मालेगाँव ब्लास्ट मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने चार आरोपितों को ज़नानत दे दी है। इन चार आरोपितों में लोकेश शर्मा, धन सिंह, राजेंद्र चौधरी और मनोहर नरवरिया के नाम शामिल हैं। इससे पहले, राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) की विशेष अदालत ने सोमवार (3 जून) को मालेगाँव विस्फोट मामले के इन चारों आरोपितों की ज़मानत याचिका ख़ारिज कर दी थी।
Malegaon blasts case: Bombay High Court grants bail to four accused Lokesh Sharma, Dhan Singh, Rajendra Chaudhary, & Manohar Narwariya.
— ANI (@ANI) June 14, 2019
स्पेशल जज वीवी पाटिल ने ज़मानत याचिका यह कहते हुए ख़ारिज कर दी थी कि अपराध की गंभीरता और आरोपी व्यक्तियों के ख़िलाफ़ लगाए गए आरोपों को ध्यान में रखते हुए, वे ज़मानत के लायक नहीं हैं।
अदालत ने इन आरोपितों के संदर्भ में कहा था कि NIA द्वारा एकत्र किए गए सबूतों को देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि ये सभी आरोपी, फरार अभियुक्तों के साथ बम तैयार करते थे, जो 8 सितंबर 2006 को मालेगाँव में लगाए गए। इस विस्फोट में 31 लोगों ने अपनी जान गंवाई और 312 लोग घायल हुए थे। वहीं, बचाव पक्ष के अधिवक्ता जेपी मिश्रा और प्रशांत माघुल ने इन चारों के शामिल होने का कोई ठोस सबूत नहीं होने का हवाला दिया था।
हाल ही में, मुंबई की विशेष NIA कोर्ट ने मालेगाँव ब्लास्ट के आरोपितों के ख़िलाफ़ सख़्त रवैया अपनाया था। दरअसल, कोर्ट का यह सख़्त रवैया आरोपितों के कोर्ट में उपस्थित न होने के लिए था। पिछले काफ़ी समय से आरोपित कोर्ट में लगातार अनुपस्थित रहे थे, इसलिए कोर्ट ने सभी आरोपितों को सुनवाई के दौरान सप्ताह में एक बार कोर्ट रूम में हाज़िरी लगाने का निर्देश दिया था।