दिल्ली के बहुचर्चित अंकित सक्सेना हत्याकांड में कोर्ट ने 3 आरोपितों को दोषी माना है, जबकि एक नाबालिग का बाल सुधार गृह में है। कोर्ट तीनों दोषियों को 15 जनवरी को सजा सुनाएगी। बता दें कि फरवरी 2018 के समय पश्चिमी दिल्ली के रघुवीर नगर में अंकित सक्सेना की बीच राह 4 लोगों ने गला रेतकर हत्या कर दी थी। हत्यारे मुस्लिम थे और अपनी बेटी के प्रेम संबंधों का विरोध कर रहे थे। लड़की का अब्बा कसाई का काम करता था और उसका हथियार भी बरामद हो गया था।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने फोटोग्राफर अंकित सक्सेना हत्याकांड में प्रेमिका शहजादी के पिता अकबर अली, मामा सलीम और शहनाज को हत्या का दोषी माना है। इसमें उसका नाबालिग भाई भी गिरफ्तार हुआ था और बाल सुधार गृह में मामला चल रहा है। कोर्ट ने अकबर अली, मामा सलीम और शहजादी की माँ को 15 जनवरी को सजा सुनाने का ऐलान किया है।
खुद शहजादी ने कोर्ट में गवाही दी थी कि अंकित की हत्या उसके घरवालों ने की थी, जो उनके प्रेम-संबंधों के खिलाफ थे। इस हत्याकांड को बीच सड़क पर अंजाम दिया गया था। अंकित की उम्र उस समय 23 साल थी। इस हत्याकांड की जानकारी बाहर आने के बाद लोगों को होश उड़ गए थे।
दिल्ली की कोर्ट ने पुलिस की उस दलील को स्वीकार कर लिया, जिसमें दिल्ली पुलिस ने घटनाओं को सिलसिलेवार तरीके से सामने रखा और हत्या की प्लानिंग की पूरी जानकारी कोर्ट के सामने रखी। दिल्ली पुलिस ने इस मामले में दायर चार्जशीट में यह स्पष्ट किया कि हत्या पूर्व नियोजित थी। इस बात का भी पता चला कि लड़की का परिवार हिंदू लड़के से प्रेम करने के कारण उसके साथ सख़्ती से पेश आ रहा था। ग्राउंड रिपोर्ट में भी लड़की के परिवार की मजहबी कट्टरता को उजागर किया गया है, जिसमें लड़की की अम्मी एक कट्टर मुस्लिम महिला है, जो अंतर-धार्मिक संबंध के ख़िलाफ़ थी।
यह मामला भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 303 (हत्या), 323 (स्वेच्छा से चोट पहुँचाने) और 34 (आम इरादे) के तहत अंकित की प्रेमिका के पिता अकबर अली, छोटे भाई, मामा मोहम्मद सलीम और अकबर अली की पत्नी शहनाज़ के ख़िलाफ़ यह मामला दर्ज किया गया था।
इस घटना ने देश को झकझोर दिया था। अंकित और उसके परिवार के लिए देश के विभिन्न हिस्सों से संवेदनाएँ भेजी गई थीं। दिल्ली में एक शोक समारोह आयोजित की गई थी, जिसमें एक प्रार्थना सभा भी शामिल थी। इसमें दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भाग लिया था। हालाँकि, जब परिवार ने अपने घर के एकमात्र कमाऊ इंसान को खो देने की भरपाई करने के लिए उनसे मुआवज़े की माँग की, तो केजरीवाल प्रार्थना सभा को बीच में ही छोड़ कर चल दिए थे।