Sunday, November 17, 2024
Homeदेश-समाजअयोध्या मस्जिद का नाम नहीं होगा बाबरी, मक्का के काबा शरीफ जैसा (वर्गाकार, गुंबद...

अयोध्या मस्जिद का नाम नहीं होगा बाबरी, मक्का के काबा शरीफ जैसा (वर्गाकार, गुंबद या मीनारें नहीं) संभव: ट्रस्ट

1) मस्जिद में काबा शरीफ की तरह गुंबद या मीनारें नहीं होंगी? उत्तर- हाँ ऐसा हो सकता है। 2) मस्जिद का नाम क्या? उत्तर- बाबरी मस्जिद नहीं होगा। यह किसी राजा या शासक के नाम पर भी नहीं होगा।

सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद अयोध्या के धन्नीपुर गाँव में यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को मिली जमीन पर बनने जा रही मस्जिद आम मस्जिदों जैसी नहीं होगी। इसका नाम किसी भी राजा या शासक के नाम पर नहीं होगा और इसकी बनावट भी अन्य मस्जिदों से एकदम अलग हो सकती है। कहा जा रहा है कि इसकी बनावट मक्का में स्थित काबा शरीफ जैसी हो सकती है यानी वर्गाकार।

इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन (IICF) के सचिव एवं प्रवक्ता अतहर हुसैन ने रविवार को पीटीआई को बताया कि धन्नीपुर गाँव में 15,000 वर्ग फीट की मस्जिद बनाई जाएगी। इसका क्षेत्रफल बाबरी मस्जिद जितना होगा। मगर, इसका आकार बाकी मस्जिदों से एकदम भिन्न होगा। यह मक्का में स्थित काबा शरीफ की तरह चौकोर हो सकता है जैसा कि मस्जिद के लिए नियुक्त किए गए आर्किटेक्ट एसएम अख्तर ने इशारा भी दिया है।

इस सवाल के जवाब में कि मस्जिद में गुंबद या मीनारें नहीं होंगी जैसे काबा शरीफ में नहीं हैं? उन्होंने कहा कि हाँ ऐसा हो सकता है। इसकी संभावनाएँ हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इस संबंध में वास्तुशास्त्री को खुली छूट दी गई है कि वह अपने हिसाब से काम करें। हुसैन के मुताबिक, “मस्जिद का नाम बाबरी मस्जिद नहीं होगा। यह किसी राजा या शासक के नाम पर भी नहीं होगा। उनकी निजी राय में इसे धन्नीपुर मस्जिद बुलाया जाना चाहिए।”

उन्होंने जानकारी दी कि ट्रस्ट इसके लिए पोर्टल बना रहा है ताकि लोग मस्जिद, म्यूजियम, अस्पताल, रिसर्च सेंटर के लिए डोनेट कर सकें, जिन्हें परिसर के अंदर बनाना है। इस पर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्कॉलर के लेख भी नजर आया करेंगे। हुसैन की मानें तो पोर्टल पर अभी कुछ काम पूरा होना बाकी है, इसलिए, दान शुरू नहीं हुआ है।

बता दें कि उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने 5 एकड़ के भूखंड पर मस्जिद के निर्माण के लिए एक ट्रस्ट, IICF का गठन किया है। राज्य सरकार ने यह भूखंड सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों पर दिया है। दशकों से चले आ रहे विवाद पर पिछले साल 9 नवंबर को फैसला आया था। कोर्ट ने अपने फैसले में विवादित स्थल को राम मंदिर का निर्माण कराने और मस्जिद बनाने के लिए अयोध्या के ही किसी प्रमुख स्थान पर 5 एकड़ जमीन आवंटित करने का आदेश दिया था।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

मुस्लिम घुसपैठियों और ईसाई मिशनरियों के दोहरे कुचक्र में उलझा है झारखंड, सरना कोड से नहीं बचेगी जनजातीय समाज की ‘रोटी-बेटी-माटी’

झारखंड का चुनाव 'रोटी-बेटी-माटी' केंद्रित है। क्या इससे जनजातीय समाज को घुसपैठियों और ईसाई मिशनरियों के दोहरे कुचक्र से निकलने में मिलेगी मदद?

दिल्ली सरकार के मंत्री कैलाश गहलोत का AAP से इस्तीफा: कहा- ‘शीशमहल’ से पार्टी की छवि हुई खराब, जनता का काम करने की जगह...

दिल्ली सरकार में मंत्री कैलाश गहलोत ने अरविंद केजरीवाल एवं AAP पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाकार पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -