मुंबई के एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की निर्मम हत्या ने पूरे शहर में सनसनी फैला दी है। बांद्रा (ईस्ट) में 12 अक्टूबर को हुई इस हत्या के बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपितों की पहचान कर ली है, और चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। हत्या को अंजाम देने वाले अपराधियों का संबंध कुख्यात लॉरेंस बिश्नोई गैंग से है, जो पहले भी कई गंभीर अपराधों में शामिल रहा है। बिश्नोई गैंग से जुड़े व्यक्ति ने फेसबुक पर हत्याओं की जिम्मेदारी ली है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, बाबा सिद्दीकी हत्याकांड में जिन तीन आरोपितों की पहचान हुई है, उनमें से एक हरियाणा का रहने वाला गुरमैल सिंह है। तो बाकी के दोनों उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के रहने वाले धर्मराज कश्यप और शिवा गौतम। शिवा गौतम अभी फरार है।
दोनों अपराधी पुणे में कबाड़ का काम करते थे। इन अपराधियों का संबंध सीधे तौर पर लॉरेंस बिश्नोई गैंग से बताया जा रहा है, जिन्होंने 50 हजार रुपए लेकर सिद्दीकी की हत्या की। बिश्नोई गैंग का नाम पहले भी हाई-प्रोफाइल हत्याओं और अंडरवर्ल्ड गतिविधियों में आ चुका है। खासकर बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान की हत्या की साजिश में इस गैंग का नाम प्रमुखता से सामने आया था।
#WATCH | Baba Siddique Murder | Accused identified as Gurmail Singh and Dharamraj Kashyap being taken to Esplanade Court in Mumbai. pic.twitter.com/m3Zn3OQeob
— ANI (@ANI) October 13, 2024
लॉरेंस बिश्नोई गैंग से कनेक्शन
पुलिस की जाँच में खुलासा हुआ है कि बाबा सिद्दीकी की हत्या का पूरा षड्यंत्र लॉरेंस बिश्नोई गैंग के इशारे पर रचा गया था। आरोपितों ने सिद्दीकी की हत्या से पहले इस गिरोह से जुड़े कई लोगों से संपर्क किया था और हत्या की योजना को अंजाम देने के लिए बिश्नोई गैंग से ही हथियार और अन्य संसाधन प्राप्त किए। बिश्नोई गैंग का नाम पहले भी मुंबई में अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिशों के कारण चर्चाओं में रहा है, और इस हत्या से यह साफ हो गया है कि यह गैंग राजनीतिक हत्याओं में भी लिप्त हो सकता है।
आरोपितों ने दो महीने तक सिद्दीकी की दिनचर्या पर नजर रखी और उनकी हत्या के लिए सही समय और स्थान का चुनाव किया। उन्होंने बांद्रा में उनके घर के आसपास बार-बार आकर उनकी हर गतिविधि पर पैनी नजर रखी। 12 अक्टूबर की रात, जब सिद्दीकी अपने घर के पास टहल रहे थे, तब आरोपियों ने हमला किया। खास बात यह है कि हमले को दीपावली के पटाखों की आवाज के बीच अंजाम दिया गया, ताकि गोलियों की आवाज सुनाई न दे।
धर्मराज और शिवा ने हत्या के लिए आवश्यक हथियारों को कुछ दिन पहले ही हासिल कर लिया था। इन हथियारों का इंतजाम लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने किया था। आरोपितों को इस हत्या के लिए पहले ही एडवांस में मोटी रकम दी गई थी, ताकि वे इसे सफलतापूर्वक अंजाम दे सकें। पुलिस के मुताबिक, आरोपियों को पिस्तौल के साथ-साथ बमों का भी इस्तेमाल करने की ट्रेनिंग दी गई थी, ताकि वे हमले को बड़ी आसानी से अंजाम दे सकें।
गोलियों की बरसात में हुई हत्या
हमले के दौरान आरोपितों ने बाबा सिद्दीकी पर 6 राउंड गोलियाँ चलाईं, जिनमें से तीन गोलियाँ सीधे सिद्दीकी को लगीं। मौके पर ही उनकी मौत हो गई। पटाखों की आवाज में गोलियों की आवाज दब गई, जिसके कारण आसपास के लोग तुरंत कुछ समझ नहीं पाए।
हत्या के तुरंत बाद पुलिस ने इलाके के सीसीटीवी फुटेज खंगाले और आरोपितों की पहचान की। यूपी पुलिस की मदद से धर्मराज कश्यप और शिवा गौतम को गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ में उन्होंने हत्या की पूरी योजना को कबूल किया और बताया कि यह पूरी साजिश लॉरेंस बिश्नोई गैंग के इशारे पर रची गई थी। इस बारे में बिश्नोई गैंग से जुड़ा एक फेसबुक पोस्ट भी सामने आया है। हालाँकि पोस्ट जिसके नाम से किया गया, वो फरार बताया जा रहा है। इस पोस्ट में काफी कुछ कहा गया है।
फेसबुक पोस्ट ‘शुबू लोंकर महाराष्ट्र’ नाम के अकाउंट से किया गया है। बिश्नोई गैंग ने फेसबुक पोस्ट में कहा, “सलमान खान हम ये जंग चाहते नहीं थे, पर तुमने हमारे भाई (लॉरेंस बिश्नोई) का नुकसान करवाया। आज जो बाबा सिद्दीकी की शराफत के पुल बाँधे जा रहे हैं, वो एक टाइम में दाऊद के साथ मकोका एक्ट में था। इसके मरने का कारण दाऊद को बॉलीवुड, राजनीती, प्रॉपर्टी डीलिंग से जोड़ना था।” इनके अलावा अनुज थापन का नाम भी पोस्ट में है, जिसने सलमान खान के घर के बाहर फायरिंग की थी, और पुलिस कस्टडी में उसकी मौत हो गई थी। गैंग का कहना है कि यह मौत उसका बदला है।
लॉरेंस बिश्नोई गैंग का नाम पहले भी कई हाई-प्रोफाइल मामलों में आ चुका है। सलमान खान की हत्या की साजिश से लेकर अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से जुड़े कनेक्शन तक, इस गैंग ने मुंबई के आपराधिक जगत में एक गहरी पैठ बना ली है।
पुलिस अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस हत्या में और कौन-कौन लोग शामिल थे, और क्या इसके पीछे कोई और बड़ा कारण था। बाबा सिद्दीकी की हत्या इस बात की तसदीक करती है कि यह गैंग अब राजनीतिक हत्याओं में भी शामिल हो गया है।