जहाँ एक तरफ देश के लोग कट्टरपंथी इस्लामी संगठन PFI को मोदी सरकार द्वारा प्रतिबंधित किए जाने को लेकर खुश हैं, वहीं दूसरी तरफ विपक्षी नेताओं को इसमें भी राजनीति सूझ रही है। राजद सुप्रीमो लालू यादव, AIMIM के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी और केरल के कॉन्ग्रेस सांसद कोडिकुन्नील सुरेश ने इस फैसले के खिलाफ बयान दिया है। PFI को 5 वर्षों के लिए प्रतिबंधित किया गया है। ये संगठन 2047 तक भारत को इस्लामी शासन वाला मुल्क बनाने की साजिश पर काम कर रहा था।
हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि उन्होंने हमेशा से PFI के तौर-तरीकों का विरोध करते हुए लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भरोसा जताया है, लेकिन वो इस संगठन को प्रतिबंधित किए जाने के फैसले के समर्थन में नहीं हैं। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि कुछ लोगों की करतूतों के लिए पूरे संगठन को बैन नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि इस कठोर प्रतिबंध का अर्थ है हर उस मुस्लिम को प्रतिबंधित कर देना, जो अपने मन की बोलना चाहता हो।
ओवैसी ने दावा किया कि भारत की निरंकुश सत्ता जिस तरह से फासीवाद को अपना रही है, ‘काला कानून’ UAPA के तहत भारत के हर मुस्लिम युवक को PFI के पैम्पलेट के साथ गिरफ्तार कर लिया जाएगा। उन्होंने दावा किया कि अदालतों द्वारा निर्दोष बरी किए जाने से पहले कई मुस्लिमों को दशकों जेल की सज़ा भुगतनी पड़ी है। उन्होंने कहा कि हमें याद रखना चाहिए कि इस कानून को कॉन्ग्रेस ने कड़ा बनाया था और भाजपा सरकार ने इसे और कड़ा कर दिया।
उधर 12वीं बार राजद के अध्यक्ष बने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव ने ‘राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ’ पर प्रतिबंध लगाने की माँग कर डाली। लालू यादव ने RSS पर हिन्दू-मुस्लिम कर के देश तोड़ने का आरोप लगाते हुए कहा कि PFI की तरह इसे भी बैन कर दिया जाना चाहिए। उन्होंने दावा किया कि पहले भी 2 बार RSS पर बैन लग चुका है और ये PFI से भी बदतर संगठन है। वहीं सपा सांसद शफीकुर्रहमान ने भी इस फैसले का विरोध किया।
Muslims have spent decades in prison before being acquitted by courts. I have opposed UAPA & will always oppose all actions under UAPA. It runs afoul the principle of liberty, which is part of basic structure of the constitution
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) September 28, 2022
जहाँ एक तरफ कॉन्ग्रेस के महासचिव व पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश कह रहे हैं कि पार्टी हमेशा से सांप्रदायिक ताकतों के खिलाफ रही है, वहीं केरल में पार्टी के सांसद कोडिकुन्नील सुरेश ने कहा कि ‘हिन्दू सांप्रदायिकता’ को बढ़ावा देने के लिए RSS को भी प्रतिबंधित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि RSS देश भर में ‘हिन्दू सांप्रदायिकता’ फैला रहा है। उन्होंने दावा किया कि बहुसंख्यक सांप्रदायिकता जब आएगी तो अल्पसंख्यक संप्रदायकता भी आएगी ही।