महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री व एनसीपी नेता अनिल देशमुख को 100 करोड़ रुपए की वसूली केस और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तारी के बाद PMLA विशेष अदालत ने 6 नवंबर तक प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत में भेज दिया है। उनकी गिरफ्तारी 12 घंटे पूछताछ के बाद सोमवार को हुई थी। उन्हें प्रीवेंशन ऑफ़ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट की धारा 19 के तहत गिरफ़्तार किया गया। इसके बाद उन्हें मंगलवार को मुंबई की सेशन अदालत में पेश किया गया।
Mumbai: Special PMLA court sends former Maharashtra Minister Anil Deshmukh to ED custody till November 6 in connection with extortion and money laundering case pic.twitter.com/F0EFJehJ8W
— ANI (@ANI) November 2, 2021
यहाँ बता दें कि कल (1 नवंबर) अनिल देशमुख अपने वकील और कुछ साथियों के साथ साउथ मुंबई के बॅलार्ड इस्टेट में ईडी ऑफिस गए थे। वहाँ अधिकारियों ने उनसे पूछताछ की। लेकिन देशमुख की ओर से संतोषजनक जवाब न मिलने के कारण उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
इस कार्रवाई से पहले जाँच एजेंसी ने बहुत बार देशमुख को समन भेजा था, लेकिन उन्होंने 5 बार ईडी के नोटिस को नजरअंदाज किया। उनके सामने तमाम आरोपितों के बयान भी रखे गए थे जिनका इस अपराध में सक्रिय योगदान था, लेकिन देशमुख ने किसी सवाल का उचित जवाब नहीं दिया और हर आरोपों का खंडन करते रहे। ईडी ने अपनी जाँच के आधार पर उन्हें गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद मंगलवार को उन्हें दीवाली की छुट्टियों के कारण हॉलिडे कोर्ट में पेश किया गया और वहाँ उनकी हिरासत 6 नवंबर तक ईडी को दी गई। उन पर आरोप है कि उन्होंने सचिन वाजे को 100 करोड़ रुपए की हफ्ता वसूली का टारगेट दिया हुआ था। इस बाबत मुंबई के पुलिस कमिश्नर पद से हटाए जाने के बाद परमबीर सिंह ने शिकायत दी थी। बाद में इस केस को पहले सीबीआई ने संभाला और फिर ईडी की एंट्री हुई।