बॉर्नविटा कोई हेल्थ ड्रिंक नहीं है। सरकार ने ऐसा कोई गाइडलाइन नहीं जारी किया है। बॉर्नविटा ही नहीं, बल्कि ऐसे सभी पदार्थों को ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स से एनर्जी ड्रिंक्स की कैटेगिरी से हटाने के लिए कहा गया है। सरकार ने इस बारे में बाकायदा नोटिफिकेशन जारी किया है और कहा है कि इस आदेश को फौरन माना जाए।
केंद्र सरकार के वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने ई-कॉमर्स कंपनियों से बॉर्नविटा (Bourn Vita) को हेल्दी ड्रिंक कैटेगरी से हटाने से जुड़ा नोटिफिकेशन जारी किया है। नोटिफिकेशन के मुताबिक सभी ई-कॉमर्स वेबसाइट्स को अपने प्लेटफॉर्म पर बॉर्नविटा (Bourn Vita) समेत सभी पेय पदार्थों को हेल्दी ड्रिंक कैटेगरी से बाहर रखने के लिए कहा है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मंत्रालय ने नोटिफिकेशन में कहा- राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग, बाल अधिकार संरक्षण आयोग (सीपीसीआर) अधिनियम, 2005 की धारा (3) के तहत गठित एक निकाय ने जाँच किया। इस जाँच में पाया गया कि यह हेल्दी ड्रिंक के परिभाषा के अनुरूप नहीं है। हेल्दी ड्रिंक्स को खाद्य सुरक्षा प्रणाली (एफएसएस) अधिनियम 2006 के तहत परिभाषित किया गया है। नोटिफिकेशन में कहा गया है कि सभी ई-कॉमर्स कंपनियों/पोर्टलों को सलाह दी जाती है कि वे अपनी साइटों/प्लेटफॉर्मों से बॉर्नविटा सहित पेय/पेय पदार्थों को “हेल्दी ड्रिंक” की श्रेणी से हटा दें।
बता दें कि इस महीने की शुरुआत में भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने सभी ई-कॉमर्स कंपनियों को डेयरी-आधारित, अनाज-आधारित या माल्ट-आधारित पेय पदार्थों को “हेल्दी ड्रिंक” या “एनर्जी ड्रिंक” के रूप में लेबल नहीं करने का निर्देश दिया था। ऐसा इसलिए है क्योंकि “हेल्दी ड्रिंक” शब्द को देश के खाद्य कानूनों में परिभाषित नहीं किया गया है। ऐसे में गलत शब्दों का इस्तेमाल उपभोक्ताओं को गुमराह कर सकता है।
एफएसएसएआई ने स्पष्ट किया कि ‘हेल्थ ड्रिंक’ शब्द एफएसएस अधिनियम 2006 या खाद्य उद्योग को नियंत्रित करने वाले इसके नियमों और विनियमों के तहत परिभाषित या मानकीकृत नहीं है। इसके अतिरिक्त ‘एनर्जी ड्रिंक्स’ शब्द की अनुमति सिर्फ कार्बोनेटेड और नॉन-कार्बोनेटेड पानी-आधारित स्वादयुक्त पेय जैसे उत्पादों के लिए ही है।