पश्चिम बंगाल के दिनाजपुर जिले में शनिवार (अप्रैल 10, 2021) की तड़के बिहार के एक पुलिस अधिकारी को हिंसक भीड़ ने पीट पीटकर मार डाला। घटना गोलपोखर थाने के पंतपाड़ा गाँव की है। यहाँ किशनगंज के थानाध्यक्ष एक बाइक चोरी मामले में रेड मारने अपनी टीम के साथ निकले थे। उन्हें पता चला था कि अपराधियों का कनेक्शन सीमावर्ती पश्चिम बंगाल के क्षेत्र से जुड़ा है।
हालाँकि, रेड के दौरान हिंसक भीड़ उनके सामने आई और उन्हें पीटने लगी। इस बीच पांजीपाड़ा के पुलिस अधिकारियों ने उन्हें वहाँ से बचाया और इस्लामपुर सदर अस्पताल ले गए, लेकिन वहाँ पता चला की वह जिंदा नहीं हैं।
Bihar police officer beaten to death during raid in West Bengal https://t.co/9iIZwYiXjF
— TOI Cities (@TOICitiesNews) April 10, 2021
पुलिस ने थानाध्यक्ष की मौत के बाद इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। इनकी पहचान फिरोज आलम, अबुजर आलम और शहीनूर खातून के तौर पर हुई है। वहीं, किशनगंज पुलिस द्वारा मृत अधिकारी का शव पोस्टमार्टम के बाद ले लिया गया। लेकिन, कुमार के घरवालों ने उनके शव को लेने से मना करते हुए इसे एक साजिश कहा।
कुमार के परिजनों ने टीम के अन्य पुलिसकर्मियों पर सवाल खड़े किए। परिवार जानना चाहता है कि आखिर बंगाल पुलिस को पहले इस रेड के बारे में क्यों नहीं बताया गया। परिजन इस केस में SIT जाँच की माँग कर रहे हैं, जबकि बिहार पुलिस ने कुमार की मृत्यु के बाद उनके किसी परिजन को जॉब देने की बात कही है।
बता दें कि किशनगंज थानाध्यक्ष ने बिहार पुलिस 1994 में ज्वाइन की थी। कुछ साल पहले ही उनका ट्रांस्फर हुआ था। बताया जा रहा है कि किशनगंज के SHO की हत्या शनिवार की सुबह करीब 4 बजे की गई थी। छापेमारी करने गई टीम पर भीड़ ने अचानक हमला बोल दिया। इस दौरान बाकी पुलिसकर्मी तो बच निकले, लेकिन अंधेरे में थानाध्यक्ष अश्विनी अपराधियों के हाथ लग गए। अपराधियों ने पीट-पीटकर उनकी हत्या कर दी।
इस मामले को लेकर भाजपा के पाटलिपुत्र सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री रामकृपाल यादव ने पश्चिम बंगाल सरकार और वहाँ के प्रशासन पर हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि यह घटना बंगाल में कानून-व्यवस्था की स्थिति को उजागर करने के लिए काफी है। वहाँ पूरी तरह से गुंडों का राज है।