बिहार के बक्सर में पुलिस की बर्बरता के बाद शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन कर रहे किसान उग्र हो उठे हैं। पुलिस की प्रताड़ना से नाराज किसान सड़क पर उतर आए। किसानों ने बसों व पुलिस की गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया। जानकारी मिली है कि कई किसानों को हिरासत में लिया गया है। चौसा में पावर प्लांट के लिए ली गई भूमि के मुआवजे को लेकर किसान काफी समय से धरना दे रहे हैं।
क्यों भड़के किसान?
मुआवजे को लेकर कई दिनों से किसान धरना दे रहे थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुलिस ने आधी रात को धरना दे रहे किसानों के घरों में घुसकर उनके साथ मारपीट की। दावा है कि पुलिस रात 12:00 बजे के करीब किसानों के घरों में दाखिल हुई और सोते हुए किसानों पर लाठीचार्ज किया। जो भी सामने दिखा, उस पर जमकर लाठियाँ तोड़ी गईं। किसानों का दावा है कि उन्होंने पुलिस की बर्बरता अपने स्मार्टफोन में रिकॉर्ड कर ली है। बेरहमी से लाठियाँ बरसाते बिहार पुलिस के जवानों के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल भी हो रहे हैं।
बक्सर: बनारपुर में दिखा पुलिस का अमानवीय चेहरा, रात 12:00 बजे घर में सो रहे किसानों पर पुलिस ने बर्बरता से लाठी बरसाई, जिसका वीडियो परिजनों द्वारा साझा किया गया है। जमीन से जुड़े एक मामले में मुआवज़े की मांग कर रहे थे किसान।#Buxar #BuxarPolice #BiharPolice pic.twitter.com/tiOSs0cYw1
— Bihar Tak (@BiharTakChannel) January 11, 2023
लाठी चर्ज पर पुलिस का पक्ष
आधी रात को किसानों के घर में घुसकर लाठीचार्ज पर पुलिस का कहना है कि पावर प्लांट कंपनी एसजेवीएन ने कुछ किसानों पर एफआईआर दर्ज कराई थी। पुलिस रात्रि में उन्हें पकड़ने गई थी। पुलिस का कहना है कि पहले किसानों ने हमला किया, जिसके जवाब में पुलिस ने लाठीचार्ज किया। किसानों को परिवार (महिलाओं-बच्चों) के सामने ही पीटा गया।
#UPDATE | People have also vandalised the power plant. Police are trying to control the situation and will be controlled soon: Manish Kumar, SP Buxar, Bihar pic.twitter.com/URcCGZ8qSy
— ANI (@ANI) January 11, 2023
ताज़ा हालात क्या हैं?
पुलिस की पिटाई के खिलाफ किसान सड़कों पर उतर आए। नाराज किसानों ने कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया है। आक्रोशित किसानों ने पावर प्लांट में भी बवाल काटा। किसानों ने पावर प्लांट में जमकर तोड़-फोड़ की और आग लगा दिया। खबर है कि किसानों ने पुलिस पर भी हमला किया है। हमले में कुछ पुलिसकर्मियों के घायल होने की खबर है। साथ ही जानकारी मिली है कि पुलिस ने कुछ किसानों को हिरासत में लिया है। पुलिस का दावा है कि प्रदर्शनकारियों को खदेड़ा जा रहा है और जल्द ही हालात काबू में कर लिए जाएँगे।
क्या है मामला ?
दरअसल, चौसा में वर्ष 2010-11 से पहले ही बनारपुर गाँव में पावर प्लांट बनाने के लिए किसानों का भूमि अधिग्रहण किया गया था। किसानों को 2010-11 के सर्किल रेट के अनुसार मुआवजा दिया गया। कंपनी ने वर्ष 2022 में जमीन अधिग्रहित करने का काम शुरू किया। किसान अब वर्तमान दर से जमीन का मुआवजा माँग रहे हैं। किसानों का आरोप है कि पावर प्लांट बनाने वाली कम्पनी एसजेवीएन पुराने दर पर ही मुआवजा देकर जमीन हथिया रही है। इसे लेकर किसान तकरीबन 2 महीनों से धरना दे रहे हैं।