प्रयागराज में मारे गए माफिया अतीक अहमद की बेनामी सम्पत्तियों की जाँच के लिए प्रशासन ने ‘ऑपरेशन ऑक्टोपस’ शुरू किया है। इस अभियान में 20 सदस्य शामिल हैं जिनका नेतृत्व डिप्टी एसपी रैंक के अधिकारी कर रहे हैं। ऑपरेशन ऑक्टोपस के तहत न सिर्फ जमीनी पड़ताल बल्कि ऑनलाइन निगरानी के जरिए भी अतीक अहमद की बेनामी सम्पत्तियों की डिटेल निकलवाई जाएगी। अभियान में अतीक के तमाम सहयोगियों की गतिविधियों के साथ उनके बैंक खातों पर भी नजर रखी जा रही है। इस बीच अतीक अहमद के रिश्तेदार ने ऑपइंडिया को बताया कि माफिया ने उन्हें भी अपनी आपराधिक करतूतों का शिकार बनाया था।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इससे पहले प्रशासन ने अतीक अहमद के खिलाफ ‘ऑपरेशन जिराफ’ चलाया था। इसके तहत अतीक की 2 बेनामी सम्पत्तियों को सीज कर दिया गया था। ये सम्पत्तियाँ खासतौर पर लखनऊ और प्रयागराज में हैं। इसमें प्लॉट और बेशकीमती फ़्लैट शामिल हैं। इस अभियान के तहत यह भी जानने का प्रयास किया जा रहा है कि अतीक की मौत के बाद उसकी सम्पत्ति पर कौन-कौन लोग काबिज़ हैं। ऑपरेशन जिराफ और ऑक्टोपस अभियान एक साथ चल रहे हैं जिनका मकसद अतीक अहमद के आर्थिक साम्राज्य की कमर तोड़ना है।
ऑपइंडिया ने अतीक अहमद के साढ़ू के भाई जीशान से बात की। जीशान और अतीक अहमद का प्रयागराज में घर 2 किलोमीटर के अंदर ही है। जीशान ने हमें बताया कि अतीक अहमद, उसकी बीवी शाइस्ता व उसके अपराधी बच्चों के लिए नाते-रिश्ते, हिन्दू-मुस्लिम जैसी बातें कोई मायने नहीं रखती हैं। बकौल जीशान अतीक का परिवार सिर्फ और सिर्फ पैसों का भूखा है। जीशान का आरोप है कि अतीक की बीवी शाइस्ता ने न सिर्फ अपनी सगी बहन की जमीन हड़पने के लिए अपने बेटे अली के साथ गुंडे भेजे थे बल्कि अपने ही जीजा पर हमला भी करवाया था।
अपने द्वारा कत्ल हुए लोगों से घिरा है अतीक
अतीक अहमद के साढ़ू के भाई जीशान ने हमें आगे बताया कि कब्रिस्तान में जहाँ अतीक अहमद की कब्र है उसके ईर्द गिर्द उन्हीं लोगों की कब्रे हैं जिनका उसने कत्ल किया था। जीशान ने कहा, “जहाँ अतीक, उसके भाई अशरफ और बेटे असद की कब्र है वहाँ आसपास दर्जनों लोग ऐसे हैं जिन्हें अतीक अहमद और उसके परिवार वालों ने कत्ल करवाया है। इनमें कुछ कब्रें नस्सन, अशरफ, कारी अहमद, कुन्नू, जग्गा और मुब्बा आदि की हैं। जीशान ने बताया कि इन सभी का दोष बस इतना था कि उन्होंने अतीक अहमद की दादागीरी के आगे झुकने से मना कर दिया था।
अपने बेटों को अपराध के लिए उकसाती थी शाइस्ता
जीशान ने बताया कि दुनिया की हर माँ अपने बच्चों को अपराध और बुरे काम से दूर रखने की कोशिश करती है लेकिन ये नियम शाइस्ता परवीन पर लागू नहीं होता था। उन्होंने बताया कि शाइस्ता अपने बच्चों को इस बात के लिए डाँटा करती थी कि उन्होंने किसी नए शिकार का अपहरण क्यों नहीं किया या फिरौती क्यों नहीं वसूली। दावा है कि अपनी खुद की बहन की भी जमीन हड़पने के लिए अपने बेटे अली अहमद को गुंडे और बुलडोजर लेकर खुद शाइस्ता परवीन ने ही भेजा था। शाइस्ता की बहन ने अपनी जमीन व अपने शौहर की जान की गुहार भी लगाई थी लेकिन उसका कोई फर्क नहीं पड़ा।
अतीक के समर्थकों को बद्दुआ
अतीक अहमद की मौत के बाद उनके वामपंथी और चरमपंथी समर्थकों द्वारा उनके समर्थन में हुई बयानबाजी पर ऑपइंडिया ने जीशान से सवाल किया। जीशान ने हमें बताया कि अतीक की कब्र पर सलामी मारने वाले, उसको जन्नत जाने की दुआ करने वाले या उसके किसी भी प्रकार के समर्थक जब भी कभी खुद ऊपर जाएँगे तो वो अतीक को अपने जैसे ही हाल में पाएँगे। जीशान का कहना है कि पूरी जिंदगी गुनाह करने वाले अतीक जैसे अपराधियों को कभी जन्नत हासिल नहीं होती है।
मानसिक तनाव से मर चुके कई लोग
जीशान ने हमें बताया कि अतीक अहमद के गुंडों की पिटाई और गोली के अलावा कई बेगुनाह उसके द्वारा दिए गए मानसिक तनाव की वजह से मर चुके हैं। कुछ लोग शहर भी छोड़ कर भाग गए। उन्होंने बताया कि अतीक के गुंडे किसी का पीछा करते थे और घर के आसपास टहलते दिखाई देते थे। कभी-कभार हल्की-फुल्की पिटाई करवा देता था। घर में पत्थरबाजी हो जाया करती थी। ऐसे में अतीक के दिए तनाव से पीड़ित अक्सर खुद या पूरे परिवार सहित जहर तक खाने की सोच लिया करते थे।
तनाव में आया व्यक्ति अंतिम विकल्प के तौर पर अतीक के पैरों में गिर पड़ता था और उसकी हर बात मान लिया करता था। जीशान के ड्राइवर और दोस्तों को भी अतीक ने धमकियाँ दिलाई थी। उन्होंने प्रयागराज के किसी सरदार जी का भी जिक्र किया जो अतीक अहमद के दिए गए तनाव की वजह से मर गए थे। हालाँकि जीशान ने उनका नाम नहीं बताया।
मीडिया में असद का महिमामंडन प्रोपेगेंडा
इसी तरह असद अहमद के एनकाउंटर के बाद खबरें आई थीं कि वो पढ़ने में बहुत तेज और कुशाग्र बुद्धि वाला था। हालाँकि अतीक अहमद के साढ़ू भाई ने इन खबरों को अफवाह बताया। उन्होंने कहा कि ये तमाम बातें फालतू की और मनगढ़ंत हैं। असद के बारे में उन्होंने बताया कि बचपन में वो आपराधिक स्वभाव का नहीं था लेकिन कुछ सालों के अंदर उसमें अपने अब्बा जैसा बनने की इच्छा जग गई थी।
योगी और अखिलेश की सरकार में जमीन-आसमान का फर्क
जीशान ने हमें बताया कि योगी आदित्यनाथ की वर्तमान सरकार में ही अतीक अहमद जैसे लोग काबू में आ पाए थे वरना अखिलेश शासन में तो उनके आतंक के आगे मंत्री भी फेल हुआ करते थे। जीशान का दावा है कि प्रयागराज तो दूर इसके आसपास से भी गुजरने वाले सभी बड़े राजनैतिक नाम अतीक के घर होकर ही जाया करते थे। अब योगी सरकार में स्थिति बदली है। आम लोगों में हिम्मत आई है और कानून में विश्वास जागा है।