दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार (3 मई 2023) को ब्रिटेन की मीडिया कंपनी BBC, विकिमीडिया और इंटरनेट अर्काइव को समन जारी किया है। बीबीसी द्वारा ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ (India: The Modi Question) के डॉक्यूमेंट्री बनाने के बाद भाजपा नेता बिनय कुमार सिंह ने BBC के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था।
इस मामले पर सुनवाई करते हुए अतिरिक्त जिला न्यायाधीश (ADJ) रुचिका सिंगला ने बीबीसी के साथ-साथ विकिपीडिया की फंडिंग करने वाली कंपनी विकिमीडिया फाउंडेशन और अमेरिका में स्थित डिजिटल लाइब्रेरी ‘इंटरनेट आर्काइव’ को भी समन भेजा है। अदालत ने समन की तामील की तारीख से 30 दिनों के भीतर लिखित बयान दर्ज करने का निर्देश दिया है।
बिनय कुमार सिंह ने यह कहते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया था किया कि वह झारखंड भाजपा की राज्य कार्यकारी के सदस्य और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और विश्व हिंदू परिषद (VHP) के सक्रिय स्वयंसेवक हैं। दायर मुकदमे में उन्होंने कहा है कि बीबीसी ने डॉक्यूमेंट्री के माध्यम से आरएसएस, विहिप और भाजपा जैसे संगठनों को बदनाम किया है।
अपनी याचिका में उन्होंने कहा, “आरएसएस और वीएचपी के खिलाफ लगाए गए आरोप संगठनों और उसके लाखों सदस्यों/स्वयंसेवकों को बदनाम करने के दुर्भावनापूर्ण इरादे से प्रेरित हैं। इस तरह के आरोप न केवल निराधार हैं, बल्कि आरएसएस, वीएचपी की प्रतिष्ठा और छवि को नुकसान पहुँचाने वाले भी हैं।”
इसमें आगे कहा गया है, “प्रतिवादी नंबर 1 (बीबीसी) ने दावों की प्रामाणिकता की पुष्टि किए बिना रणनीतिक और उद्देश्यपूर्ण रूप से निराधार अफवाहें फैलाईं। इसके अलावा, इसमें लगाए गए आरोप कई धर्मों, विशेष रूप से हिंदुओं और मुस्लिमों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देते हैं।”
बार एंड बेंच के अनुसार, इस दौरान कोर्ट को बताया गया है कि भारत सरकार ने इस डॉक्यूमेंट्री पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके बावजूद विकिपीडिया पर इसके लिए एक पेज बनाया गया है और उस पर इसे देखने के लिए लिंक दिया गया है। इसके साथ ही यह सामग्री अभी भी इंटरनेट आर्काइव पर उपलब्ध है।
याचिका में कहा गया है, “यह एक उचित निष्कर्ष की ओर जाता है कि सभी तीन प्रतिवादी देश की छवि को खराब करने के साथ-साथ RSS और VHP जैसे प्रतिष्ठित संगठनों की छवि को खराब करने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं।” इस मामले की अगली सुनवाई 11 मई 2023 को होगी।