उमेश पाल हत्याकांड में अतीक अहमद के गुर्गों ने न केवल उमेश पाल बल्कि उनके दो गनर की भी जान ले ली थी। इनमें से एक गनर संदीप निषाद थे। अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या की जानकारी मिलने पर संदीप निषाद के परिवार वालों का कहना है कि असद, गुलाम, अतीक और अशरफ की मौत से उन्हें शांति मिली है।
‘आज तक’ से हुई बातचीत में संदीप निषाद के पिता संतराम निषाद का कहना है, “असद और गुलाम का एनकाउंटर हुआ। इसके बाद अतीक अहमद और अशरफ की हत्या हुई। यह बात सुनकर उन्हें शांति मिली है। उनके पास कुछ नहीं है। कमाने वाला सिर्फ बेटा था वह भी बलिदान हो गया। 6-7 परिवारों के बीच में कमाने वाला कोई नहीं है। इससे बड़ा पहाड़ कौन सा हो सकता था। लड़कों के बच्चे भी हैं उनकी भी पढ़ाई बंद हो गई है।” बलिदान हुए संदीप निषाद के पिता ने अपने परिवार के लिए नौकरी और रहने के लिए घर की भी माँग की है।
वहीं, संदीप निषाद की माँ समुंदरी का कहना है कि अतीक और अशरफ की हत्या से उन्हें तसल्ली मिली है। संदीप घर में इकलौते कमाने वाले हैं। संदीप निषाद की पारिवारिक सदस्य रमावती ने कहा है, “मुख्यमंत्री योगी का धन्यवाद। आज तक कोई भी ऐसा अधिकारी मंत्री नहीं मिला जो कहे और करके दिखाए। मैं योगी जी को प्रणाम करती हूँ। पैर छूती हूँ। मैं चाहती हूँ कि योगी जी संदीप निषाद के परिवार को गोद ले लें। इस परिवार में वही कमाने वाला था। अब कोई कमाने वाला नहीं है। कल जो घटना हुई शांति मिली।”
बलिदानी संदीप निषाद के भाई दीपचन्द्र ने कहा है, “अतीक के साथ जो हुआ है सही हुआ है। योगी जी से यही कहेंगे जो गलत किया है उसके साथ ऐसा ही होना चाहिए। योगी से अनुरोध है घर में नौकरी और यहाँ सड़क बनवा दें।”
संदीप निषाद के पारिवारिक सदस्य बृजेश ने कहा है कि जो हो रहा है अच्छा हो रहा है। जैसे के साथ तैसा होना चाहिए। अतीक और अशरफ की हत्या हुई है, अच्छा हुआ है। जो जैसे करेगा उसके साथ वैसा ही होगा। संदीप निषाद के चचेरे भाई विजय निषाद का कहना है, “इस घटना को सुनकर सब लोगों को तसल्ली मिली है। हम लोग भी यही चाहते थे कि या तो उसका एनकाउंटर हो जाए या फिर फाँसी दे दी जाए। जो जैसा किया था दूसरे के साथ उसके साथ भी वैसा ही हुआ। आज नहीं तो कल, जो गलत करेगा उसके साथ ऐसा ही होगा।”
संदीप के भाई वीरेंद्र निषाद ने कहा है, “अतीक अहमद बहुत लोगों को परेशान किया हुआ था। बहुत से परिवारों का उसने दिल दुखाया है। हमारा भाई भी मारा गया। हम लोगों के साथ भी बहुत दर्दनाक घटना घटी है। हमारी आत्मा भी रो रही है। जिसका दिल टूटता है उसे पता चलता है कि दर्द क्या होता है। अब उसके परिवार को भी पता चलेगा हम लोग कैसे रह रहे हैं। जैसी करनी वैसी भरनी।”