बेंगलुरु के पुलिस आयुक्त भास्कर राव का एक वीडियो सोशल मीडिया पर इस वक़्त तेज़ी से वायरल हो रहा है। इसमें वे लॉकडाउन का उल्लंघन कर शहर के एक स्थानीय चर्च में ईसाई पुजारियों के एक समूह के साथ प्रार्थना करते नजर आ रहे हैं।
बता दें कि ये वही भास्कर राव हैं, जिन्हें कर्नाटक में कोरोनो वायरस की लड़ाई लड़ने में और लोगों से लॉकडाउन का पालन कराने के लिए सबसे ज्यादा सराहा गया था।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, भास्कर राव पिछले हफ्ते बेंगलुरु के सेंट मार्क कैथेड्रल चर्च में मौजूद थे, जहाँ उन्हें चर्च के गाना गाने और बजाने वालों के साथ गाते देखा गया था। इसके बाद वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया गया, जो वायरल हो गया।
ಇಡಿ ರಾಷ್ಟ್ರದ ಜನತೆ ಸರ್ಕಾರದ ಲಾಕ್ ಡೌನ ಕಟ್ಟುನಿಟ್ಟಾಗಿ ಪಾಲನೆಯನ್ನು ಮಾಡುತ್ತಿರುವಾಗ, ಎಲ್ಲಾ ದೇವಸ್ಥಾನಗಳ ಬಾಗಿಲುಗಳನ್ನು ಮುಚ್ಚಿರುವಾಗ, ಬೆಂಗಳೂರು ಪೋಲಿಸ್ ಕಮೀಶನರ್ @deepolice12 ರವರು ಚರ್ಚ್ ನ ಸಾರ್ವಜನಿಕ ಸಾಮೂಹಿಕ ಪ್ರಾರ್ಥನೆ ಕಾರ್ಯಕ್ರಮದಲ್ಲಿ ಭಾಗವಹಿಸಿ ಪ್ರಾರ್ಥನೆ ಮಾಡಿರುವುದು ಕಾನೂನು ಉಲ್ಲಂಘನೆ ಅಲ್ಲವೇ?@drashwathcn pic.twitter.com/FxEqcFalvC
— Sanatan Hindu (@HJS_Mohan) May 11, 2020
इस वीडियो में वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी भास्कर राव, ईसाई पुजारियों के साथ चर्च में गा रहे थे। साथ ही कई अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी, अतिरिक्त पुलिस आयुक्त सौमेंदु मुखर्जी को भी गिरजाघर में एक साथ प्रार्थना और गाते हुए देखा गया।
गौरतलब है कि वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों सहित चर्च में भीड़ को एक दूसरे के साथ खड़े होकर सामाजिक दूरियों के मानदंडों का उल्लंघन करते देखा जा सकता है। क्या इन लोगों पर लॉकडाउन के नियम लागू नहीं होते?
सोशल मीडिया पर लोगों की प्रतिक्रिया
चर्च में बेंगलुरु के टॉप पुलिसकर्मियों की उपस्थिति से नाराज़ लोगों ने सोशल मीडिया के जरिए उन पर कई सवाल खड़े कर दिए। कई सोशल मीडिया यूज़र्स ने राव से पूछा कि आख़िर उन्हें इस लॉकडाउन में चर्च जाने की क्या आवश्यकता पड़ गई थी।
सोशल मीडिया यूज़र्स ने सवाल किया कि लॉकडाउन अवधि के दौरान पुलिस प्रमुख इस तरह की धार्मिक सभा में कैसे भाग ले सकते हैं, जब सभी धर्मों और धर्मों से जुड़ी सारी मंडलियाँ देश भर में प्रतिबंधित हैं।
एक यूजर ने पूछा कि कमिश्नर भास्कर राव द्वारा रेड ज़ोन के तहत एक चर्च में प्रार्थना करना नियमों का उल्लंघन नहीं है क्या? उन्होंने यह भी बताया कि सारे मंदिर दो महीने से बंद हैं।
“सरकार ने लोगों को मंदिरों, मस्जिदों और चर्चों में जाने पर प्रतिबंध लगा दिया था। जितनें भी लोग पूजा पाठ करते थे, वे सब भी इस वक़्त बंद हैं। सरकारी नियमों की धज्जियाँ उड़ाते हुए आयुक्त इस नियम का उल्लंघन कैसे कर सकते हैं? एक यूजर ने पूछा।
IPS भास्कर राव की सफाई
वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी भास्कर राव ने डेक्कन हेराल्ड से बात करते हुए अपनी सफाई में कहा कि वह सभी धार्मिक स्थानों का दौरा कर रहे थे, ताकि कोरोनो वायरस संकट से लड़ने के लिए आशीर्वाद माँगा जा सके।
उन्होंने कहा, “यह लॉकडाउन नियमों का उल्लंघन नहीं है क्योंकि सभी का मेडिकल परीक्षण हुआ था और सभी ने सोशल डिस्टेंसिग को बनाए रखा था”।
साथ ही उन्होंने कहा की वे विभिन्न समुदाय के नेताओं के साथ बातचीत कर रहे है ताकि उनकी मदद से हम लोगों के अंदर कोरोनो वायरस महामारी की स्थिति पर जागरूकता पैदा कर सके। जो इस समय अत्यधिक महत्व रखता है।