माफिया अतीक अहमद ने डर से एक बार पैंट में ही पेशाब कर दिया था। यह घटना 2008 की है। गिरफ्तार करने पहुँची पुलिस की तनी बंदूक देख माफिया की पैंट में ही पेशाब निकल गई थी। न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में करनाल सिंह ने यह किस्सा सुनाया है। वे प्रवर्तन निदेशालय (ED) के पूर्व डायरेक्टर रहे हैं। जब अतीक ने अपनी पैंट गीली की थी, तब वे दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल में संयुक्त आयुक्त थे।
2008 में दिल्ली स्पेशल ने पीतमपुरा से अतीक को गिरफ्तार किया था। इंटरव्यू में करनाल सिंह ने बताया कि जनवरी 2008 में वे दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल में थे। उस समय स्पेशल सेल ने उत्तर भारत के खतरनाक अपराधियों की लिस्ट बनाई थी। इसमें अतीक अहमद का भी नाम था। उस समय अतीक पर 1 लाख रुपए का इनाम था। अतीक को पकड़ने की जिम्मेदारी स्पेशल सेल को दी गई। इसके बाद स्पेशल सेल ने अतीक और उसके गुर्गों की कुंडली खँगाली। उनके हाथ अतीक के एक शूटर का फोन नंबर लग गया।
स्पेशल सेल के ऑफिसर्स ने शूटर के फोन नंबर को सर्विलांस पर लगा दिया। फोन कॉल्स को सुनने के दौरान पता चला कि अतीक दिल्ली के पीतमपुरा स्थित अपने घर जाने वाला है। करनाल सिंह ने बताया कि स्पेशल सेल के ऑफिसर्स ने अतीक के पीतमपुरा वाले घर को चारों तरफ से घेर लिया और इंतजार करने लगे। थोड़ी देर बाद अतीक बाहर निकला और अपनी कार में बैठ गया। इतने में ऑफिसर्स ने उसे घेर लिया। स्पेशल सेल के एक ऑफिसर ने अतीक के कनपट्टी पर बंदूक तान दी और उससे बाहर आने को कहा। करनाल सिंह के अनुसार अतीक बुरी तरह डर गया था और जब बाहर निकला उसकी पैंट गीली हो चुकी थी। इसके बाद अतीक को यूपी पुलिस के हवाले कर दिया गया था।
बता दें कि प्रयागराज के काॅल्विन हाॅस्पिटल के बाहर 15 अप्रैल की रात अतीक और अशरफ की गोली मारकर हत्या की गई थी। मीडियाकर्मी बनकर आए लवलेश तिवारी, अरुण मौर्य और सनी सिंह ने माफिया ब्रदर्स को कैमरों के सामने चंद सेकेंड के भीतर ही मार गिराया था। फिलहाल तीनों शूटर पुलिस रिमांड में हैं। उनसे हत्या के मकसद के लेकर पूछताछ की जा रही है। इस मामले में पाँच पुलिसकर्मी भी सस्पेंड किए गए हैं। हत्या से पहले अतीक से पत्रकारों ने असद के जनाजे में शामिल नहीं होने का कारण पूछा था। अतीक के जवाब देने के बाद अशरफ ने कहा था कि मेन बात है कि गुड्डू मुस्लिम… अशरफ की यह बात कभी पूरी नहीं हो पाई, क्योंकि इसके बाद ही माफिया भाइयों की हत्या हो गई थी।
उससे पहले 13 अप्रैल को यूपी एसटीएफ ने झाँसी में अतीक के बेटे असद और उसके शूटर मोहम्मद गुलाम को मार गिराया था। उमेश पाल की हत्या में दोनों शामिल थे। इस मामले में अतीक की बीवी शाइस्ता परवीन भी वांछित है। वह फिलहाल फरार है। उसकी और अतीक गैंग से जुड़े बमबाज गुड्डू मुस्लिम की पुलिस सरगर्मी से तलाश में जुटी है।