गोपालगंज में एक पुजारी की हत्या का मामला चर्चा में है। इस मामले में पुलिस, आरोपित और मृतक पक्ष से अलग-अलग तरह के बयान आ रहे हैं। इस मामले में पूर्व प्रेमिका समेत 3 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पुलिस का कहना है कि पुजारी अपनी पूर्व प्रेमिका को अश्लील वीडियो वायरल करने की धमकी दे रहा था। जबकि उसी लड़की की चाची आरोप लगा रही है कि बिहार पुलिस ने डरा-धमका कर बयान दिलवाया है। परिजन कह रहे हैं कि पुलिस वालों ने कहा कि उनके हिसाब से बयान देना होगा, नहीं तो पूरे परिवार की हत्या हो जाएगी।
ये प्रेम प्रसंग और ब्लैकमेलिंग का मामला: पुलिस
मीडिया संस्थान ‘दैनिक भास्कर’ ने अपनी खबर में बताया है कि भाजपा नेताओं ने पुजारी हत्याकांड को प्रेम प्रसंग का एंगल देने को लेकर बिहार पुलिस की आलोचना की है। माँझागढ़ थाना क्षेत्र के दानापुर गाँव स्थित शिव मंदिर के इस मामले में भाजपा नेता लड़की के घर पहुँचे और चाची की बात प्रभारी SP हृदयकांत से कराई। प्रभारी पुलिस अधीक्षक का कहना है कि हत्या प्रेम प्रसंग में ही हुई है। वो हत्या में इस्तेमाल की गई चाकू, रस्सी और कपड़ा के अलावा टूटा हुआ मोबाइल फोन बरामद करने का दावा भी कर रहे हैं।
सबसे पहले जानते हैं कि इस मामले में पुलिस क्या कह रही है। पुलिस का कहना है कि पूर्व प्रेमिका ने अपनी चाची के फोन से कॉल कर के मनोज साह को बुलाया। 4 दिन तक बंधक बना कर उसे घर में भूखे-प्यासे रखा। आँख फोड़ने के अलावा जीभ और प्राइवेट पार्ट भी काट डाला। पूर्व प्रेमिका शादीशुदा है। ये थी पुलिस की कहानी। जबकि परिवार वालों ने इसमें मुस्लिम पक्ष को नामजद किया था। लड़की की चाची ने ‘दैनिक भास्कर’ से बात करते हुए कुछ हैरान करने वाले आरोप लगाए हैं।
पुलिस ने पूरे परिवार को टॉर्चर किया: लड़की की चाची
महिला की मानें तो बिहार पुलिस ने पूरे परिवार को पकड़ कर बंद कर दिया, सोने के लिए बिस्तर और खाने के लिए भोजन तक नहीं दिया। महिला का कहना है कि कटेया गाँव से उनके बेटी-दामाद को भी उठा कर लाया गया। परिवार को हत्या की धमकी दी गई। परिवार वालों को प्रताड़ित कर के उनसे जबरन कबूलवाया गया। बकौल लड़की की चाची, पुलिस वाले कहते थे कि नहीं बताने पर उन सबको काट कर फेंक दिया जाएगा। गाड़ी में घूमा-घूमा कर लड़की को टॉर्चर किया गया। परिजन कह रहे हैं कि मनोज साह उनके लिए बेटे की तरह था।
पूर्व पर्यटन मंत्री एवं भाजपा नेता रामप्रवेश सिंह कह रहे हैं कि मनोज साह शिव मंदिर में पूजा-पाठ कराते थे, उन्होंने यज्ञ भी करवाए, इससे अगल-बगल के कुछ लोगों को आपत्ति थी लेकिन पुलिस-प्रशासन मामले को रफा-दफा करने में लगा है। बता दें कि 10 दिसंबर, 2023 को मनोज साह लापता हुए थे और 15 को उनकी लाश मिली। भाजपा विधान पार्षद राजीव सिंह उर्फ़ गप्पू सिंह का कहना है कि मृतक के भाई अशोक साह द्वारा नामजद लोगों में से एक को भी गिरफ्तार नहीं किया है।
वो पुलिस के साथ-साथ माँझा के अंचल पदाधिकारी को भी दोष देते हैं। उनका कहना है कि बगल के गाँव के राजपूत समाज ने मंदिर को कुछ जमीन दान में दी थी, मुस्लिम समुदाय के लोगों ने उस पर अतिक्रमण कर लिया। उन्हीं लोगों पर हत्या का आरोप लगाते हुए सिंह ने कहा कि पार्टी उग्र प्रदर्शन करेगी। लड़की के चाची का कहना है कि प्रेशर के कारण लड़की ने सब कबूल किया है, जबकि उनका घर ऐसा है कि वहाँ लाश नहीं छिपाई जा सकती, कोई भी आकर देख सकता है।
‘प्रभात खबर’ के अनुसार, ईदगाह के पास किसने मनोज साह का शव फेंका इस बारे में भी उन्हें कुछ नहीं पता है। नेहा कुमारी, सुनीता देवी और अमित कुमार को पुलिस ने फ़िलहाल जेल भेज दिया है। नेहा के पति सुभाष साह और फुफेरे भाई संदीप कुमार की तलाश जारी है। भाजपा का ये भी आरोप है कि जिस थानेदार पर आरोप लगा है उसे ही इस मामले में IO बना कर जाँच सौंप दी गई है। नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा भी इस मामले में धरना दे सकते हैं।
मृतक के भाई एवं पूर्व मुखिया अशोक साह से ऑपइंडिया ने बातचीत की। उन्होंने बताया कि उनके भाई की उम्र 26 वर्ष थी, वो मंदिर में आरती करने और भोग लगाने का काम सुबह-शाम करते थे। 2016 में अशोक साह मुखिया बने थे। अशोक साह जगन्नाथा पंचायत से मुखिया थे। उनका कहना है कि ये मंदिर 400 वर्ष पुराना है, जहाँ स्वयंभू महादेव प्रकट हुए थे। उन्होंने कहा कि 2023 में यहाँ यज्ञ हुआ था, जिसके अध्यक्ष स्थानीय विधायक थे और 20 पंचायत के लोग इसमें सम्मिलित हुए।
मुस्लिमों को थी मंदिर से दिक्कत, शहाबुद्दीन के गुर्गे ने कब्जाई जमीन: मृतक के भाई
उन्होंने बताया कि पूरे जिले के लोगों की यहाँ आस्था है। उनका कहना है कि मई 2023 में यज्ञ हुआ तो उस दौरान श्रद्धालुओं में उत्साह आया कि यहाँ शिव मंदिर है तो पार्वती मंदिर भी बनना चाहिए। इसके बाद स्थानीय राजपूत समाज ने अपने 10 एकड़ में से 6 एकड़ जमीन मंदिर के लिए दान में दे दी। उनका आरोप है कि जैसे ही धान की कटनी हुई, सीवान के पूर्व राजद सांसद और माफिया व गैंगस्टर शहाबुद्दीन के शागिर्द रहे डब्ल्यू खान ने साथियों संग मिल कर पूरे 10 एकड़ जमीन पर अवैध कब्ज़ा कर लिया।
वो आगे बताते हैं, “मुस्लिम लोग वहाँ आसपास बसे हुए हैं और मस्जिद भी पास में है। गाँव में मुस्लिम बड़ी संख्या में हैं। डब्ल्यू खान सीवान का है, जिसका दानापुर में रिश्ता है। वो गुंडा है। 100 साल पहले मुस्लिमों के नाम पर खतियान था, लेकिन अंग्रेजों के समय बाबू लोगों (राजपूत समाज) के पास ये जमीन आ गई थी। विधायक रामप्रवेश सिंह को लेकर मैं SDO के पास भी गया था। CO को SDO ने डाँटा कि वो सही रिपोर्ट भेजें। बाबू लोगों के पक्ष में सरे कागज हो गए। इससे मुस्लिमों ने हमें डराना शुरू कर दिया।”
उन्होंने मुस्लिमों पर खुद को और उनके भाई को माँ-बहन की गाली देने और हत्या की धमकी देने का आरोप लगाया और कहा कि रात के समय उनके भाई पूजा-पाठ का सामान लेकर आए थे और सुबह-सुबह उन्हें मंदिर धोना था। वो रात को जैसे ही ताला मार कर निकले, गुंडों ने उन्हें लापता कर दिया। उन्होंने इस दौरान बिहार के मुख्य सचिव आमिर सुबहानी का नाम लेते हुए कहा कि थाना प्रभारी शाहिद अख्तर उन्हीं के गाँव का है। उन्होंने अपने परिवार को निशाना बनाए जाने का आरोप लगाते हुए कहा कि लड़की का भाई मंदिर पर काम करता था।
जाँच को भटकाने की हुई कोशिश: DIG
उनका कहना है कि लड़की के भाई ने उनके भाई को फोन कॉल किया था, उसे ही पुलिस कह रही है कि लड़की ने चाची के फोन से मृतक से बात की थी। उन्होंने परिवार के 18 लोगों को टॉर्चर किए जाने का आरोप लगाया। इस मामले में DIG (रेंज) विकास शर्मा ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस की है। उन्होंने जाँच नतीजों की बात करते हुए कहा कि मनोज कुमार साह का गाँव की युवती के साथ अवैध संबंध था, प्रेम प्रसंग चल रहा था, उस युवती की शादी अन्यत्र हो गई थी और इसके बाद मनोज उसे ब्लैकमेल कर रहे थे और फोन कर के पहले के फोटो-वीडियो वायरल करने व उसके पति को देने की बात कर रहे थे।
उनका कहना है कि इसी प्रतिशोध में युवती ने भाई और कुछ अन्य परिचितों के सहयोग से उन्हें बंधक बनाया और फिर उनकी हत्या कर दी। उन्होंने बताया कि 10 दिसंबर की रात 10 बजे मनोज साह के मंदिर से निकले का वीडियो CCTV फुटेज में है। लड़का-लड़की का घर अगल-बगल में है। उन्होंने मोबाइल फोन बरामद किए जाने की बात भी कही है। पुलिस मनोज कुमार साह को पुजारी नहीं, मंदिर का केयरटेकर बता रही है। साथ ही कहा कि लड़की की शादी के बाद उन्होंने मंदिर में नियमित रूप से रहना शुरू किया था।
उन्होंने दावा किया कि कुछ लोगों ने गलत बातें उछाल कर पुलिस की जाँच को भटकाने की कोशिश की, लेकिन ये सब निराधार पाया गया। डीआईजी ने बताया कि पुलिस अधीक्षक द्वारा गठित टीम ने मामले क जाँच की है। बकौल IPS अधिकारी विकास शर्मा, उन पुलिसकर्मियों को पुरस्कृत भी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि फॉरेंसिक टीम भी जाँच करेगी, सभी तथ्यों को कोर्ट में पेश कर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि सीसीटवी के माध्यम से आरोपितों को चिह्नित किया गया है, इस केस में ये पूर्ण रूप से स्थापित है कि ये प्रेम प्रसंग और ब्लैकमेलिंग के बाद हत्या का मामला है।