बिहार के बांका जिले के एक मदरसे में हुए ब्लास्ट की चल रही जाँच के बीच प्रशासन ने कुछ चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। मीडिया रिपोर्टों में डीएम और एसपी के हवाले से बताया गया है कि यह मदरसा अवैध था। धमाका कंटेनर में रखे एक देसी बम के फटने से हुआ था। मौलाना के मौत की वजह दम घुटना बताया गया है।
प्रभात खबर की रिपोर्ट में बताया गया है कि कई टीम अलग-अलग बिंदुओं पर जाँच कर रही है। इसमें मुख्य रूप से सेंट्रल आइबी, एटीएस और एसआइटी शामिल है। डीएम सुहर्ष भगत और एसपी अरविंद कुमार गुप्ता ने गुरुवार (10 जून 2021) को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि आईडी ब्लास्ट के साक्ष्य नहीं मिले हैं। धमाका देसी बम से होने की बात सामने आई है।
मौके से बम बाँधने में इस्तेमाल किया जाने वाला सुतली, कील और कंटेनर का टुकड़ा बरामद हुआ है। बम कितना शक्तिशाली था यह एसएफएल रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा। एसपी ने बताया कि जो देसी बम फटा वह मदरसे के एक कमरे में गेट के पास कंटेनर में रखा था। अभी तक मृत इमाम की संदिग्ध गतिविधियों को लेकर भी कोई सबूत नहीं मिले हैं। वहीं डीएम ने बताया कि इस मदरसे का रजिस्ट्रेशन नहीं था। यह 18-20 वर्षो से रैयती जमीन पर चल रहा था और 50-60 बच्चों को तालीम दी जा रही थी।
धमाके में मदरसे का इमाम मौलाना अब्दुल मोबीन घायल हो गया था। बाद में उसकी मौत हो गई। मौलाना मदरसे में ही रहता था। ब्लास्ट के बाद उसके साँस की नली धुँआ भर गया। दम घुटने और भारी मलबे में दबने की वजह से उसकी मौत हो गई। मामले में दो गाँव के बीच विवाद के एंगल से भी पड़ताल की जा रही है।
गौरतलब है कि बांका के नवटोलिया क्षेत्र में बने मदरसे में हुए विस्फोट की खबर 7 जून को आई थी। वहाँ नूरी मस्जिद इस्लामपुर परिसर के आगे एक मदरसे में सुबह 8 बजे बम विस्फोट होने से आसपास का इलाका थर्रा उठा था और मदरसा भी पूरी तरह से ध्वस्त हो गया था।
मीडिया रिपोर्टों में इस घटना को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे थे। कुछ स्थानीय लोगों के हवाले से बताया गया था कि मौलाना बम बनाता था और 3 युवक उसका सहयोग करते थे। क्षेत्र में छोटी-छोटी बात पर बमबारी होती थी। भागलपुर से बारूद लाकर काम किया जाता था। यह बात भी कही जा रही थी कि इस धमाके के तार बांग्लादेश से जुड़ सकते हैं और इसकी जाँच एनआईए (NIA) को सौंपी जा सकती है।
इस घटना के बाद से बिहार में सियासत भी काफी गरम है। विस्फी से बीजेपी विधायक हरिभूषण ठाकुर ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि इस घटना ने मदरसों की पोल खोल दी है। उन्होंने कहा कि सरकारी अनुदान लेकर मदरसे आतंकी तैयार कर रहे हैं। साथ ही इसे भारत के इस्लामीकरण के षड्यंत्र से भी जोड़ा।