अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले के सह-अभियुक्त राजीव सक्सेना को आज (जनवरी 30, 2019) सुबह 9:30 बजे उनके आवास से UAE की सुरक्षा एजेंसी द्वारा उठा लिया गया और शाम 5:30 को भारत के लिए प्रत्यर्पित किया गया। उनके वकीलों, गीता लूथरा और प्रतीक यादव ने इस पूरे प्रकरण को ग़ैरक़ानूनी कहा है।
Geeta Luthra and Prateek Yadav, lawyers of Rajiv Saxena (in picture, a co-accused in AgustaWestland case): Rajiv Saxena was picked up by UAE state security from his residence this morning at 9:30 am (UAE time) and illegally extradited to India around 5:30pm (UAE time). pic.twitter.com/rzBkIWn6ns
— ANI (@ANI) January 30, 2019
वकीलों ने कहा कि राजीव सक्सेना को भारत भेजने के लिए किसी भी तरह की एक्सट्राडीशन (प्रत्यर्पण) प्रक्रिया को नहीं अपनाया गया और सक्सेना को अपनी दवाई तक नहीं लेने दी गई। उसे दुबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट के एक प्राइवेट टर्मिनल से एक प्राइवेट जेट पर बिठाकर भारत ले जाया गया।
Geeta Luthra&Prateek Yadav, lawyers of Rajiv Saxena: There were no extradition proceedings started in the UAE & he was not allowed access to his family or lawyers or essential daily medicine. He was onboarded onto a pvt jet from a private terminal at Dubai International Airport.
— ANI (@ANI) January 30, 2019
जब सक्सेना के वकीलों ने संयुक्त अरब अमीरात की सुरक्षा एजेंसी से बात करने की कोशिश की कि पूरा मामला क्या था तो, वकीलों के शब्दों में, उन्हें कहा गया कि राजीव सक्सेना हवाई जहाज पर हैं और उसे अब रोका नहीं जा सकता। जब वकीलों ने माँग की कि उन्हें और जानकारी दी जाए तो उन्हें कहा गया, “भारत सरकार से पूछो।”
Lawyers of Rajiv Saxena (co-accused in AgustaWestland case): When his lawyers asked to speak to UAE state security & demanded to understand what happened, they were told he’s on flight & can’t be stopped. When they queried this further they were told “Ask the Indian Government”.
— ANI (@ANI) January 30, 2019
राजीव सक्सेना अगस्ता वेस्टलैंड डील से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दोषी पाए गए हैं। उन्होंने पिछले महीने दिल्ली की एक अदालत में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी, जिसका ईडी (ED) ने विरोध भी किया था। सितंबर 2017 में VVIP चॉपर घोटाले में दायर एक आरोप पत्र में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उनका नाम लिया था। सक्सेना और उनकी पत्नी शिवानी सक्सेना दुबई स्थित दो कंपनियों में निदेशक हैं, जबकि वह एक अन्य मॉरीशस स्थित कंपनी में निदेशक के पद पर हैं, और यह आरोप लगाया गया है कि उन सभी कंपनियों को अगस्ता वेस्टलैंड सौदे में किकबैक मिला है।
अगस्ता-वेस्टलैंड मामला क्या है?
भारतीय वायुसेना के लिए 12 वीवीआईपी हेलिकॉप्टरों की खरीद के लिए इटली की कंपनी अगस्ता-वेस्टलैंड के साथ साल 2010 में करार किया गया था। 3,600 करोड़ रुपये के करार को जनवरी 2014 में भारत सरकार ने रद्द कर दिया। जानकारी के लिए बता दें कि इस करार में 360 करोड़ रुपये के कमीशन के भुगतान का आरोप लगा था। इटली की कंपनी और सरकार के बीच के इस करार में कमीशन की ख़बर सामने आते ही 12 एडब्ल्यू-101 वीवीआईपी हेलीकॉप्टरों की सप्लाई पर सरकार ने फ़रवरी 2013 में रोक लगा दी थी।