भारत के मुख्य न्यायाधीश के अरविन्द बोबड़े शनिवार को तिरुपति में भगवान वेंकटेश के दर्शन करने पहुँचे। इससे पहले सोमवार को बोबड़े ने देश के 47वें मुख्य न्यायाधीश के तौर पर शपथ ली थी। तिरुपति मंदिर के एक अधिकारी ने बताया कि सीजेआई बोबड़े यहाँ दर्शन करने शनिवार को आए थे। उन्होंने यहाँ पवित्र सहस्र दीपलंकर पूजा में भी भाग लिया और मंडप में भगवान वेंकटेश की प्रतिमा की पूजा की।
Andhra Pradesh: Chief Justice of India (CJI) Sharad Arvind Bobde offered prayers at Lord Balaji Temple in Tirumala, yesterday. pic.twitter.com/JBOdsVJeXC
— ANI (@ANI) November 23, 2019
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सीजेआई यहाँ जाने के लिए रेनीगुंटा हवाई अड्डे से आए थे। इस दौरान उन्हें रिसीव करने आन्ध्र प्रद्रेश उच्च न्यायलय के मुख्य न्यायाधीश जीतेंद्र कुमार कई अन्य अधिकारियों सहित पहुँचे थे। मंदिर प्रशासन के अधिकारी ने बताया कि मंदिर में पवित्र कुंड के किनारे बने श्री वराह स्वामी मंदिर और आसपास के पवित्र स्थलों के भी दर्शन किए। बोबड़े ने इस दौरान शनिवार रात तिरुमला में ही ठहर कर विश्राम किया और रविवार सुबह भगवान वेंकटेश के दर्शन किए।
इस दौरान न्यायमूर्ति बोबड़े ने कहा कि “मैं वेंकटेश मंदिर के दर्शन करने चालीस साल से आ रहा हूँ लेकिन इस बार दर्शन करने का अनुभव अपने आप में नया है।” इस दौरान उन्होंने मंदिर के गर्भ-गृह में अपने बेटे श्रीनिवास बोबड़े के साथ पूजा अर्चना की थी। मंदिर के रखरखाव को लेकर उन्होंने अधिकारियों की सराहना भी की।
बता दें कि यह मंदिर तिरुमला की पहाड़ियों पर स्थित है जोकि भगवान वेंकटेश को समर्पित है। दक्षिण भारत में स्थित इस मंदिर को पूरे भारत में हिन्दू आस्था का एक अहम केंद्र माना जाता है। बता दें कि यह कोई पहला मौका नहीं है जब न्यायपालिका के सर्वोच्च पर पर बैठे व्यक्ति ने हिन्दू मंदिर जाकर उसके प्रति अपनी आस्था व्यक्त की हो। बोबड़े से पूर्व तकरीबन साढ़े 13 महीनों तक मुख्य न्यायधीश रह चुके भारत के सीजेआई रंजन गोगोई भी अपने रिटायरमेंट से ठीक पहले पत्नी सहित इस मंदिर में पूजा-अर्चना करने पहुँचे थे।