एंटीलिया केस और मनसुख हिरेन की हत्या मामले में राष्ट्रीय जाँच एजेंसी द्वारा दाखिल की गई चार्जशीट ने पिछले दिनों कई खुलासे किए थे। इस चार्जशीट से ही ये बात निकल कर सामने आई कि एंटीलिया का पूरा मामला पूर्व नियोजित था और इसे मुकेश अंबानी से करोड़ों रुपए वसूलने के लिए रचा गया था। हालाँकि बाद में साजिशकर्ताओं के मनसूबे सफल नहीं हुए और NIA के हाथ में मामला जाने के बाद सचिन वाजे को निलंबित कर दिया गया।
चार्जशीट कहती है कि एंटीलिया के बाहर बम वाली गाड़ी खड़ी करने का मकसद आंतक का डर दिखा कर पैसा वसूलना था। बाद में वाजे और उनकी गैंग ने हिरेन को मारा क्योंकि उनको लगा अब तो केस एनआईए के पास चला जाएगा। उन्हें डर था कि अगर राष्ट्रीय जाँच एजेंसी ने पूछताछ की तो हिरेन कहीं सारी बातें उगल न दे।
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— Mid Day (@mid_day) September 4, 2021
Antilia plot was an extortion plan: #NIA charge sheet makes sensational claim
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NIA सूत्रों का कहना है कि अपनी और दूसरों की जेब वसूली के पैसे से भरने के अलावा वाजे अपनी बतौर एनकाउंटर स्पेशलिस्ट अपनी पहचान वापस पाना चाहता था और हीरो बनने की चाह रख रहे थे, इसलिए ये सारी साजिश रची गई।
चार्जशीट में आईपीसी, शस्त्र अधिनियम, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम और धारा 16 (आतंकवादी अधिनियम), 18 (साजिश), 20 (एक आतंकवादी गिरोह या संगठन का सदस्य होने के नाते) की कठोर गैरकानूनी गतिविधियाँ (रोकथाम) अधिनियम की धाराएँ दायर की गई हैं जिसे आमतौर पर यूएपीए के रूप में भी जाना जाता है।
चार्जशीट में 300 से ज्यादा गवाहों की गवाही, डिजिटल और दस्तावेजी सबूत हैं। एजेंसी का कहना है कि उनके पास वाजे, पूर्व एनकाउंटर स्पेश्लिस्ट प्रदीप शर्मा, डिसमिस किए गए पीआई सुनील माने, एपीआई रियाजुद्दीन काजी समेतत 10 के ख़िलाफ़ सबूत हैं।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले NIA द्वारा दायर 10,000 पन्नों की चार्जशीट से पता चला था कि पूर्व पुलिस प्रमुख परमबीर सिंह ने इस मामले में आतंकी समूह जैश-उल-हिंद की संलिप्तता का हवाला देकर जाँच को गुमराह किया था। एक साइबर एक्सपर्ट के बयान के मुताबिक सिंह ने रिपोर्ट में आतंकी संगठन की भूमिका का जिक्र करने के लिए 5 लाख रुपए दिए थे।
एंटीलिया के बाहर विस्फोटक रखने से पहले अनिल देशमुख से मिला था सचिन वाजे, परमबीर सिंह ने रिपोर्ट बदलने को दिए ₹5 लाख: NIA के हवाले से दावा#AnilDeshmukh #sachinwaze #ParamBirSingh https://t.co/wzFBaZnZKa
— ऑपइंडिया (@OpIndia_in) September 9, 2021
साइबर एक्सपर्ट ने 5 अगस्त को एनआईए के समक्ष परमबीर सिंह के कहने पर रिपोर्ट में बदलाव की बात कबूली थी। उसने बताया था, “सीपी मुंबई के आग्रह पर मैंने सीपी मुंबई के कार्यालय में बैठकर अपने लैपटॉप पर एक रिपोर्ट तैयार की, जो एक पैराग्राफ में थी और मैंने इसे सीपी मुंबई को दिखाया। रिपोर्ट पढ़ने के बाद परमबीर सिंह सर ने मुझसे एंटीलिया मामले में जिम्मेदारी लेते हुए टेलीग्राम चैनल पर ‘जैश-उल-हिंद’ के पोस्टर डालने के लिए कहा।”