असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (Assam CM Himanta Biswa Sarma) एक्शन में हैं। उन्होंने ऐलान किया है कि राज्य में मदरसों की संख्या को कम किया जाएगा। सीएम सरमा ने कहा कि वे मदरसों (Madarsa) सामान्य शिक्षा देना चाहते हैं। इसलिए इनका पंजीकरण कराया जाएगा।
सीएम सरमा ने कहा, “हम पहले फेज में राज्य में मदरसों की संख्या कम करना चाहते हैं। हम चाहते हैं कि मदरसों में सामान्य शिक्षा दी जाए। इसके लिए हम समुदाय के साथ मिलकर काम कर रहे हैं और वे (मुस्लिम) भी सरकार की मदद कर रहे हैं।”
राज्य के डीजीपी भास्कर ज्योति महंत ने कहा 17 जनवरी 2023 को कहा था कि राज्य में मदरसों में सुधार लाने के लिए चर्चा जारी है। उन्होंने कहा, “मदरसों में और सुधार लाने, नियम तय करने और बोर्ड बनाने पर भी चर्चा हुई। हमने छोटे मदरसों को बड़े मदरसों में मिलाने पर भी बात की।” उन्होंने कहा कि करीब 100 छोटे मदरसों को बड़े मदरसों में मिला दिया गया है।
इससे पहले मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कुछ दिन पहले कहा था कि राज्य के मदरसों में पढ़ाने के लिए राज्य के बाहर से आए मौलानाओं को समय-समय पर नजदीकी पुलिस स्टेशन में हाजिर होने के लिए कहा जा सकता है। उन्होंने कहा था कि असम में लगभग 3000 पंजीकृत और अपंजीकृत मदरसे हैं।
बता दें कि असम सरकार राज्य में अवैध मदरसों और मौलानाओं को लेकर सख्त है और उन पर लगातार कार्रवाई कर रही है। सीएम सरमा के कई फैसलों पर मुस्लिम नेताओं ने आपत्ति जताई थी। पिछले दिनों कई मदरसों को गिरा दिया गया।
AIUDF के चीफ बदरुद्दीन अजमल और AIMIM के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने इसको लेकर असम की सरमा सरकार पर निशाना साधा था। उस वक्त सीएम सरमा ने कहा था कि अगर मदरसों में देश विरोधी गतिविधियाँ हुईं तो उनको ढहा दिया जाएगा।