हाल ही में एलोपैथी दवाओं को लेकर बाबा रामदेव का एक वीडियो वायरल होने के बाद इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने उनके खिलाफ कड़ा रुख अख्तियार किया। इसको लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्द्धन ने भी आपत्ति जताई थी, जिसके बाद रामदेव ने अपने बयान पर डॉक्टरों से माफी माँग ली। हालाँकि, यह विवाद अभी थमा नहीं है।
योग गुरु ने सोमवार (24 मई 2021) को एक और ट्वीट किया, जिसके बाद यह मामला फिर से गर्माता दिख रहा है। रामदेव ने ट्वीट कर डॉक्टरों के संगठन इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और दवा कंपनियों से 25 सवाल पूछे हैं। उन्होंने हाइपरटेंशन, टाइप-1 और टाइप-2 डायबिटीज जैसे कई बीमारियों के स्थायी समाधान के बारे में भी सवाल पूछा है।
मैं इंडियन मेडिकल एसोसिएशन व फार्मा कंपनियों से विनम्रता के साथ सीधे 25 सवाल पूछता हूँ- pic.twitter.com/ATVKlDc9tl
— स्वामी रामदेव (@yogrishiramdev) May 24, 2021
उन्होंने आगे पूछा, ”एलोपैथी को शुरू हुए 200 साल हो गए, जरा बताइए टीबी और चेचक जैसी बीमारियों के स्थायी समाधान ढूँढ लिए गए, लेकिन उसी तरह लिवर संबंधी रोग के उपाय क्यों नहीं ढूँढे जा सके। बाबा रामदेव ने दवा कंपनियों से पूछा है कि आँखों का चश्मा उतारने और हीयरिंग एड हट जाने का बेजोड़ इलाज हो तो बताएँ।”
बाबा रामदेव ने अपने ट्वीट में कई ऐसी गंभीर बीमारियों के बारे में IMA और दवा कंपनियों से सवाल पूछा है, जिनका अभी तक स्थायी इलाज नहीं ढूँढा जा सका है। उन्होंने कहा कि एलोपैथी में बिना साईड इफैक्ट के हिमोग्लोबिन बढ़ाने का तरीका बता दें। आदमी बहुत हिंसक, क्रूर और हैवानियत कर रहा है उसको इंसान बनाने वाली एलोपैथी में कोई दवा बताएँ। आदमी के सारे ड्रग्स एडिक्शन, नशा छूट जाए, ऐसी कोई एलोपैथी में दवा बताएँ।
आगे उन्होंने अपने सवालों की लिस्ट में पायरिया, माइग्रेन, कोलेस्ट्रॉल ट्राइग्लिसराइड्स, सोरायसिस, पार्किंसन, अनिद्रा, एसिडिटी जैसे तमाम रोगों के नाम गिनाए हैं, जिनके लिए उनका दावा है कि इन रोगों का अभी तक स्थायी इलाज एलोपैथी में नहीं खोजा जा सका है।
बता दें कि हाल ही में बाबा रामदेव का एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें वह एलोपैथी की निंदा करते हुए सुने गए थे। उन्होंने कहा था कि एलोपैथी दवाओं के कारण ही कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की जान गई है। इस पर बाबा रामदेव को चिट्ठी लिखते हुए डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि सम्पूर्ण देशवासियों के लिए Covid-19 से युद्धरत डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी देवतुल्य हैं। ऐसे में बाबा रामदेव के आपत्तिजनक बयान ने देश भर की भावनाओं को ठेस पहुँचाई है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने चिट्ठी ट्वीट करते हुए योग गुरु रामदेव से अपना बयान वापस लेने की माँग की थी।
संपूर्ण देशवासियों के लिए #COVID19 के खिलाफ़ दिन-रात युद्धरत डॉक्टर व अन्य स्वास्थ्यकर्मी देवतुल्य हैं।
— Dr Harsh Vardhan (@drharshvardhan) May 23, 2021
बाबा @yogrishiramdev जी के वक्तव्य ने कोरोना योद्धाओं का निरादर कर,देशभर की भावनाओं को गहरी ठेस पहुंचाई।
मैंने उन्हें पत्र लिखकर अपना आपत्तिजनक वक्तव्य वापस लेने को कहा है। pic.twitter.com/QBXCdaRQb1
दरअसल, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) आईएमए ने बाबा रामदेव के विशेष रूप से दो बयानों पर आपत्ति जताई थी। वायरल वीडियो में रामदेव ने कहा था, ”एलोपैथी ऐसी बेकार साइंस है कि पहले इनकी हाइड्रोऑक्सीक्लोरोक्वीन फेल हो गई, फिर रेमडेसिविर फेल हो गई। फिर एंटीबायोटिक्स इनके फेल हो गए, स्टेरॉयड फेल हो गए। प्लाज्मा थेरेपी के ऊपर भी बैन लग गया। आइवरमेक्टिन भी फेल हो गई। बुखार के लिए फैबिफ्लू दे रहे हैं, वो भी फेल है।”
IMA issues press release over a video on social media where Yog Guru Ramdev allegedly speaks against Allopathy. IMA demands that the “Union Health Minister either accept accusation & dissolve modern medical facility or prosecute him and book him under Epidemic Diseases Act.” pic.twitter.com/FnqUefGjQA
— ANI (@ANI) May 22, 2021