बिजनौर की दिल दहला देने वाली घटना में एक मृतक के बेटे ने अब्बा के कथित कातिलों को सीजेएम के सामने ही मौत के घाट उतार दिया है। वारदात में मृतक हत्यारोपित का दूसरा साथी भाग निकला है, और एक न्यायिक अधिकारी भी गोली लगने से घायल हो गए हैं। दिन-दहाड़े हुए इस हत्याकाण्ड के बाद हमलावर और उसके साथियों को पुलिस ने अदालत में ही कैद कर दिया है। अदालत के परिसर में भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है।
अक्टूबर में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने अंसारी गैंग के ‘किंगपिन’/सरगना शाहनवाज अंसारी और उसके शार्प शूटर जब्बार अंसारी को गिरफ्तार कर लिया था। दोनों ही शातिर अपराधी बहुजन समाजवादी पार्टी के नेता हाजी अहसान और उनके भाँजे शादाब के डबल मर्डर मामले में उत्तर प्रदेश में वांछित थे।
हाजी अहसान और शादाब के दोहरे हत्याकांड की पोल तब खुली जब उनकी हत्या की साजिश में शामिल होने के आरोप में शूटरों को बाइक से ले जाने वाले दानिश को पुलिस ने धर दबोचा। उसने शाहनवाज और शादाब के बारे में पुलिस को बताया। उसकी दी गई जानकारी के अनुसार इस हत्या की सुपारी के पीछे शाहनवाज का न केवल संपत्ति विवाद, बल्कि उसकी ‘डॉन’ बनने की चाह भी कारक थे। पुलिस तब से दोनों शूटरों के अतिरिक्त शाहनवाज की भी खोज में थी। अंततः दिल्ली में 12 अक्टूबर को शाहनवाज व जब्बार पुलिस की हिरासत में आ गए थे। तब से दिल्ली जेल में बंद शाहनवाज को इस पेशी के लिए ही बिजनौर लाया गया था।
मीडिया खबरों के अनुसार आज सीजेएम योगेश कुमार के सामने शाहनवाज अंसारी की हत्या करने वाला साहिल हाजी अहसान का ही बेटा बताया जा रहा है। वह वहाँ दो अन्य शार्प शूटरों के साथ मौजूद था। बताया जा रहा है कि तीनों ने मिलकर तकरीबन 20 राउंड फायरिंग की है। इसमें हेड मोहर्रिर मनीश भी गोली लगने से घायल हो गए हैं। इसके अतिरिक्त दो पुलिस वाले भी घायल हुए हैं, जिन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
दैनिक भास्कर की खबर के अनुसार भागने वालों में जब्बार के अलवर एक अन्य आरोपित नाजिर भी है।
नवभारत टाइम्स ने एसपी संजीव त्यागी के हवाले से लिखा है कि साहिल ने इस हत्याकाण्ड को अंजाम जज के सामने देने के पहले कोर्टरूम के दरवाजे भी बंद करा दिए थे।