मशहूर यूट्यूबर मनीष कश्यप को फेक वीडियो मामले में बड़ी राहत मिली है। उन्हें आर्थिक अपराध शाखा द्वारा दर्ज 4 केस में बाइज्जत रिहा कर दिया गया। मनीष कश्यप के साथ ही प्रशांत कुमार को भी राहत मिली है। ये केस तमिल नाडु फेक वीडियो से जुड़ा था।
इस केस के बारे में मनीष कश्यप ने खुद जानकारी दी है। मनीष कश्यप ने एक्स पर लिखा है, “तामिलनाडु प्रकरण में आर्थिक अपराध इकाई बिहार ने मेरे ऊपर चार केस किया था और उन चारों केस में मैं बाइज़्जत बरी हो गया।। कमाल की बात यह है कि पहली बार बिहार में किसी एक व्यक्ति के चार केस स्पीड ट्रायल में डाले गए और उन चारों केसों में वो व्यक्ति बाइज़्जत बरी हो गया।। मुझे अब किसी से बदला नहीं लेना है बल्कि बदलाव करना है ताकि अगली बार कोई बेवजह झूठे केस में फँसकर जेल ना जाए।”
तामिलनाडु प्रकरण में आर्थिक अपराध इकाई (EOU) बिहार ने मेरे ऊपर चार केस किया था और उन चारों केस में मैं बाइज़्जत बरी हो गया।। कमाल की बात यह है कि पहली बार बिहार में किसी एक व्यक्ति के चार केस स्पीड ट्रायल में डाले गए और उन चारों केसों में वो व्यक्ति बाइज़्जत बरी हो गया।। मुझे… pic.twitter.com/kwOkWMJMPU
— Manish Kasyap Son Of Bihar (@ManishKasyapsob) May 15, 2024
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पटना सिविल कोर्ट ने सबूतों के अभाव में मनीष कश्यप समेत अन्य दो लोगों को फर्जी वीडियो मामले में बरी कर दिया है। बताया जा रहा है कि इस केस में 9 लोगों के बयान भी दर्ज किए गए थे, लेकिन पटना सिविल कोर्ट ने मनीष को दोषी नहीं पाया।
बता दें कि मनीष कश्यप पर फर्जी वीडियो को लेकर बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई ने मामला दर्ज किया था। वो कथित वायरल वीडियो तमिलनाडु में बिहार के मजदूरों के साथ मारपीट का था, जो फर्जी पाया गया था। इसी वीडियो को बनाने के बाद मनीष कश्यप बुरी तरह से फँस गए थे। वीडियो के वायरल होने के बाद तमिलनाडु पुलिस ने इसे भ्रामक बताते हुए उनके खिलाफ मामला दर्ज किया था, साथ ही बिहार में भी आर्थिक अपराध शाखा ने केस दर्ज किए थे।
इस मामले में जब पुलिस की ओर से दबिश दी गई तो मनीष कश्यप अंडरग्राउंड हो गए थे। हालाँकि, जब बेतिया पुलिस ने मनीष कश्यप के घर कुर्की शुरू की तो उन्होंने स्थानीय थाने में सरेंडर कर दिया था। नौ महीनों तक जेल में रहे मनीष कश्यप इसके बाद ईओयू ने केस को अपने कब्जे में लेते हुए मनीष कश्यप से पूछताछ की और उन्हें जेल भेज दिया था। इसके बाद तमिलनाडु पुलिस की टीम पटना पहुंची और 30 मार्च 2023 को ट्रांजिट रिमांड पर मनीष को अपने साथ ले गई। इस मामले में करीब नौ महीनों तक मनीष कश्यप जेल में रहे।