Sunday, November 17, 2024
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कंगना मामले में BMC को बॉम्बे हाईकोर्ट की फटकार, कहा- इतनी फुर्ती दूसरी जर्जर इमारतों को तोड़ने में दिखाते तो कई हादसे टल जाते

“बीएमसी उन इमारतों के लिए कुछ नहीं कर रही है जिनकी हालत पहले ही जर्जर है। उन इमारतों के लिए बीएमसी का रवैया बेहद लापरवाही भरा है। बीएमसी ने जितनी तेज़ी कंगना का दफ्तर तोड़ने में दिखाई, उतनी ही तेज़ी दूसरे कामों में दिखाई होती तो बहुत से हादसे रोके जा सकते थे। हाल फ़िलहाल में जितनी भी दुर्घटनाएँ हुई हैं वह बीएमसी की लापरवाही का नतीजा है।”

हाल ही में बीएमसी ने कंगना के मुंबई स्थित दफ्तर पर तोड़-फोड़ की थी, आज (24 सितंबर 2020) इस मामले में सुनवाई हुई। बॉम्बे उच्च न्यायालय ने सुनवाई के दौरान बीएमसी को कड़ी फटकार लगाई है। अदालत ने फटकार लगाते हुए कहा कि बीएमसी मुंबई में गिरती इमारतों पर सुस्त रवैया अपना रही है। ख़बरों के मुताबिक़ अदालत ने बीएमसी पर इस बात को लेकर भी सवाल खड़े किए कि वह मानसून के वक्त में टूटी इमारतों को कैसे नज़रअंदाज़ कर सकते हैं। 

अदालत ने कहा, “बीएमसी उन इमारतों के लिए कुछ नहीं कर रही है जिनकी हालत पहले ही जर्जर है। उन इमारतों के लिए बीएमसी का रवैया बेहद लापरवाही भरा है। मानसून का मौसम है ऐसे में किसी भी इमारत को नज़रअंदाज़ करना बीएमसी का आलसी रवैया दिखाता है। बीएमसी ने जितनी तेज़ी कंगना का दफ्तर तोड़ने में दिखाई, उतनी ही तेज़ी दूसरे कामों में दिखाई होती तो बहुत से हादसे रोके जा सकते थे। हाल फ़िलहाल में जितनी भी दुर्घटनाएँ हुई हैं वह बीएमसी की लापरवाही का नतीजा है।” 

दरअसल हाल ही में महाराष्ट्र के भिवंडी में एक इमारत गिरी थी और इस दुर्घटना में 35 लोगों ने अपनी जान गँवाई थी। अदालत ने इस घटना को मद्देनज़र रखते हुए बीएमसी को फटकार लगाई है। जिस वक्त दुर्घटना हुई उस दौरान बहुत से लोग सो रहे थे इसलिए बहुत से लोगों की जान चली गई। इमारत के मलबे में से लगभग 4 दर्जन लोगों लोगों को निकाला भी गया था जिसमें 10 लोग फ़िलहाल अस्पताल में भर्ती हैं। पूरे बचाव अभियान के दौरान एनडीआरएफ की टीम, डॉग स्क्वायड और स्थानीय बचाव दल मौजूद था।      

बॉम्बे उच्च न्यायालय में चल रही यह सुनवाई कल तक के लिए टाल दी गई है। कल (25 सितंबर 2020) कंगना रनौत इस पूरे मामले में अपना पक्ष रखेंगी। कंगना ने इस ख़बर के सामने आते ही रीट्वीट किया और ट्वीट में लिखा ‘सत्यमेव जयते।’

इसके पहले कंगना रनौत ने इस मुद्दे पर ट्वीट किया था। ट्वीट करते हुए कंगना ने लिखा था, “उद्धव ठाकरे, संजय राउत @mybmc जब मेरा घर ग़ैर क़ानूनी तरीक़े से तोड़ रहे थे, उस वक्त उतना ध्यान इस बिल्डिंग पे दिया होता तो आज यह लगभग पचास लोग जीवित होते, इतने जवान तो पुलवामा में पाकिस्तान में नहीं मरवाए जितने मासूमों को आपकी लापरवाही मार गयी, भगवान जाने क्या होगा मुंबई का।”

गौरतलब है कि 8 सितंबर को बीएमसी ने कंगना के ऑफिस पर नोटिस चिपकाया था और अवैध निर्माण को लेकर 24 घंटे में जवाब माँगा था। लेकिन अगले दिन कंगना के मुंबई पहुँचने से पहले ही उनके ऑफिस में तोड़फोड़ की कार्रवाई शुरू कर दी गई। इसे लेकर एक्ट्रेस के वकील ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। लेकिन जब तक कोर्ट ने कार्रवाई पर रोक लगाई, तब तक बंगले को 40 फीसदी ध्वस्त कर दिया गया था। 

इसमें झूमर, सोफा और दुर्लभ कलाकृतियों समेत कई कीमती संपत्ति भी शामिल है। कंगना रनौत 9 सितंबर को मुंबई पहुँची थीं। 13 सितंबर को उन्होंने महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोशियारी से मुलाकात कर उन्हें अपने साथ हुए अन्याय के बारे में बताया था। 14 सितंबर की सुबह वे मुंबई से मनाली लौट गईं। अपने होमटाउन पहुँचने के बाद भी वे शिवसेना, कॉन्ग्रेस और महाराष्ट्र सरकार पर लगातार हमलावर हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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