राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) के विरोध के बाद एल्गार परिषद मामले में आरोपित कथित आदिवासी अधिकार कार्यकर्ता स्टेन स्वामी पर की गई टिप्पणी को आज (जुलाई 23, 2021) बॉम्बे हाईकोर्ट ने वापस ले लिया। जस्टिस एसएस शिंदे ने इस संबंध में कहा कि उन्हें ऐसा लगता है कि उनके कुछ कहने से NIA को दुख पहुँचा है। इसलिए वह अपने शब्द वापस लेते हैं। उन्होंने कहा कि कोर्ट हमेशा संतुलित रहने का प्रयास करता है। हालाँकि जज ने पहले की टिप्पणी को सही ठहराते हुए कहा कि वे भी इंसान हैं।
JustIn – #BombayHighCourt withdraws oral praise for Father #StanSwamy and his work, after NIA objects.
— Live Law (@LiveLawIndia) July 23, 2021
HC- Suppose you are hurt that I personally said something, I take those words back. Our endeavour is always to be balanced. But you see Mr Singh, we are also human beings… pic.twitter.com/23f0192Lm1
बता दें कि 19 जुलाई 2021 को बॉम्बे हाईकोर्ट ने स्टेन स्वामी के निधन के बाद उनकी प्रशंसा की थी। जस्टिस ने कहा था कि वह उनके द्वारा किए गए कार्यों का सम्मान करते है। न्यायमूर्ति शिंदे ने कहा था कि स्वामी के अंतिम संस्कार ने कहीं न कहीं उन्हें छुआ। वह बोले, “सामान्य तौर पर हमारे पास वक्त नहीं होता लेकिन मैंने अंतिम संस्कार (स्वामी का) देखा। यह बहुत सम्मानजनक था। वह काफी शानदार व्यक्ति थे। उन्होंने समाज के लिए काम किया था। उनके कार्य के प्रति बहुत सम्मान है। कानूनन, उनके खिलाफ जो भी है वह अलग मामला है।”
उल्लेखनीय है कि भीमा कोरेगाँव-एल्गार परिषद मामले में 84 वर्षीय स्टेन स्वामी को एनआईए ने 8 अक्टूबर 2020 को गिरफ्तार किया था। लेकिन, स्वास्थ्य समस्याओं के कारण 5 जुलाई 2021 को मुंबई के एक अस्पताल में उनका निधन हो गया। उनकी मृत्यु के बाद, जस्टिस एसएस शिंदे और जस्टिस एनजे जमादार की बॉम्बे हाईकोर्ट की बेंच ने अधिकारियों से मौत की जाँच करने को कहा था।
19 जुलाई को एक अपील, जिसमें एक्स सेंट जेवियर्स कॉलेज के प्रिंसिपल फादर फ्रेजर मस्कारेन (Principal Father Frazer Mascaren) को स्वामी की मृत्यु मामले में एक परिजन के तौर पर मजिस्ट्रियल जाँच में शामिल करने की अनुमति माँगी गई थी, उसी पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने अपनी यह टिप्पणी की। साथ ही यह बताया कि उनकी ओर से यह सुनिश्चित किया गया था कि स्टेन स्वामी की तबीयत बिगड़ने पर उन्हें हर संभव चिकित्सा सुविधा मिले। कोर्ट ने यह भी कहा कि मस्कारेन को कोर्ट से या स्टेन स्वामी के उपचार को लेकर कोई शिकायत नहीं हैं।