैं।
वहीं एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक अमृतपाल पंजाब में वारिस दे पंजाब के अलावा एक और संगठन बना रहा था। इस संगठन का नाम आनंदपुर खालसा फ़ोर्स (AKF) है। यह गैंग भी पंजाब में खालिस्तानी गतिविधियों को चलाने के लिए बनाया जा रहा था। पुलिस ने खालिस्तान समर्थक अमृतपाल के पाकिस्तानी ख़ुफ़िया एजेंसी (ISI) से भी कनेक्शन का दावा किया है। पुलिस का कहना है कि अमृतपाल खुद को सिख धर्म का हिमायती बता कर अन्य युवाओं को भी भड़काता है।