Friday, November 15, 2024
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₹3570 करोड़ की लागत से बनेगा 68 km का बाईपास, रामलला के भक्तों के लिए NHAI का प्लान: अयोध्या ही नहीं, लखनऊ, बस्ती और गोंडा को भी फायदा

केंद्रीय वित्त मंत्रालय का कहना है चूँकि प्रोजेक्ट की लागत 1000 करोड़ रुपए से अधिक हैं, इसलिए मंत्रालय को PPP प्रोजेक्ट का मूल्यांकन करने वाली शीर्ष कमेटी से मंजूरी लेने की जरूरत है।

अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के बाद से ही श्रद्धा का सैलाब आया हुआ है, बड़ी संख्या में भक्त रामलला के दर्शन के लिए पहुँच रहे हैं। ऐसे में रामलला की जन्मभूमि आने वाले भक्तों को कोई तकलीफ हो और न ही वहाँ रहने वालों को भी सुविधाएँ मिले, इसके लिए ‘सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय’ (NHAI) ने 68 किलोमीटर बाईपास का प्लान बनाया है।

इस बाईपास के बनने से अयोध्या और आसपास के इलाकों में भीड़भाड़ कम होगी और ये इलाका जाम से फ्री रहेगा। NHAI ने 3570 करोड़ रुपए की लागत वाले इस 68 किलोमीटर लंबे ग्रीनफील्ड बाईपास के निर्माण के लिए केंद्र से खास मंजूरी माँगी है। इस कड़ी में NHAI ने इस लखनऊ, बस्ती और गोंडा जिलों को कवर करने जा रहे इस 4/6 लेन राजमार्ग के लिए बिड्स आमंत्रित की हैं। इस प्रोजेक्ट को उत्तरी अयोध्या बाईपास और दक्षिण अयोध्या बाईपास नामक दो भागों में बाँटा गया है। ये बाईपास सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) मोड पर बनेगा।

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के बाद क्षेत्र में यात्री और मालवाहक वाहनों की आवाजाही में बड़े पैमाने पर बढ़ोतरी को ध्यान में रखते हुए इस बाईपास को बनाने के बारे में सोचा गया है। अनुमान के मुताबिक, वर्तमान में हर रोज के मौजूदा ट्रैफिक 2023 ,इ 89,023 तक बढ़कर हर रोज 2.17 लाख पहुँचने की संभावना है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस बाईपास प्रोजेक्ट के लिए खास मंजूरी माँगी गई है। बता दें कि वित्त मंत्रालय ने परिवहन मंत्रालय से फिलहाल भारतमाला के तहत किसी भी नए प्रोजेक्ट पर कुछ वक्त तक आगे नहीं बढ़ने को कहा था।

केंद्रीय वित्त मंत्रालय का कहना है चूँकि प्रोजेक्ट की लागत 1000 करोड़ रुपए से अधिक हैं, इसलिए मंत्रालय को PPP प्रोजेक्ट का मूल्यांकन करने वाली शीर्ष कमेटी से मंजूरी लेने की जरूरत है। वहीं NHAI ढाई साल में इस बाईपास का निर्माण पूरा करना चाहता है। अगर NHAI का ये प्रोजेक्ट तय समयसीमा यानी ढाई साल में पूरा हो जाता है तो लखनऊ, बस्ती और गोंडा इन तीन जिलों में पर्यटक और तीर्थ स्थलों सहित आर्थिक, सामाजिक और आर्थिक सप्लाई चेन मैनेजमेंट के केंद्रों के बीच कनेक्टिविटी में सुविधा होगी।

अयोध्या बाईपास प्रोजेक्ट अयोध्या रेलवे स्टेशन, सोहवाल रेलवे स्टेशन, एएन देव नगर रेलवे स्टेशन और अयोध्या कैंट रेलवे स्टेशन कनेक्टिविटी बढ़ाने के साथ ही अयोध्या एयरपोर्ट जैसे इंटीग्रेटेड बुनियादी ढाँचे के साथ मल्टी-मॉडलिटी को बढ़ाएगा।

बता दें कि अयोध्या उत्तर प्रदेश के 2 आर्थिक केंद्रों लखनऊ और गोरखपुर के बीच में है। चमड़ा, इंजीनियरिंग के सामान, भवन निर्माण सामग्री, लोहा और स्टील जैसे जरूरी सामान अयोध्या से होकर गुजरते हैं, इसलिए इस बाईपास के बनने से माल की आपूर्ति बगैर बाधा के हो पाएगी।

इसके साथ ही इससे रामलला के दर्शन के लिए अयोध्या राम मंदिर आने वाले भक्तों को भी सुविधा होगी, क्योंकि यहाँ भक्तों के आने की संख्या में लगातार इजाफा होता जा रहा है। उत्तर प्रदेश अयोध्या जोन के आईजी प्रवीण कुमार ने कहा, “यहाँ भारी संख्या में लोग आ रहे हैं। कल भी 3 लाख से अधिक लोगों ने दर्शन किए हैं। हम सभी व्यवस्थाएँ सुनिश्चित करा रहे हैं। प्रशासन द्वारा भी सभी आवश्यक व्यवस्थाएँ की गई हैं।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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