Sunday, December 22, 2024
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बांग्लादेश से घुसी, बंगाल में ठिकाना: 26/11 के मास्टरमाइंड हाफिज सईद को रिपोर्ट करती थी तानिया परवीन

तानिया के पास पास से जब्त की गई डायरी और दस्तावेजों से पता चला है कि उसने काफ़ी संवेदनशील सूचनाएँ जुटा ली थी। सरकारी सूचनाओं को पाने के लिए वह हनी-ट्रैपिंग का सहारा लेती थी। कई बड़े अधिकारियों व नेताओं तक उसकी पहुँच होने की बात कही जा रही है।

पश्चिम बंगाल में शुक्रवार (मार्च 20, 2020) को 21 साल की एक कॉलेज छात्रा गिरफ्तार की गई थी। वह आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ी है। उसे नॉर्थ 24 परगना जिले के बदुरिया से पकड़ा गया था। इसके बाद उसे बशीरहाट सब डिवीजन कोर्ट में पेश किया गया। अदालत ने उसे 14 दिनों की पुलिस रिमांड में भेज दिया। उसके ख़िलाफ़ यूएपीए के तहत मामला चलाया जाएगा। गिरफ़्तार तानिया परवीन अरबी लिटरेचर की एमए फाइनल ईयर की छात्रा है। वह सोशल नेटवर्किंग साइट्स के जरिए आतंकी संगठन से जुड़ी थी। लश्कर ने उसे भड़काऊ डाक्यूमेंट्स और विडियो उपलब्ध कराए थे।

कहा जा रहा है कि तानिया 10 साल पहले बांग्लादेश से घुसपैठ कर भारत में आई थी। वह लश्कर के लिए भर्तियाँ करती थी। सरकारी सूचनाओं को पाने के लिए वो हनी-ट्रैपिंग का सहारा लेती थी। कई बड़े अधिकारियों व नेताओं तक उसकी पहुँच होने की बात कही जा रही है। एजेंसियाँ इस बात की जाँच करने में जुटी है कि उसने किस प्रकार की सूचनाएँ जुटा कर अपने आकाओं तक पहुँचाई थी। उसके पास से जब्त की गई डायरी और दस्तावेजों से पता चला है कि उसने काफ़ी संवेदनशील सूचनाएँ जुटा ली थी। इस घटना ने फिर से बांग्लादेशी घुसपैठ के खतरे को सामने ला दिया है।

पश्चिम बंगाल में बांग्लादेशी घुसपैठिए अक्सर फेक करेंसी, ड्रग बेचने व अन्य अपराधों में संलिप्त पाए जाते रहे हैं। 2014 में हुए बर्दवान ब्लास्ट में घुसपैठी आतंकियों का हाथ होने की बात सामने आई थी। बिहार के बोधगया में हुए हमलों की जाँच के दौरान भी घुसपैठियों का रोल सामने आया था। तानिया के पास से कई पाकिस्तानी सिम कार्ड्स मिले हैं। ख़बरों के अनुसार, वह मुंबई के 26/11 हमलों के मास्टरमाइंड और आतंकी सरगना हाफ़िज़ सईद से भी 2 बार बातचीत कर चुकी है। वो पिछले 2 साल से लश्कर के लिए सक्रिय रूप से काम कर रही थी और उस क्षेत्र में कई बार भड़काऊ भाषण दे चुकी है।

अब देखना ये है कि पूछताछ के दौरान क्या निकल कर आता है और हनी-ट्रैपिंग के माध्यम से उक्त युवती ने कितने सरकारी अधिकारियों को फँसा रखा था। इससे पहले भी पाकिस्तानी ख़ुफ़िया एजेंसी आईएसआई द्वारा भारतीय सैन्य अधिकारियों को फँसाने के लिए हनी-ट्रैपिंग का प्रयोग करने की बात पता चली थी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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