नीरव मोदी और माल्या की मुसीबतें और बढ़ने वाली हैं। क्योंकि, ब्रिटिश कोर्ट में भारत ने प्रत्यर्पण संबंधी मामलों को लेकर कोशिशें तेज कर दी हैं। ब्रिटेन में दो हाई प्रोफाइल मामलों के लिए कोर्ट तैयार हो चुका है। जहाँ एक तरफ शराब कारोबारी विजय माल्या की हाईकोर्ट में अपील पर न्यायाधीश को फैसला लेना है वहीं दूसरी तरफ वेस्टमिंस्टर कोर्ट में हीरा व्यापारी नीरव मोदी की दूसरी जमानत अर्जी पर शुक्रवार (मार्च 29 , 2019 ) को सुनवाई होनी है।
बता दें कि नीरव मोदी 13 हजार करोड़ रुपए के पीएनबी घोटाले का मुख्य आरोपी है। उसे 20 मार्च को वेस्टमिंस्टर कोर्ट में पेश किया गया था। जहाँ जज ने उसकी पहली जमानत अर्जी को खारिज कर 29 मार्च तक हिरासत में भेज दिया था। नीरव को अभी साउथ वेस्ट लंदन की वेंड्सवर्थ जेल में रखा गया है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, नीरव मोदी को दूसरी जमानत अर्जी पर सुनवाई के लिए शुक्रवार को वेस्टमिंस्टर जेल में पेश किया जाएगा। नीरव मोदी के पक्ष ने पिछली सुनवाई में 5 लाख पाउंड की जमानत पर उसे रिहा करने की अपील की थी। अब इस बार देखना है कि कोर्ट में नीरव की जमानत के लिए क्या पैंतरा अपनाया जाता है। यदि नीरव की जमानत अर्जी दूसरी बार खारिज होती है तो इस दिशा में आगे सुनवाई और पेपर वर्क का दौर चलेगा।
वेस्टमिंस्टर कोर्ट में नीरव की दूसरी जमानत अर्जी पर संभव है कि माल्या के प्रत्यर्पण का आदेश देने वाले जज ही सुनवाई करें। नीरव के खिलाफ वारंट जारी होने के बाद स्कॉटलैंड यार्ड ने उसे 19 मार्च को गिरफ्तार किया था।
बता दें कि केंद्रीय जाँच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम इस मामले में सुनवाई से पहले लंदन पहुँच गई हैं। दोनों टीमें भारत का पक्ष रख रही ‘क्राउन प्रॉसीक्यूशन सर्विसेज’ (सीपीएस) के साथ शुक्रवार की सुनवाई में शामिल होंगी।
इससे पहले सीपीएस ने पिछली सुनवाई में नीरव मोदी की पहली जमानत अर्जी का विरोध किया था। सीपीएस ने दलील दी थी कि नीरव के पास एक से अधिक पासपोर्ट दर्शाते हैं कि वह लगातार भारत से भागने की फिराक में है। यहाँ तक कि वह भारतीय कोर्ट के कई समन जारी होने के बाद भी पेश नहीं हुआ। उसने कई बार कानून का उल्लंघन किया है। इसके बाद वेस्टमिंस्टर कोर्ट ने उसकी अर्जी खारिज कर दी थी कि इस बार नीरव को रिहा किया तो वापस पकड़ में नहीं आएगा।
ब्रिटेन न्यायपालिका के प्रवक्ता ने माल्या के मामले में कहा कि सभी दस्तावेज तैयार हैं, अब एकल जज के आवंटन और इन कागजों पर संज्ञान लेने का इंतजार है। जज इन दस्तावेजों को देखकर फैसला सुनाएँगे कि क्या माल्या की अर्जी पर आगे सुनवाई की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस मामले में निर्णय पर न्यायाधीश के लिए कोई तय समय सीमा नहीं है लेकिन आसार हैं कि अगले कुछ महीनों में इस पर फैसला आ जाएगा। माल्या के भारत को प्रत्यर्पण का हाईकोर्ट आदेश दे चुका है जिस पर सरकार में गृह सचिव साजिद जाविद ने भी पिछले महीने मुहर लगा दी है। माल्या ने इसके खिलाफ अपील की है।
बता दें कि किंगफिशर एयरलाइंस के पूर्व मालिक विजय माल्या भारतीय बैंको से धोखाधड़ी और करीब 9 हजार करोड़ रुपए के धनशोधन मामले में वांछित है। माल्या भारत से भागकर लंदन पहुँचा था जिसके बाद उसके प्रत्यर्पण के लिए भारत ने अर्जी दी थी।
इस मामले में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एम्मा अर्बुथनॉट ने पिछले साल दिसंबर में अपने फैसले में कहा था कि साक्ष्य बताते हैं कि माल्या ने धोखाधड़ी की है। माल्या को भारतीय कोर्ट में इस धोखाधड़ी पर जवाब देना चाहिए। जज ने माल्या को भारत को प्रत्यर्पित करने का फैसला सुनाया था।
देश के पैसे लूटकर भागने वालों में एक सबसे बड़ा नाम विजय माल्या का है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने माल्या के ख़िलाफ़ बड़ी कार्रवाई करते हुए उसके यूनाइटेड ब्रुअरीज होल्डिंग्स लिमिटेड के 74 लाख शेयरों की बिक्री की। ईडी के मुताबिक इस बिक्री प्रक्रिया में 1,008 करोड़ की राशि प्राप्त हुई है।
ईडी की मानें तो विजय माल्या के ख़िलाफ़ चल रही मनी लॉन्ड्रिंग जाँच के चलते एजेंसियों ने उनके शेयरों को जब्त किया था। जो कि यस बैंक के पास पड़े थे। साथ ही कर्नाटक उच्च न्यायालय ने हाल ही में बैंक को कर्ज वसूली के लिए डेट रिकवरी ट्रिब्यूल को देने का आदेश दिया था।