Sunday, November 3, 2024
Homeदेश-समाजपूर्व RJD विधायक सुनील पुष्पम को उम्रकैद की सजा: गर्भवती दलित महिला को बंदूक...

पूर्व RJD विधायक सुनील पुष्पम को उम्रकैद की सजा: गर्भवती दलित महिला को बंदूक के कुंदे से मारा था

"मैं निर्दोष हूँ। राजनीतिक साजिश के तहत कहानी बनाकर मामला दर्ज कराया गया, ताकि किसी तरह चुनाव लड़ने से राेका जा सके। इस फैसले के विरोध में हाई कोर्ट में अपील करूँगा।"

बिहार के समस्तीपुर कोर्ट ने पूर्व विधायक और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता सुनील पुष्पम को गर्भवती दलित महिला की हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने पुष्पम पर ₹25 हजार का जुर्माना भी लगाया है और अगर सुनील पुष्पम ये जुर्माना नहीं भरता है, तो फिर उसे 6 महीने और कैद में रहना होगा। तकरीबन 14 साल पुराने केस में तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश प्रणव कुमार झा ने सोमवार (जुलाई 22, 2019) को ये सजा सुनाई। इसके साथ ही पुष्पम के राजनैतिक जीवन पर भी पूर्ण विराम लग गया है।

जानकारी के मुताबिक, बिथान थाना क्षेत्र में छेछनी गाँव की कबूतरी देवी व मंजू देवी 2 अगस्त 2005 को सुबह करीब 8 बजे सिरसिया बाँध होकर बाजार जा रही थीं। इसी दौरान सुनील की गाड़ी वहाँ से गुजर रही थी। गाड़ी आते देख दोनों सड़क किनारे खड़ी हो गईं। उसी समय गाड़ी से 5 आदमी उतरे और तत्कालीन विधायक सुनील कुमार पुष्पम ने अपने हाथ में लिए बंदूक के कुंदे से गर्भवती मंजू देवी के पेट पर मारा। पिटाई से उनकी हालत बिगड़ गई। कबूतरी देवी मंजू को रोसड़ा अस्पताल ले गईं। वहाँ उसकी हालत गंभीर देखकर समस्तीपुर के सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया, जहाँ उनका गर्भपात हो गया। फिर परिजन आगे के इलाज के लिए मंजू को बेगूसराय ले गए और बेगूसराय में इलाज के दौरान ही मंजू ने 6 अगस्त, 2005 को दम तोड़ दिया।

जिसके बाद बेगूसराय थानाध्यक्ष ने कबूतरी देवी का बयान दर्ज किया और इस बयान के आधार पर हसनपुर थाने में हत्या की प्राथमिकी दर्ज की गई। 14 साल तक न्यायालय में मुकदमा चला। जिसमें सभी पक्षों का बयान लेने के बाद कोर्ट ने पूर्व विधायक को हत्या में दोषी पाकर सजा सुनाई। फिलहाल विधायक न्यायिक हिरासत में है। कोर्ट ने इस मामले में अभियोजन पक्ष की तरफ से 8 गवाहों का एवं बचाव पक्ष की ओर से 4 गवाहों का बयान दर्ज किया।

हत्याकांड की सुनवाई में अभियोजन पक्ष की तरफ से एपीपी गौरी शंकर मिश्रा और बचाव पक्ष की तरफ से वरीय अधिवक्ता परमेश्वरी सिंह ने कोर्ट में बहस किया। हालाँकि, कोर्ट के द्वारा सजा सुनाए जाने के बाद भी पूर्व विधायक सुनील कुमार पुष्पम का कहना है कि वो निर्दोष है। उसने कहा कि राजनीतिक साजिश के तहत कहानी बनाकर मामला दर्ज कराया गया था, ताकि किसी तरह उन्हें चुनाव लड़ने से राेका जा सके। पुष्पम ने कहा कि वो अपने वकील से राय लेकर इस फैसले के विरोध में हाई कोर्ट में अपील करेगा।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘कार्यकर्ताओं के कहने पर गई मंदिर, पूजा-पाठ नहीं की’ : फतवा जारी होते ही सपा प्रत्याशी नसीम सोलंकी ने की तौबा, पार्टी वाले वीडियो...

नसीम सोलंकी अपने समर्थकों सहित चुनाव प्रचार कर रहीं थीं तभी वो एक मंदिर में रुकीं और जलाभिषेक किया। इसके बाद पूरा बवाल उठा।

कर्नाटक में ASI की संपत्ति के भी पीछे पड़ा वक्फ बोर्ड, 53 ऐतिहासिक स्मारकों पर दावा: RTI से खुलासा, पहले किसानों की 1500 एकड़...

कॉन्ग्रेस-शासित कर्नाटक में वक्फ बोर्ड ने राज्य के 53 ऐतिहासिक स्मारकों पर अपना दावा किया है, जिनमें से 43 स्मारक पहले ही उनके कब्जे में आ चुके हैं।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -