माफिया और गैंगस्टर अतीक अहमद को अहमदाबाद की साबरमती जेल से प्रयागराज लाया गया है। साथ ही अतीक के भाई अशरफ को भी बरेली से प्रयागराज लाया गया है। दोनों भाइयों को यहाँ नैनी सेंट्रल जेल में रखा गया है। पुलिस अतीक और अशरफ को मंगलवार (28 मार्च, 2023) को कोर्ट में पेश करेगी।
#WATCH | Security at Prayagraj’s Naini Central Jail as mafia-turned-politician Atiq Ahmed and his brother Ashraf are being brought here by police today, in connection with a murder case pic.twitter.com/cPBiDW7lxk
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) March 27, 2023
क्यों लाया गया प्रयागराज
अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को 17 साल पुराने एक मामले के चलते प्रयागराज लाया गया है। यह मामला पूर्व बसपा विधायक राजू पाल की हत्या के मुख्य गवाह उमेश पाल के अपहरण का है। दरअसल, 25 जनवरी, 2005 को राजू पाल की हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड में उमेश पाल मुख्य गवाह थे। अतीक और अशरफ को उमेश पाल की गवाही से सजा होने का डर था। इसलिए दोनों भाइयों ने 28 फरवरी, 2006 को उमेश पाल का अपहरण कर लिया।
अपहरण के बाद उमेश पाल को जान से मारपीट और जान से मारने की धमकी देने समेत कई तरीकों से जमकर डराया गया। इसके बाद उन्हें अतीक अहमद के पक्ष में गवाही देने के लिए कहा गया। अतीक और अशरफ चाहते थे कि उमेश पाल कोर्ट में यह कह दें कि हत्या के समय अतीक और अशरफ वहाँ मौजूद नहीं थे और वह किसी तरह की गवाही नहीं देना चाहते।
अपहरण के इस मामले में उमेश पाल अतीक अहमद और अशरफ अहमद के खिलाफ FIR दर्ज कराना चाहते थे। लेकिन, राज्य में समाजवादी पार्टी सत्ता में थी। अतीक अहमद इसी पार्टी से सांसद था। ऐसे में दबाव के चलते FIR दर्ज नहीं हुई। राज्य की सत्ता में बदलाव हुआ और इसी के साथ अतीक अहमद और उसके भाई समेत अन्य लोगों के खिलाफ उमेश पाल के अपहरण मामले में मुकदमा दर्ज हुआ।
उमेश पाल अपहरण मामले की सुनवाई पूरी हो चुकी है। एमपी-एमएलए कोर्ट के न्यायाधीश डॉ दिनेश चंद्र शुक्ल ने 17 मार्च, 2023 को फैसला सुरक्षित रख दिया था। इसके बाद अब मंगलवार (28 मार्च 2023) को कोर्ट में आरोपितों के खिलाफ फैसला सुनाया जाना है। रिपोर्ट के अनुसार अतीक और अशरफ के खिलाफ जिन धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है, उस हिसाब से इन्हें आजीवन कारावास या सजा-ए-मौत भी मिल सकती है।
उमेश पाल की हत्या
राजू पाल हत्याकांड में मुख्य गवाह उमेश पाल 24 फरवरी 2023 को गवाही के बाद वह घर लौट रहे थे। इसी दौरान उनकी हत्या कर दी गई थी। गोली और बम से किए गए हमले में उमेश पाल के गनर संदीप निषाद और राघवेंद्र सिंह की भी मौत हो गई थी। अब तक इस मामले में पुलिस कई आरोपितों को गिरफ्तार कर चुकी है। वहीं, कुछ आरोपित पुलिस मुठभेड़ में भी ढेर हुए हैं। हालाँकि मुख्य शूटर और अतीक अहमद की पत्नी तथा बेटे अब भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं।
पुलिस ने इन पर इनाम घोषित किया है। चूँकि अतीक और अशरफ उमेश पाल हत्याकांड में भी आरोपित हैं। ऐसे में पुलिस इस मामले में भी दोनों भाइयों से पूछताछ करेगी।