Monday, November 18, 2024
Homeराजनीति'मैं शांति से जीना चाहता हूँ, मुझे जमानत दे दीजिए': टीचर भर्ती घोटाले की...

‘मैं शांति से जीना चाहता हूँ, मुझे जमानत दे दीजिए’: टीचर भर्ती घोटाले की सुनवाई के दौरान रोने लगे TMC के पूर्व नेता पार्थ चटर्जी और उनकी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी

इसी साल जुलाई में अर्पिता मुखर्जी के घरों से भारी मात्रा में नकदी बरामद हुआ था। ED ने अर्पिता के घरों से करीब 50 करोड़ रुपए नकद, सोना और आभूषण जब्त किए थे। मीडिया रिपोर्ट में कहा गया था कि एजेंसी को छापेमारी के दौरान आपत्तिजनक दस्तावेज भी मिले थे, जो बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले से जुड़े हैं। 

पश्चिम बंगाल में टीचर भर्ती घोटाले (West Bengal Teacher Recruitment Scam) में जेल में बंद तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC) के पूर्व नेता और राज्य के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी (Partha Chatterjee) और उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी (Arpita Mukherjee) अदालत की सुनवाई के दौरान रोने लगे।

दोनों आरोपित प्रवर्तन निदेशालय (ED) की हिरासत में हैं। वर्चुअल सुनवाई के दौरान पार्थ चटर्जी ने अपनी छवि को लेकर चिंता जताई और सुनवाई के दौरान ही फुट-फुटकर रोने लगे। उन्होंने न्यायाधीश से कहा, “मैं अपनी सार्वजनिक छवि को लेकर बहुत चिंतित हूँ। मैं अर्थशास्त्र का छात्र था। मंत्री बनने से पहले मैं विपक्ष का नेता था।”

पार्थ चटर्जी ने खुद को राजनीति का शिकार बताया। उन्होंने कहा, “मैं राजनीति का शिकार हूँ। कृपया ED को एक बार मेरे घर और मेरे विधानसभा क्षेत्र का दौरा करने के लिए कहें। मैं LL.B हूँ और मुझे ब्रिटिश स्कॉलरशिप भी मिली थी। मेरी बेटी UK में रहती है। मैं इस तरह के घोटाले में खुद को कैसे शामिल कर सकता हूँ?”

जमानत के लिए कोर्ट में याचिका पर सुनवाई के दौरान पार्थ चटर्जी ने खुद के लिए चिकित्सा उपचार की भी माँग की। कोर्ट में दलील देते हुए उनके वकील ने कहा, “मेरा मुवक्किल जाँच एजेंसी के साथ सहयोग कर रहा है। वह भविष्य में भी सहयोग करने को तैयार है। कृपया उन्हें किसी भी हालत में जमानत दें।”

पार्थ चटर्जी ने न्यायाधीश बिद्युत कुमार रॉय से अनुरोध किया, “मैं शांति से जीना चाहता हूँ। कृपया मुझे अपना जीवन जीने की इजाजत दें। मुझे किसी भी हालत में जमानत दीजिए। न्याय से पहले मुझे चिकित्सा उपचार दिया जाना चाहिए।” उन्होंने कहा कि वे दिन में तीन बार दवा लेते हैं और उन्हें नियमित जाँच की जरूरत है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पार्थ चटर्जी के बाद उनकी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी को जज के सामने पेश किया गया। अर्पिता ने अदालत से कहा, “मुझे नहीं पता कि यह सब मेरे साथ कैसे हुआ। मैं वास्तव में नहीं जानती कि प्रवर्तन निदेशालय ने मेरे घर से इतनी बड़ी रकम कैसे और कहाँ से बरामद की।”

अर्पिता की बात को सुनकर न्यायाधीश ने उनसे पूछा कि उन्हें पता है कि पैसे कहाँ मिले हैं। इस पर अर्पिता ने कहा, “मेरे निवास से।” न्यायाधीश के सवाल पर अर्पिता ने आगे बताया कि जहाँ से पैसे बरामद हुए वह घर उन्हीं का है। इसके बाद न्यायाधीश ने कहा, “फिर, कानून के अनुसार आप जवाबदेह हैं।”

इस पर अर्पिता ने कहा, “लेकिन, बरामद किए गए पैसे के बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं है। मैं एक साधारण और मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखती हूँ। मेरे पिता अब इस दुनिया में नहीं हैं और मेरी माँ की उम्र 82 साल है और उनकी तबीयत ठीक नहीं है। ED मेरे घर पर छापेमारी कैसे कर सकती है?”

इस पर न्यायाधीश ने कहा, “ED किसी भी घर पर छापा मार सकता है, यदि उसे जाँच में इसकी जरूरत है तो। उसके पास इसकी शक्ति है।” इस दौरान अर्पिता मुखर्जी भी फुट-फुटकर रोने लगीं।

बता दें कि इसी साल जुलाई में अर्पिता मुखर्जी के घरों से भारी मात्रा में नकदी बरामद हुआ था। ED ने अर्पिता के घरों से करीब 50 करोड़ रुपए नकद, सोना और आभूषण जब्त किए थे। मीडिया रिपोर्ट में कहा गया था कि एजेंसी को छापेमारी के दौरान आपत्तिजनक दस्तावेज भी मिले थे, जो बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले से जुड़े हैं। 

 

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

महाराष्ट्र में महायुति सरकार लाने की होड़, मुख्यमंत्री बनने की रेस नहीं: एकनाथ शिंदे, बाला साहेब को ‘हिंदू हृदय सम्राट’ कहने का राहुल गाँधी...

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने साफ कहा, "हमारी कोई लड़ाई, कोई रेस नहीं है। ये रेस एमवीए में है। हमारे यहाँ पूरी टीम काम कर रही महायुति की सरकार लाने के लिए।"

महाराष्ट्र में चुनाव देख PM मोदी की चुनौती से डरा ‘बच्चा’, पुण्यतिथि पर बाला साहेब ठाकरे को किया याद; लेकिन तारीफ के दो शब्द...

पीएम की चुनौती के बाद ही राहुल गाँधी का बाला साहेब को श्रद्धांजलि देने का ट्वीट आया। हालाँकि देखने वाली बात ये है इतनी बड़ी शख्सियत के लिए राहुल गाँधी अपने ट्वीट में कहीं भी दो लाइन प्रशंसा की नहीं लिख पाए।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -