कोरोना वायरस संक्रमण पर काबू पाने के लिए बिहार सरकार ने प्रभावित जिलों में डोर टू डोर स्क्रीनिंग अभियान चलाने का फैसला किया है। 16 अप्रैल से जिन जिलों में यह अभियान शुरू होना है उनमें सिवान, बेगूसराय, नालंदा और नवादा शामिल हैं। इस अभियान के तहत घर-घर जाकर यह पता लगाया जाएगा कि किसी घर में एक से 23 मार्च के बीच कोई बाहर से तो नहीं आया है।
इस बीच राज्य के भागलपुर जिले के नवगछिया नगर पंचायत से एक हैरान करने वाली खबर सामने आई है। यहॉं के एक मुस्लिम बहुल वार्ड के 25 परिवारों ने स्क्रीनिंग से ही इनकार कर दिया। विवाद से बचने के लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने संबंधित टीम को भी आगे बढ़ जाने को कहा।
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार घटना 12 अप्रैल की है। 25 मुस्लिम परिवारों ने स्क्रीनिंग से मना करने के साथ-साथ सरकारी कागज फाड़ दिए। टीम के सदस्यों के साथ बदसलूकी की। इन परिवारों में करीब 250 लोग रहते हैं। स्क्रीनिंग के दौरान उनसे 14 सवालों के जवाब लिए जाने थे।
आपको बता दें कि नवगछिया नगर पंचायत क्षेत्र में 4 अप्रैल को एक कोरोना पॉजीटिव पाया गया था। इसके बाद इलाके को प्रशासन ने पूरी तरह से सील कर दिया। साथ ही इलाके में रहने वाले करीब 40 हजार लोगों की स्क्रीनिंग कराने का फैसला किया गया। इसके बाद कोरोना की आशंका के चलते 70 लोगों का ब्लड सैंपल पटना जाँच के लिए भेजा गया। इनमें से 47 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आई है, जबकि 23 लोगों की रिपोर्ट अभी नहीं आई है।
ऐसे में 25 मुस्लिम परिवारों की मनमानी ने पूरे अभियान के मकसद पर ही सवाल खड़ा कर दिया है। अनुमंडल अस्पताल के उपाधीक्षक डॉक्टर अरुण सिन्हा ने बताया कि इस इलाके में स्क्रीनिंग नहीं हो पाने की जानकारी अधिकारियों को दे दी गई है। एसडीओ मुकेश कुमार के हवाले से दैनिक भास्कर ने बताया है कि छूटे हुए लोगों की स्क्रीनिंग कराई जाएगी। यदि वे सहयोग नहीं करेंगे तो सख्त कार्रवाई होगी।