Monday, November 18, 2024
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‘चमा*#% कब तक बचेगी’: दलित नाबालिग से अलाउद्दीन ने की बदसलूकी, परिजनों पर कट्टरपंथी भीड़ ने बरसाए ईंट-पत्थर

शिकायत के अनुसार, गाँव में पहले भी कई लड़कियों के साथ छेड़खानी और मारपीट के ऐसे मामले सामने आ चुके हैं। जिन पर शिकायत भी दर्ज हुई मगर कार्रवाई कोई नहीं हुई। शिकायत में मो. अलाउद्दीन, मो. शाहिद, मो. इकबाल, मो. इस्माइल, मो. नूर आलम आदि पर छेड़खानी और मारपीट का आरोप लगाया गया है।

बिहार के बेगूसराय जिले के शाहपुर गाँव में दलित नाबालिग लड़की से छेड़छाड़ और उसके परिजनों पर ईंट-पत्थर से हमले का मामला सामने आया है। मामला दो समुदायों के बीच का है। घटना में लड़की के भाई और चाचा घायल हुए हैं। पुलिस ने 5 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें पीड़िता के घरवाले भी शामिल हैं। गिरफ्तारी मारपीट मामले में हुई है। छेड़खानी करने वाला संप्रदाय विशेष का युवक खबर लिखे जाने तक गिरफ्तार नहीं हुआ था।

पीड़िता का बयान

पीड़िता ने ऑपइंडिया से बात करते हुए सारी घटना साझा की। नाबालिग ने बताया, “कल मैं सब्जी लेने रमजानपुर बाजार साइकिल से जा रही थी। तभी रास्ते में मो. अलाउद्दीन मेरे आगे अपनी साइकिल घुमाने लगा। इसके बाद उसने अपनी साइकिल, मेरी साइकिल में मारी। मैं गिर गई और वह मेरे शरीर पर इधर-उधर हाथ लगाने लगा। किसी तरह मैं उसकी पकड़ से छूटी और अपनी घर की तरफ भागी। मगर, वह पीछे से (जातिसूचक शब्द-चम#@* का इस्लेताम करते हुए) बोला-देखते हैं कब तक बचेगी हम से।” 

लड़की के अनुसार, मो. अलाउद्दीन ने इससे पहले भी कई लड़कियों को छेड़ चुका है। मगर उसके साथ ऐसा पहली बार किया था। वह बताती है, “घर पहुँचकर मैंने अपने मम्मी-भाई को सब कुछ बताया। वह लोग अलाउद्दीन के घर उसे समझाने गए। लेकिन वहाँ उन्होंने भाइयों पर ही हमला बोल दिया। उन्हें ईंट-पत्थर से मारा” पीड़िता के पिता काम के सिलसिले में बिहार से बाहर रहते हैं।

दर्ज हुई शिकायत

इस संबंध में लड़की की माँ ने थाने में शिकायत दर्ज करवाई है। शिकायत में उन्होंने बताया है कि जब वे लोग आरोपित के घर पहुँचे तो उनके साथ गाली-गलौच किया गया। उन्हें ईंट-पत्थर मारे गए। इस घटना में संतोष दास का सिर फूट गया। उनके अलावा भी कई लोगों को इस हमले में चोट आई है।

शिकायत के अनुसार, गाँव में पहले भी कई लड़कियों के साथ छेड़खानी और मारपीट के ऐसे मामले सामने आ चुके हैं। जिन पर शिकायत भी दर्ज हुई मगर कार्रवाई कोई नहीं हुई। शिकायत में मो. अलाउद्दीन, मो. शाहिद, मो. इकबाल, मो. इस्माइल, मो. नूर आलम आदि पर छेड़खानी और मारपीट का आरोप लगाया गया है। पीड़िता की माँ ने शिकायत में पुलिस से निवेदन किया है कि उन लोगों को बचाया जाए, नहीं तो वे गाँव छोड़ने को मजबूर होंगे।

पीड़िता की मॉं की ओर से दी गई शिकायत

लड़की के चाचा व घटना में बुरी तरह घायल संतोष दास ने बताया, “हम दो-चार लोग मिल कर लड़के के घरवालों से बोलने गए थे। पर, वहाँ 10-12 लोग इकट्ठा होकर हम लोगों पर ईंट-पत्थर बरसा दिया। हम भाग नहीं पाए तो सिर में बुरी तरह लग गया। हमारे साथ लड़की के भाई राजू, गौतम को भी चोट आई। राजू को हाथ में चोट लगी, गौतम को सीने में और हमारे सिर में चोट आई।”

बजरंग दल कार्यकर्ता पंकज से ऑपइंडिया की बातचीत

घटना के संबंध में ऑपइंडिया की बात बजरंग दल के स्थानीय कार्यकर्ता पंकज से भी हुई। वह इस मामले के सामने आने के बाद से पीड़ित परिवार को इंसाफ दिलाने में लगे हैं। आज उन्हें लेकर वह थाने भी गए थे। पंकज ने ऑपइंडिया को घटना की जानकारी देते हुए बताया कि पीड़ित पक्ष सबसे पहले कल रात 9 बजे थाने गया था। इसके बाद इन लोगों को सदर अस्पताल भेजा गया मेडिकल बनवाने के लिए। करीब 11 बजे यह लोग सब कागज बनवाकर दोबारा थाना गए, जहाँ इनसे छेड़खानी और मारपीट का आवेदन लिखवाया गया। इसके बाद बाकी सबको वापस भेज दिया गया और तीन की गिरफ्तारी कर ली। इनके नाम- अमित दास, राजू दास और गौतम दास हैं। वहीं, दूसरे पक्ष से बस दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके नाम शाहिद और इकबाल हैं।

पंकज बताते हैं कि उन्होंने पीड़ित पक्ष की गिरफ्तारी के मद्देनजर पुलिस थाने में जाकर पूछताछ की। इस पर पुलिस ने कहा कि यदि पीड़ित पक्ष छेड़खानी के बाद सीधे थाने आता तो पुलिस कार्रवाई करती। फिर, ये लोग उनके घर क्यों गए। इन्होंने भी कानून को हाथ में लिया है।

पंकज के मुताबिक, आज पीड़ित पक्ष की ओर से इस मामले में नया आवेदन दिया गया है। मगर, पुलिस का कहना है कि कल का आवेदन और आज का आवेदन एक ही जैसा है। पंकज ने पुलिस से कल दर्ज आवेदन की माँग की थी, किंतु थाना प्रभारी ने उसे दिखाने से मना कर दिया। अब उन्हें संदेह है कि पुलिस पहले वाले आवेदन पर ही न कार्रवाई करे। वहीं पीड़ित पक्ष को भी लग रहा है कि कल की शिकायत में पता नहीं क्या लिखा गया होगा।

पुलिस की कार्रवाई

ऑपइंडिया ने इस मामले में लाखो थाना प्रभारी संतोष शर्मा से भी संपर्क किया। उन्होंने बताया कि इस मामले में आज सुबह केस दर्ज हो गया है और उन्होंने उसे मुफस्सिल थाने में भेज भी दिया है। हालाँकि, जब हमने जब पीड़ित पक्ष की गिरफ्तारी पर सवाल पूछा, तो उन्होंने कहा कि मारपीट दोनों पक्षों में हुई थी, इसलिए इस मामले में दोनों पक्षों को मिलाकर 5 लोगों की गिरफ्तारी हुई है। 

बजरंग दल ने जताई नाराजगी

इस मामले के संबंध में बेगूसराय में बजरंग दल के राज्य सह संयोजक शुभम भारद्वाज ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने मामले में कार्रवाई पर पुलिस से नाराजगी व्यक्त की है। उनका कहना है कि इससे पहले भी एक परिवार की लड़की को इसी संप्रदाय विशेष परिवार के लड़के ने छेड़ा था, उससे मारपीट की थी। पिछले साल भी प्राथमिकी दर्ज हुई थ। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। कल भी वैसा ही मामला हुआ। लड़की से छेड़छाड़ हुई और जब लड़की के घरवालों ने शिकायत की, तो उन पर हमला हुआ।

शुभम का कहना है कि जब उनके कार्यकर्ता लड़की के परिजनों को थाने लेकर गए, तो उन्हें अस्पताल भेज दिया गया। जब वह सदर अस्पताल से लौटे तो थानेदार ने उलटे पीड़िता के परिजनों पर जेल में डाल दिया। जब सुबह उनके कार्यकर्ता थाने में पहुँचे, तो उन्होंने उनके कार्यकर्ता को भी डाँटा और कहा, “तुम्हें मामले को शांत कराना चाहिए।” इसके बाद शुभम का आरोप है कि उन्होंने राजा नाम के किसी शख्स को पैसा देकर मामला शांत कराने की बात भी कही।

यहाँ बता दें, पुलिस पर लगे गंभीर आरोपों के मद्देनजर हमने बेगूसराय एसपी को संपर्क करने का प्रयास किया। मगर, उनसे हमारी बात नहीं हो पाई। वहीं थाना प्रभारी ने बस हमें मामला दर्ज और गिरफ्तारी की सूचना दी। शुभम बिहार प्रशासन से पूछते हैं कि आखिर बेगूसराय का हिंदू क्यों सुरक्षित नहीं है? क्यों थाना प्रभारी मुस्लिम तुष्टिकरण कर रहे है? दलितों पर जो उत्पीड़न हो रहा है उस पर क्यों कदम नहीं उठाया जा रहा है? इस मामले को गंभीरता से लेते हुए वह कहते हैं कि विश्व हिंदू परिषद शांत नहीं रहेगा। कानून का सम्मान करेंगे। लेकिन ईंट का जवाब पत्थर से देंगे। अगर विहिप लॉकडाउन का सम्मान कर रहा है इसका मतलब यह नहीं है कि कोई विधर्मी ऐसा काम करे।

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