बिहार के बाँका जिले में एक मदरसे से अवैध हथियार बरामद हुए हैं। पुलिस ने सूचना के आधार पर छापेमारी की और 4 देशी कट्टा और 8 कारतूस बरामद किया। इस मदरसे का नाम जामिया अरबिया तालीमुल कुरान है। यह बाँका जिले के धोरैया थानाक्षेत्र में सन्हौला-धोरैया मुख्य मार्ग पर स्थित है। पुलिस ने इस मामले में केस दर्ज करके जाँच शुरू कर दी है। यह बरामदगी 6 नवम्बर 2021 (शनिवार) को हुई है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार धोरैया थानाध्यक्ष महेश्वर प्रसाद राय ने यह छापेमारी एक गुप्त सूचना के आधार पर की। हथियारों की सूचना मदरसे में जानवरों के चारे रखने वाले कमरे में होने की थी। हथियार भूसे के बोरे के नीचे छिपा कर रखे गए थे। इस मदरसे के संचालक मोहम्मद फजरुद्दीन हैं। फजरुद्दीन इससे पहले महादेव एन्क्लेव बालू घाट के मुंशी थे। हथियारों की बरामदगी को उन्होंने अपने खिलाफ बालू माफियाओं की साजिश कहा है।
एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार मदरसे के अंदर ही एक मस्जिद भी है। बताया जा रहा है कि मदरसा अभी रजिस्टर्ड भी नहीं है। मदरसे में उर्दू और अरबी की पढ़ाई कराई जाती है। छापेमारी के दो दिन पूर्व ही शोएब अख्तर नाम के एक टीचर ने वहाँ हेड टीचर के तौर पर ज्वाइन किया था। फ़िलहाल मदरसे में कुल 10 छात्र ही पढ़ाई कर रहे हैं। छात्रों की संख्या कम होने की वजह मदरसा संचालक ने कोरोना को बताया है।
बताया जा रहा है कि मदरसे में गाँव के कुछ लोग नमाज़ अदा करने आते हैं। ऐसे में हथियार किसने रखे इस पर गहनता से जाँच की जा रही है। इसी के साथ सूचना देने वाले से भी जानकारी ली जा रही है। यह मदरसा गेरुआ नदी के किनारे बना हुआ है। यहाँ पास में ही बालू के कारोबार से जुड़े लोगों का भी आना जाना लगा रहता है।
इस मामले में ऑपइंडिया ने पुलिस अधीक्षक बाँका से बात की। उन्होंने बताया कि फ़िलहाल अभी कोई गिरफ्तारी नहीं की गई है। हम हर बिंदु पर जाँच करा रहे हैं। जाँच पूरी होने पर वास्तविक दोषी के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। कुछ मीडिया संस्थानों द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट में उल्लेखित “हथियार मदरसा कैम्पस के बाहर एक झोपडी में मिलने” की खबर का भी उन्होंने खंडन किया। SP बाँका के अनुसार हथियार मदरसे के कैम्पस से ही बरामद किए गए हैं।
इससे पहले जून 2021 में बाँका जिले के मदरसे में विस्फोट हुआ था। यह मदरसा नवटोलिया क्षेत्र में नूरी मस्जिद परिसर में बना हुआ था। इस विस्फोट में आस-पास का इलाका थर्रा गया था और मदरसा पूरी तरह जमींदोज हो गया था। विस्फोट के फलस्वरूप मौलाना अब्दुल मोबीन की मौत दम घुटने से हो गई थी। यह मदरसा भी बिना रजिस्ट्रेशन चलाया जा रहा था। विस्फोट के बाद भाजपा विधायक हरिभूषण ठाकुर ने मदरसों पर सवाल खड़े किए थे। तब उन्होंने इसे भारत के इस्लामीकरण की साजिश बताया था।