भारत-पाकिस्तान के बीच ट्रेन सेवाओं के आवागमन पर लगी रोक से गुजरात के गोधरा इलाक़े के लोग काफ़ी परेशानियों का समाना कर रहे हैं। ट्रेनों सेवा पर रोक लगने से लगभर 80 लोग पाकिस्तान में फँसे हुए हैं। इनके परिजनों ने मोदी सरकार से उन्हें भारत वापस लाने के लिए मदद की गुहार लगाई है।
ग़ौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 को निरस्त कर दिए जाने के बाद से ही पाकिस्तान काफ़ी बौखलाया हुआ है। इसी बौखलाहट में उसने भारत-पाकिस्तान के बीच सप्ताह में दो दिन चलने वाली समझौता एक्सप्रेस ट्रेन को बंद कर दिया है। यह ट्रेन दिल्ली से अटारी वाघा बॉर्डर होते हुए पाकिस्तान के लाहौर तक जाती थी। 1972 में भारत-पाकिस्तान के बीच हुए शिमला समझौते के बाद 1976 में दोनों देशों के बीच समझौता एक्सप्रेस चलाई गई थी।
ख़बर के अनुसार, सामाजिक कार्यकर्ता हाजी फ़िरदौस का कहना है कि अल्पसंख्यक समुदाय के लगभग 80 लोग अपने रिश्तेदारों से मिलने पाकिस्तान गए थे। दोनों देशों के बीच चल रही समझौता एक्सप्रेस ट्रेन पर प्रतिबंध लगने के बाद वहाँ वे लोग फँस गए हैं और भारत नहीं लौट पा रहे हैं। इसलिए केंद्र सरकार से निवेदन है कि वे इन लोगों की मदद करें।
वहीं, ज़मीयत उलेमा-ए-हिंद की गुजरात इकाई के उपाध्यक्ष मुहम्मद इदरीश के अनुसार, पाकिस्तान में फँसे लोग सभी प्रक्रियाओं को पूरा करके पाकिस्तान गए थे। भारत सरकार से अनुरोध है कि उन्हें जल्द से जल्द भारत वापस लाया जाए। गोधरा के तहसीलदार एचए पंजाबी ने कहा, “हम इस बात की जाँच कर रहे हैं कि कितने लोग पाकिस्तान गए हैं और कब वापस आना था। सारी जानकारी एकत्र करके ज़िलाधिकारी को दी जाएगी। इसके बाद इस संबंध में केंद्र सरकार को अनुरोध भेजा जाएगा।”