विश्व गैंडा दिवस के मौके पर आज (22 सितंबर 2021) को असम में प्राकृतिक आपदाओं अथवा शिकार के कारण अपनी जान गंवाने वाले करीब 2,500 एक सींग वाले गैंडों का अंतिम संस्कार किया गया है। गैंडों की सीगों को जलाने से पहले असम के काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने एक प्रतीकात्मक अनुष्ठान किया। हिंदू धर्म की रीति-रिवाजों के अनुसार अनुष्ठान के बाद इसका अंतिम संस्कार कर दिया गया।
On the occasion of World Rhino Day, Assam Govt burned 2,479 horns of greater one-horned rhinoceros in Golaghat today to “send a strong message to poachers that the horn is of no medicinal value” pic.twitter.com/KEYl4LksoD
— ANI (@ANI) September 22, 2021
इस कार्यक्रम को राइनो संरक्षण की दिशा में मील का पत्थर बताया जा रहा है। इसका उद्देश्य गैंडे को लेकर फैले मिथकों को समाप्त करना था। असम के वन्यजीव वार्डन एमके यादव ने कहा, “शिकारियों और तस्करों के लिए यह एक स्पष्ट संदेश है कि इन चीजों का कोई मूल्य नहीं है।”
कार्यक्रम के बाद मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बताया कि हिंदू-परंपराओं के अनुसार अनुष्ठान किया गया है। ऐसा करके हमने शिकारियों का सख्त संदेश दिया है कि गैंडे की सीगों का कोई औषधीय महत्व नहीं है। इस दाह संस्कार के जरिए हम ये संदेश देना चाहते हैं कि गैंडे असमी संस्कृति का हिस्सा हैं औऱ ये बहुत ही महत्वपूर्ण हैं।
Our Government has made phenomenal achievement by reducing the number of one-horned rhinos poaching cases from 21 in 2015 to just 3 in 2019. I am confident that we soon be able to get rid of this menace very soon.#AssamBudget2020
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) March 6, 2020
इन सीगों को एकत्र करने की कवायद दशकों पहले शुरू हुई थी, इकट्ठा करने के बाद कोषागार में सुरक्षित रखा गया था। वन विभाग के मुताबिक, पारंपरिक दवाओं में गैंडे की सींगों का उपयोग किए जाने के कारण काला बाजार में इसकी काफी कीमत है। पिछले सप्ताह ही राज्य मंत्रिमंडल ने गैंडों की सीगों का री-वेरिफिकेशन करने का आदेश दिया था।
Today is a historic day for Assam & India. We have taken an extraordinary step of burning stockpile of 2479 horns of single-horned Rhinos, first-of-its-kind globally in volume terms, pursuing vision of Hon PM Sri @narendramodi of putting an end to poaching in Assam 1/2@PMOIndia pic.twitter.com/4SuN0XuCWB
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) September 22, 2021
गौरतलब है कि 22 सितंबर को दुनिया भर में गैंडों की सभी पाँच प्रजातियों के लिए जागरूकता फैलाने के लिए मनाया जाता है। विश्व गैंडा दिवस पहली बार 2011 में मनाया गया था।
कानून देता है अनुमति
कार्यक्रम में सरकार द्वारा गैंडों की सीगों को वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 की धारा 39(3) (C) के तहत जलाया गया है। पिछले महीने, गुवाहाटी उच्च न्यायालय ने समारोह को लेकर एक जन सुनवाई की थी, लेकिन जनता से कोई आपत्ति नहीं मिली।
मृत गैंडों का अंतिम संस्कार कर असम सरकार शिकारियों को कड़ा संदेश देने की कोशिश कर रही है कि असम गैंडों को परिवार का सदस्य मानता है औऱ जो भी उन्हें नुकसान पहुँचाने की कोशिश करेगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।