Sunday, September 1, 2024
Homeदेश-समाजPM मोदी पर डॉक्यमेंट्री को लेकर BBC, विकिपीडिया और इंटरनेट अर्काइव को समन: RSS...

PM मोदी पर डॉक्यमेंट्री को लेकर BBC, विकिपीडिया और इंटरनेट अर्काइव को समन: RSS और VHP को बदनाम करने को लेकर दायर है मानहानि का मुकदमा

याचिका में कहा गया है, "यह एक उचित निष्कर्ष की ओर जाता है कि सभी तीन प्रतिवादी देश की छवि को खराब करने के साथ-साथ RSS और VHP जैसे प्रतिष्ठित संगठनों की छवि को खराब करने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं।" इस मामले की अगली सुनवाई 11 मई 2023 को होगी।

दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार (3 मई 2023) को ब्रिटेन की मीडिया कंपनी BBC, विकिमीडिया और इंटरनेट अर्काइव को समन जारी किया है। बीबीसी द्वारा ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ (India: The Modi Question) के डॉक्यूमेंट्री बनाने के बाद भाजपा नेता बिनय कुमार सिंह ने BBC के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था।

इस मामले पर सुनवाई करते हुए अतिरिक्त जिला न्यायाधीश (ADJ) रुचिका सिंगला ने बीबीसी के साथ-साथ विकिपीडिया की फंडिंग करने वाली कंपनी विकिमीडिया फाउंडेशन और अमेरिका में स्थित डिजिटल लाइब्रेरी ‘इंटरनेट आर्काइव’ को भी समन भेजा है। अदालत ने समन की तामील की तारीख से 30 दिनों के भीतर लिखित बयान दर्ज करने का निर्देश दिया है।

बिनय कुमार सिंह ने यह कहते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया था किया कि वह झारखंड भाजपा की राज्य कार्यकारी के सदस्य और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और विश्व हिंदू परिषद (VHP) के सक्रिय स्वयंसेवक हैं। दायर मुकदमे में उन्होंने कहा है कि बीबीसी ने डॉक्यूमेंट्री के माध्यम से आरएसएस, विहिप और भाजपा जैसे संगठनों को बदनाम किया है।

अपनी याचिका में उन्होंने कहा, “आरएसएस और वीएचपी के खिलाफ लगाए गए आरोप संगठनों और उसके लाखों सदस्यों/स्वयंसेवकों को बदनाम करने के दुर्भावनापूर्ण इरादे से प्रेरित हैं। इस तरह के आरोप न केवल निराधार हैं, बल्कि आरएसएस, वीएचपी की प्रतिष्ठा और छवि को नुकसान पहुँचाने वाले भी हैं।”

इसमें आगे कहा गया है, “प्रतिवादी नंबर 1 (बीबीसी) ने दावों की प्रामाणिकता की पुष्टि किए बिना रणनीतिक और उद्देश्यपूर्ण रूप से निराधार अफवाहें फैलाईं। इसके अलावा, इसमें लगाए गए आरोप कई धर्मों, विशेष रूप से हिंदुओं और मुस्लिमों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देते हैं।”

बार एंड बेंच के अनुसार, इस दौरान कोर्ट को बताया गया है कि भारत सरकार ने इस डॉक्यूमेंट्री पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके बावजूद विकिपीडिया पर इसके लिए एक पेज बनाया गया है और उस पर इसे देखने के लिए लिंक दिया गया है। इसके साथ ही यह सामग्री अभी भी इंटरनेट आर्काइव पर उपलब्ध है।

याचिका में कहा गया है, “यह एक उचित निष्कर्ष की ओर जाता है कि सभी तीन प्रतिवादी देश की छवि को खराब करने के साथ-साथ RSS और VHP जैसे प्रतिष्ठित संगठनों की छवि को खराब करने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं।” इस मामले की अगली सुनवाई 11 मई 2023 को होगी।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

जनता की समस्याएँ सुन रहे थे गिरिराज सिंह, AAP पार्षद शहज़ादुम्मा सैफी ने कर दिया हमला: दाढ़ी-टोपी का नाम ले बोले केंद्रीय मंत्री –...

शहजादुम्मा मूल रूप से बेगूसराय के लखमिनिया का रहने वाला है। वह आम आदमी पार्टी का कार्यकर्ता है जो वर्तमान में लखमिनिया से वार्ड पार्षद भी है।

चुनाव आयोग ने मानी बिश्नोई समाज की माँग, आगे बढ़ाई मतदान और काउंटिंग की तारीखें: जानिए क्यों राजस्थान में हर वर्ष जमा होते हैं...

बिश्नोई समाज के लोग हर वर्ष गुरु जम्भेश्वर को याद करते हुए आसोज अमावस्या मनाते है। राजस्थान के बीकानेर में वार्षिक उत्सव में भाग लेते हैं।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -