सुशांत सिंह राजपूत की मौत को लेकर मुंबई के कूपर अस्पताल के कर्मचारी रुप कुमार शाह ने चौंकाने वाले दावे किए हैं। इसको लेकर बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा है कि यदि उनकी टीम को जाँच के लिए 15 दिन का समय और मुंबई पुलिस का सहयोग मिला होता तो सुशांत के मौत की गुत्थी सुलझ चुकी होती। उन्होंने भरोसा जताया कि महाराष्ट्र की मौजूदा सरकार के कार्यकाल में इस केस का सच सामने आ सकता है।
मुंबई पुलिस पर पूर्व डीजीपी के आरोप
सुशांत सिंह राजपूत की मौत के समय गुप्तेश्वर पांडेय बिहार के डीजीपी हुआ करते थे। समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में उन्होंने कहा कि मामले की जाँच के दौरान मुंबई पुलिस ने बिहार पुलिस की टीम को सहयोग नहीं किया। बिहार पुलिस के प्रति मुंबई पुलिस का व्यवहार ठीक नहीं था। बिहार के एक आईपीएस को मुंबई पहुँचते ही नजरबंद कर दिया गया था। तब मुझे एहसास हुआ कि मुंबई पुलिस कुछ छिपा रही है।
पांडेय ने कहा कि सुशांत की मौत की जाँच के लिए उनकी टीम को पर्याप्त समय नहीं दिया गया। यदि टीम को 15 दिन का समय मिलता तो मामला सुलझ चुका होता। पूर्व डीजीपी ने कहा कि सुशांत को जल्दी से जल्दी न्याय दिलाने के लिए सीबीआई को चाहिए कि एसआईटी के साथ विवरण साझा करे।
सुशांत के पिता ने पटना में दर्ज कराया था मुकदमा
आपको बता दें कि सुशांत की मौत के बाद उनके पिता केके सिंह ने पटना में रिया चक्रवर्ती सहित 6 लोगों के खिलाफ बेटे को आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज कराया था। इसके बाद बिहार पुलिस की टीम जाँच के लिए मुंबई पहुँची थी। उस वक्त बिहार पुलिस के डीजीपी रहे गुप्तेश्वर पांडेय ने आरोप लगाया था कि मुंबई पुलिस ने बिहार पुलिस के साथ सुशांत सिंह राजपूत की ऑटोप्सी रिपोर्ट शेयर करने से इनकार कर दिया। कई जरूरी कागजात और सीसीटीवी फुटेज की माँग की गई, लेकिन ये सब उपलब्ध नहीं कराया गया।
कूपर अस्पताल के स्टाफ का खुलासा
कूपर हॉस्पिटल के कर्मचारी रुप कुमार शाह ने 26 दिसंबर 2022 को दावा किया था कि सुशांत की लाश देखकर लग रहा था कि वह आत्महत्या नहीं, हत्या है। उनकी आंख पर ऐसे निशान थे जैसे किसी ने मुक्के मारे हो। शरीर पर फ्रैक्चर के निशान थे। शाह का दावा है कि अस्पताल में जब सुशांत का पोस्टमार्टम हो रहा था तब वे भी मौजूद थे। बता दें कि 34 साल के अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत को 14 जून, 2020 को उनके बांद्रा स्थित घर पर मृत पाया गया था।