Sunday, November 17, 2024
Homeदेश-समाजBJP नेता के जवान बेटे का पेड़ से लटकता शव: पश्चिम बंगाल पुलिस बता...

BJP नेता के जवान बेटे का पेड़ से लटकता शव: पश्चिम बंगाल पुलिस बता रही आत्महत्या, तृणमूल के गुंडों पर भाजपा का आरोप

पश्चिम बंगाल पुलिस इस घटना को आत्महत्या बता रही है। पुलिस के मुताबिक, "अभी तक पीड़ित परिवार ने कोई शिकायत दर्ज नहीं करवाई है। अगर कोई शिकायत मिलती है तो हम मामले की जाँच करेंगे।"

पश्चिम बंगाल के मेदनीपुर जिले में एक भाजपा कार्यकर्ता के बेटे की लाश फाँसी पर लटकी हुई मिली है। मृतक का नाम देबाशीष मन्ना है, जिसकी उम्र लगभग 22 साल है। शव को पूरी मेदनीपुरी के खेजुरी नाम के इलाके में एक पेड़ से लटकाया गया था। देबाशीष के पिता का नाम मुक्तिपदा मन्ना है। घटना 7 मई 2022 (शनिवार) की बताई जा रही है।

पश्चिम बंगाल पुलिस इस घटना को आत्महत्या बता रही है। पुलिस के मुताबिक, “अभी तक पीड़ित परिवार ने कोई शिकायत दर्ज नहीं करवाई है। अगर कोई शिकायत मिलती है तो हम मामले की जाँच करेंगे।” वहीं इस घटना के बाद भाजपा के स्थानीय नेताओं ने ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल के कार्यकर्ताओं पर आरोप लगाया है। आपको बता दें कि गृहमंत्री अमित शाह अपने बंगाल दौरे पर फाँसी पर लटके पाए गए भाजपा कार्यकर्ता अर्जुन चौरसिया के घर गए थे।

गौरतलब है कि 6 मई 2022 को अर्जुन चौरसिया का शव घोष बागान इलाके में रेल क्वार्टर की एक खाली पड़ी बिल्डिंग में मिला था। अर्जुन की उम्र 26 साल थी।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

घर की बजी घंटी, दरवाजा खुलते ही अस्सलाम वालेकुम के साथ घुस गई टोपी-बुर्के वाली पलटन, कोने-कोने में जमा लिया कब्जा: झारखंड चुनावों का...

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने बीते कुछ वर्षों में चुनावी रणनीति के तहत घुसपैठियों का मुद्दा प्रमुखता से उठाया है।

मुस्लिम घुसपैठियों और ईसाई मिशनरियों के दोहरे कुचक्र में उलझा है झारखंड, सरना कोड से नहीं बचेगी जनजातीय समाज की ‘रोटी-बेटी-माटी’

झारखंड का चुनाव 'रोटी-बेटी-माटी' केंद्रित है। क्या इससे जनजातीय समाज को घुसपैठियों और ईसाई मिशनरियों के दोहरे कुचक्र से निकलने में मिलेगी मदद?

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -