बिहार के पूर्णिया जिले में अवैध गन फैक्ट्री का पर्दाफाश हुआ है। इसका खुलासा पश्चिम बंगाल पुलिस की STF टीम ने किया है। यहाँ बने हथियार देश के कई हिस्सों में बेचे जाते थे। अवैध हथियार बनाने वाले गौरव और सौरव चौधरी नाम के 2 भाई बताए जा रहे हैं। दोनों छापेमारी से पहले फरार हो गए। अवैध हथियार बना रहे 3 कारीगरों को गिरफ्तार कर लिया गया है। मौके से भारी मात्रा में अवैध हथियार बरामद किए हैं। छापेमारी मंगलवार (21 मार्च 2023) को की गई।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मामला पूर्णिया के थानाक्षेत्र धमदाहा का है। कुछ दिनों पहले पश्चिम बंगाल पुलिस ने बिहार में बने अवैध हथियारों के साथ 3 तस्करों को गिरफ्तार किया था। इन्होंने पूछताछ में बिहार के पूर्णिया में अवैध हथियार की फैक्ट्री होने की जानकारी दी थी। इस जानकारी पर धमदाहा थानाक्षेत्र के गाँव कुकरौन में पश्चिम बंगाल की STF ने छापा मारा। कुकरौन गाँव थाने से लगभग 15 किलोमीटर दूर है। छापेमारी के दौरान बिहार पुलिस को भी साथ लिया गया था।
Three male skilled workers namely Sahid, Sahanabaz Alam and Sahauddin and two female workers namely Puja Kumari, Arti Devi were arrested from the spot while the house owners Sourav Choudhary and Sunny Choudhary are still absconding: STF
— ANI (@ANI) March 21, 2023
बताया जा रहा है कि जिसके मकान में अवैध हथियार बन रहे थे, वे गौरव और सौरव नाम के 2 सगे भाई हैं। कहा जा रहा कि छापेमारी की भनक लगते ही दोनों भाई घर से फरार हो गए। पुलिस ने मौके से अवैध हथियार बना रहे 3 कारीगरों को गिरफ्तार किया। इनमें से मोहम्मद शाहिद और मोहम्मद शहाबुद्दीन नाम के 2 कारीगर बिहार के मुंगेर जिले के रहने वाले हैं। तीसरा कारीगर मोहम्मद सोनू उर्फ़ शाहनवाज भागलपुर जिले का रहने वाला है। पुलिस की पूछताछ में तीनों कारीगरों ने मकान में लम्बे समय से अवैध हथियार बनने की जानकारी दी है।
आज दिनांक 21.03.23 को बिहार एस.टी.एफ कोलकाता एस.टी.एफ. तथा अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी धमदाहा के नेतृत्व में पूर्णियाँ जिला बल की संयुक्त अभियान में पूर्णियाँ जिला के धमदाहा थाना अंतर्गत कुकरौन न-01 से एक व्यक्ति के घर पर छापेमारी कर मिनीगन फैक्ट्री का उदभेदन किया गया।@bihar_police pic.twitter.com/mwkrH9oWm3
— Purnea Police (@PurneaSp) March 21, 2023
गिरफ्तार हुए तीनों कारीगर शहाबुद्दीन, शाहिद और सोनू ने पुलिस को यह भी बताया कि वहाँ से बने हथियार ओडिशा, झारखंड और पश्चिम बंगाल तक बेचे जाते थे। कारीगरों को हर हथियार की बिक्री पर चौधरी भाइयों द्वारा फिक्स कमीशन मिलता था। पुलिस ने इस ठिकाने से 5 दर्जन से ज्यादा देशी कट्टा बनाने का सामान, लोहे की 60 रॉड, 50 बैरल बॉडी, 12 प्लेट बॉडी, 2 लेथ मशीनें, 16 स्लाइड, 20 अर्द्ध-निर्मित पिस्टल एवं एक तैयार देशी कट्टा बरामद किया है। पकड़े गए तीनों कारीगरों से पूछताछ चल रही है। फरार गौरव और सौरव की तलाश में दबिश दी जा रही है।